China हाई-टेक हथियारों से पाकिस्तान को कर रहा लैस, दिया 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट, रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा

चीन ने पाकिस्तान को जे-35ए स्टेल्थ फाइटर जेट सौंप दिया है। पहली तैनाती स्कार्दू एयरबेस पर हुई है। पाक दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया है जिसके पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। डील के तहत चीन पाक को कुल 40 जे-35ए देगा। 12 दूसरी खेप के तहत अगस्त में मिलेंगे। ये पांचवी पीढ़ी के हैं। स्टेल्थ तकनीक से लैस होने के चलते ये राडार से बचने में सक्षम है। भारत के पास अभी कोई स्टेल्थ फाइटर जेट नहीं है।  चीन के अगली पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों की शीघ्र डिलीवरी दक्षिण एशिया में वायु शक्ति संतुलन को बदल सकती है। भारत रूसी Su-30MKI और फ्रेंच राफेल जेट जैसे प्लेटफार्मों के साथ अपनी वायु सेना का आधुनिकीकरण जारी रखता है, लेकिन दोनों में से किसी के पास J-35A की स्टील्थ क्षमताएं नहीं हैं। यह सौदा चीन के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट के पहले ज्ञात निर्यात को भी दर्शाता है, जो वैश्विक हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में उसकी महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है।इसे भी पढ़ें: क्रिप्टो करेंसी पार्टी या चीन के साथ एक बड़ी डील, ट्रंप अमेरिका से कुछ छिपा रहे हैं?ये चीन का दूसरा 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान है। पहला जे-20 है। 7000 किलो हथियार ले जाने में सक्षम । फोल्डिंग विंग्स से लैस ये 6 पीएम-15ई हवा-से-हवा मिसाइलें ले जा सकता है। ये अमेरिकी एफ-35 से मिलता-जुलता है। इसकी स्पीड 2500 किमी, एफ-35 की 1900 किमी है। रेंज 1,200 किमी है, जो एफ-35 की 2,220 किमी से कम है।इसे भी पढ़ें: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के दाखिले पर बैन, भड़क उठा चीन, बताया शिक्षा का राजनीतिकरण2026 के अंत में योजना बनाई गई, पाकिस्तान को अब छह महीने पहले जे-35ए लड़ाकू विमानों का पहला बैच मिलने की उम्मीद है, संभवतः अगस्त 2025 तक शुरुआती 30 जेट विमानों के लिए। यह तेजी उच्च स्तरीय कूटनीतिक और सैन्य आदान-प्रदान के बाद आई है, जिसमें पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल ज़हीर अहमद बाबर की बीजिंग यात्रा और जनरल झांग यूक्सिया की इस्लामाबाद यात्रा शामिल है। पाकिस्तान का लक्ष्य भारत के साथ गुणात्मक वायुशक्ति अंतर को कम करना है, जो अभी भी गैर-स्टील्थ प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करता है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट कहती है कि देश के पायलट पहले से ही चीन में J-35A पर प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो इस्लामाबाद की अपने बेड़े में नए स्टील्थ लड़ाकू विमानों को शामिल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, हाल ही में एक्स पर एक पाकिस्तानी वायुसेना के प्रशंसक द्वारा पोस्ट की गई पोस्ट में J-35 को परीक्षण उड़ान में दिखाया गया है, जिससे विमान के जल्द ही आने की उम्मीद और बढ़ गई है।Latest World News in Hindi at Prabhasaksh 

May 25, 2025 - 09:39
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China हाई-टेक हथियारों से पाकिस्तान को कर रहा लैस, दिया 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट, रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा
China हाई-टेक हथियारों से पाकिस्तान को कर रहा लैस, दिया 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट, रडार की पकड़ में भी नहीं आएगा

