14वीं CEO बैठक में बोले जयशंकर, डिजिटल युग करता है विश्वास और पारदर्शिता की मांग

14वीं भारतीय फ्रांस सीईओ बैठक में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम स्वतंत्र मानसिकता की परंपरा वाले दो राष्ट्र हैं। इसे अलग-अलग समय पर तीसरे तरीके के रूप में, रणनीतिक स्वायत्तता के रूप में, या एक बहुध्रुवीय दुनिया के रूप में व्यक्त किया गया है... हम एक-दूसरे की स्थिति को मजबूत करने और अपने सहयोग को समकालीन विश्व मामलों का एक महत्वपूर्ण तत्व बनाने के लिए भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जितना अधिक हम एक-दूसरे के साथ करते हैं, उतना ही हम अपनी स्थिति मजबूत करते हैं, और उतना ही महत्वपूर्ण, अस्थिर और अनिश्चित समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करते हैं। इसे भी पढ़ें: क्रांतिकारी कैदी की आजादी की चाह में समुंदर में छलांग, PM मोदी की मार्सिले विजिट और इसका सावरकर कनेक्शन क्या है?जयशंकर ने कहा कि साझेदारी का वास्तविक अर्थ तभी होता है जब वे जमीन पर उतरती हैं और यह जिम्मेदारी काफी हद तक व्यवसाय जगत में आप सभी की है। जैसे-जैसे हमारे संबंध परिपक्व हो रहे हैं, व्यवसाय की भूमिका का विस्तार हो रहा है। हम खरीदार-विक्रेता चरण से अधिक सहयोग की ओर बढ़ रहे हैं, यहां तक ​​कि सह-डिजाइनिंग और सह-उत्पादन की ओर भी, मेक इन इंडिया पहल ने इस संबंध में कई नई संभावनाएं खोली हैं।इसे भी पढ़ें: हमारे सिख धर्मगुरुओं...फ्रांस में PM मोदी के सामने ये क्या हो गया, 2 मिनट के वीडियो के आखिरी 10 सेकेंड देख रह जाएंगे हैरानजयशंकर ने कहा कि हम एआई एक्शन समिट के मौके पर मिल रहे हैं। डिजिटल युग विश्वास और पारदर्शिता की मांग करता है। ये वास्तव में हमारे बीच साझा गुण हैं। शिखर सम्मेलन अपने आप में एक अनुस्मारक है कि हम एआई, सॉफ्टवेयर विकास और साइबर सुरक्षा में कितना कुछ कर सकते हैं। 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष नामित किया गया है। समान रूप से, हमें इस प्रमुख क्षेत्र में वैश्विक प्रवचन को आकार देने की जरूरत है, केवल एक बहुध्रुवीय दुनिया यह सुनिश्चित कर सकती है कि एआई कम से कम पूर्वाग्रह के साथ विकसित हो। 

Feb 11, 2025 - 20:39
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14वीं CEO बैठक में बोले जयशंकर, डिजिटल युग करता है विश्वास और पारदर्शिता की मांग
14वीं CEO बैठक में बोले जयशंकर, डिजिटल युग करता है विश्वास और पारदर्शिता की मांग

14वीं CEO बैठक में बोले जयशंकर, डिजिटल युग करता है विश्वास और पारदर्शिता की मांग

Haqiqat Kya Hai

लेखिका: प्रिया गुप्ता, टीम नेटानगरि

परिचय

भारत सरकार के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में 14वीं CEO बैठक में भाग लिया, जहाँ उन्होंने डिजिटल युग के महत्व और इसके साथ आ रही आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस नए युग में विश्वास और पारदर्शिता का होना अत्यंत आवश्यक है। इस लेख में हम उनके विचारों को विस्तार से समझेंगे और यह जानेंगे कि कैसे डिजिटल परिवर्तन विश्व में बदलाव ला रहा है।

डिजिटल परिवर्तन की आवश्यकता

जयशंकर ने कहा कि डिजिटल युग में डेटा की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई है। डेटा के आधार पर निर्णय लेना, न सिर्फ सरकारों बल्कि व्यवसायों के लिए भी आवश्यक हो गया है। उन्होंने बताया कि आज का युग अधिकतर जानकारी और संचार तकनीक पर निर्भर है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।

विश्वास और पारदर्शिता

बैठक के दौरान, जयशंकर ने यह भी कहा कि विश्वास डिजिटल सिस्टम का सबसे बड़ा आधार है। बिना विश्वास के, कोई भी प्रणाली सफल नहीं हो सकती। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे सफल व्यवसायों ने पारदर्शिता को अपनाया है और अपने ग्राहकों के साथ विश्वास का माहौल बनाया है।

भारत की भूमिका

जयशंकर ने उल्लेख किया कि भारत इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास में गति लाई है, जिससे स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों के लिए नई संभावनाएँ खुली हैं। उनका कहना था कि भारत की यह पहल न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि अनगिनत रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी।

निष्कर्ष

14वीं CEO बैठक में जयशंकर के विचार न केवल प्रेरणादायक थे, बल्कि वे डिजिटल परिवर्तन के महत्व को समझने में भी सहायक साबित हुए। ऐसा लगता है कि भारत इस नए युग में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देकर अपने वैश्विक स्थान को मजबूत करेगा। इस दिशा में और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है ताकि भारत और उसकी जनता एक डिजिटल और पारदर्शी भविष्य की ओर बढ़ सके।

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