Iran और America के राजदूतों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पहली बार की सीधी बातचीत

मस्कट। ईरान और अमेरिका के राजदूतों ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रमों पर शनिवार को बातचीत की और अगले सप्ताह दोनों के बीच इस मामले में दूसरे दौर की बातचीत होगी। ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने अपनी एक खबर में यह जानकारी दी। ईरान के सरकारी प्रसारक ने शनिवार को खुलासा किया कि पश्चिम एशिया के लिए अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ और ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने ‘‘संक्षेप में बातचीत’’ की। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के बाद से यह पहली बार है कि दोनों देशों ने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर आमने सामने की बातचीत की है।खबर में बताया गया कि भले ही दोनों पक्षों के बीच संक्षिप्त बातचीत हुई लेकिन यह वार्ता अच्छी रही। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय एवं आवास व्हाइट हाउस ने शनिवार दोपहर एक बयान जारी किया और बातचीत को ‘‘बेहद सकारात्मक तथा रचनात्मक’’ करार दिया। हालांकि बयान में यह भी कहा गया कि जिन मुद्दों का हल तलाशा जाना हैं वे ‘‘बेहद जटिल हैं।’’ इसे भी पढ़ें: Ukraine का दावा, Russia ने कीव में एक भारतीय दवा कंपनी के गोदाम पर हमला कर उसे नष्ट कर दियाव्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘विशेष दूत विटकॉफ का आज का सीधा संवाद पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम प्राप्त करने की दिशा में एक कदम है।’’अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए मियामी जाते समय ‘एयर फ़ोर्स वन’ विमान में संवाददाताओं से कहा कि बातचीत ‘‘ठीक दिशा में हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आपको नहीं बता सकता क्योंकि जब तक ये पूरी नहीं हो जाएं तब तक कुछ भी मायने नहीं रखता इसलिए मुझे इसके बारे में बात करना पसंद नहीं है लेकिन ये ठीक दिशा में हो रही हैं।’’ ईरान और अमेरिका की ओर से जारी बयानों के अनुसार अगले दौर की बातचीत अगले शनिवार 19 अप्रैल को होगी। इसे भी पढ़ें: पश्चिम एशिया के लिए अमेरिकी समाचार टीवी चैनल ने वित्तपोषण में कटौती के बाद कर्मचारियों को हटायाईरान के विदेश मंत्री और अमेरिकी राजदूत के बीच पहली दौर की वार्ता ओमान की राजधानी मस्कट के बाहरी इलाके में एक स्थान पर दो घंटे से अधिक समय तक हुई। यह बातचीत स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुई और शाम करीब 5:50 बजे समाप्त हुई।ओमान के विदेश मंत्री बदर अल-बुसैदी ने कहा कि दोनों देशों का एक निष्पक्ष और बाध्यकारी समझौते को अंतिम रूप देने का साझा लक्ष्य है। अल-बुसैदी ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ मैं इस बातचीत के लिए अपने दोनों सहयोगियों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। यह वार्ता अंततः क्षेत्रीय और वैश्विक शांति, सुरक्षा और स्थिरता हासिल करने के पक्ष वाली थी।’’दरअसल ईरान के परमाणु कार्यक्रमों को लेकर दोनों देशों के बीच खासा तनातनी है। ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो अमेरिका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर हवाई हमले करेगा। वहीं ईरानी अधिकारी भी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को संवर्धित करके परमाणु हथियार बना सकते हैं।

Apr 13, 2025 - 13:39
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Iran और America के राजदूतों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पहली बार की सीधी बातचीत
Iran और America के राजदूतों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पहली बार की सीधी बातचीत

Iran और America के राजदूतों ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर पहली बार की सीधी बातचीत

Haqiqat Kya Hai

भोपाल: ईरान और अमेरिका के राजदूतों ने हाल ही में तेहरान के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में पहली बार सीधी बातचीत की है। यह संवाद ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच tensions एक नई सीमा तक पहुंच चुकी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी के बीच इस मुद्दे पर एक संतुलन लाने की कोशिश की जा रही है। इस वार्ता की सफलता से क्षेत्र में संभावित शांति और सुरक्षा की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।

बातचीत का महत्व

तेहरान का परमाणु कार्यक्रम न केवल ईरान के लिए बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय रहा है। अमेरिका का उद्देश्य ईरान को अपने परमाणु गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए मना करना है। यह पहली बार था जब दोनों पक्षों ने सीधे संवाद स्थापित किया, जो कि एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बातचीत में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने अपने दृष्टिकोण को खुलकर रखा और इसे संवाद के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया।

आगे क्या होगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस बातचीत का सकारात्मक परिणाम निकलता है, तो इससे ईरान की स्थिरता में सुधार होगा और मध्य पूर्व में सुरक्षा की स्थिति में वृद्धि हो सकती है। अमेरिका और ईरान के बीच की तनावपूर्ण स्थिति ने पहले से ही क्षेत्रीय सुरक्षा पर नकारात्मक असर डाला है। इसलिए, इसे एक आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस बातचीत पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं। यूरोप, रूस और चीन ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और ईरान-अमेरिका बातचीत को एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखा है। यह वार्ता न केवल वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती है, बल्कि भविष्य में अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की संभावनाएं खोलेगी।

निष्कर्ष

ईरान और अमेरिका के राजदूतों के बीच शुरू हुई यह सीधी वार्ता मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि ये बातचीत सफल होती हैं, तो इससे भविष्य में न केवल इन दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होंगे, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति भी मजबूत होगी। हमें उम्मीद है कि इस संवाद को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष सकारात्मक रुख अपनाएंगे।

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