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चीन ने पाकिस्तान को जे-35ए स्टेल्थ फाइटर जेट सौंप दिया है, जो कि युद्ध के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। पाकिस्तान अब दक्षिण एशिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसके पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। यह सौदा क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की क्षमता रखता है। पहले स्कार्दू एयरबेस पर तैनात किए गए इस विमान की डील के तहत पाकिस्तान को कुल 40 जे-35ए मिलेंगे।

चीन-पाकिस्तान हथियार सौदा

चीन का यह कदम कुल मिलाकर वैश्विक स्तर पर सुरक्षा और सैन्य मामलों में बैलेंस को प्रभावित कर सकता है। पहली तैनाती के साथ ही, पाकिस्तान ने चीन के साथ अपने सैन्य सहयोग को नए स्तर पर पहुँचाया है, जिससे उसके लिए एक नई टेक्नोलॉजी का उपयोग संभव हो सका है। जे-35ए, स्टेल्थ तकनीक से लैस, रडार से बचने में सक्षम है, और यह किसी भी व्यवहारिक स्पाईग के लिए बहुत बड़ी चुनौती प्रस्तुत करेगा।

भारत का संदर्भ

भारत, जो अपने Su-30MKI और राफेल जेट जैसे प्लेटफार्मों के साथ अपनी वायु सेना का आधुनिकीकरण कर रहा है, अभी भी स्टेल्थ लड़ाकू विमानों के क्षेत्र में पीछे है। जे-35ए की स्टेल्थ क्षमताएं भारत के मौजूदा विमानों की तुलना में अधिक प्रभावशाली हैं। ऐसे में भारत को अब अपने सामरिक दृष्टिकोण का पुनर्निरीक्षण करना होगा।

तकनीकी विशेषताएँ

जे-35ए विमान में 7000 किलो तक का हथियार ले जाने की क्षमता है। यह 6 पीएम-15ई हवा-से-हवा मिसाइलों को ले जा सकता है और इसकी अधिकतम स्पीड 2500 किमी प्रति घंटे है। यह अमेरिकी F-35 से मिलता-जुलता है, लेकिन इसकी रेंज 1,200 किमी है, जो F-35 की 2,220 किमी से कम है। यह तकनीकी विशेषताएँ अपेक्षाकृत चुनौतीपूर्ण हैं और इस्लामाबाद को एक बड़ा सैन्य लाभ दे सकती हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

पाकिस्तान को उम्मीद है कि उसे जे-35ए विमानों का पहला बैच 2025 तक मिला सकेगा। यह उम्मीद उस समय पर निर्भर करेगी जब चीन द्वारा उच्च स्तरीय कूटनीतिक और सैन्य संबंधों की प्रगति जारी रहेगी। वर्तमान में पाकिस्तान के पायलट पहले से ही चीन में इन नए स्टेल्थ लड़ाकू विमानों पर प्रशिक्षण ले रहे हैं, जिससे इसकी स्वदेशी अप्राप्तियों में तेजी आई है।

हाल ही में एक वीडियो में J-35 को परीक्षण उड़ान में भी दिखाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह विमान जल्द ही वायु शक्ति के क्षेत्र में पाकिस्तान के सबसे अहम संपत्तियों में से एक बनेगा।

यहाँ यह अनुरोध करना उचित होगा कि इस सौदे के बाद पाकिस्तान के द्वारा की जाने वाली संभावित सैन्य तैयारियों को श्रेणीबद्ध किया जा सकता है।

इन सभी स्थितियों के अलावा, इन नई तकनीकों और लड़ाकू विमानों की डिलीवरी से न केवल क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव पड़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक नया सैन्य युग शुरू हो सकता है।

अंत में, यह कहना सही होगा कि चीन का यह कदम न केवल पाकिस्तान को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि यह दक्षिण एशिया की शक्ति संतुलन में भी बदलाव ला सकता है। इस परिवर्तन के विभिन्न प्रभावों को देखते हुए, हमें इसकी प्रगति पर ध्यान देना होगा।

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