Balraj Sahni Birth Anniversary: दिग्गज कलाकार ही नहीं क्रांतिकारी भी थे बलराज साहनी, ऐसे शुरू किया था फिल्मी सफर

बॉलीवुड में अपने दमदार अभिनय से पहचान बनाने वाले अभिनेता बलराज साहनी का 01 मई को जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी अदाकारी के जरिए आम आदमी की कहानी को पर्दे पर दिखाने का काम किया था। वह सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं बल्कि क्रांतिकारी भी थे। वह इकलौते ऐसे अभिनेता थे, जिन्होंने महात्मा गांधी से मुलाकात की थी। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर अभिनेता बलराज साहनी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...जन्म और परिवारपंजाब के रावलपिंडी में 01 मई 1913 में बलराज साहनी का जन्म हुआ था। इनका असली नाम युद्धिष्ठिर था। बलराज ने अपनी शिक्षा गवर्नमेंट कॉलेज (लाहौर) और गार्डन कॉलेज से पूरी की थी। इंग्लिश लिटरेचर में अपनी मास्टर्स की डिग्री पूरी करने के बाद बलराज रावलपिंडी वापस आ गए और अपने परिवार का बिजनेस संभालने लगे। उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखने से पहले महात्मा गांधी के सेवाग्राम आश्रम में भी काम किया था।इसे भी पढ़ें: Manna Dey Birth Anniversary: मुश्किल गाना गाने में मन्ना डे को हासिल थी महारथ, जानिए दिलचस्प बातेंफिल्मी करियरफिल्मों में अपने किरदारों की वजह से बलराज साहनी दर्शकों के दिलों पर राज करते थे। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत फिल्म 'हलचल' से की थी। इस फिल्म में बलराज साहनी ने जेलर का किरदार निभाया था। इसी दौरान एक खबर आई कि कम्युनिस्ट पार्टी का जुलूस निकलने वाला है। जिसमें बलराज साहनी ने भी हिस्सा लिया, लेकिन तभी वहां पर हिंसा शुरू हो गई और पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया। बलराज साहनी 3 महीने जेल में रहे और वह सिर्फ फिल्म की शूटिंग के लिए जेल से बाहर आते थे।कई फिल्मों में किया कामबलराज साहनी ने हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्रियों के साथ काम किया है, जिसमें, नूतन, वैयजंती माला, मीना कुमारी, पद्मिनी और नरगिस जैसी अभिनेत्री शामिल हैं। बलराज साहनी की फिल्मों की बात करें, तो उन्होंने सुट्टा बाजारा, घर संसार, बिंदिया, सीमा, सोने की चिड़िया, भाभी की चूड़ियां, लाजवंती जैसी फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा उन्होंने पंजाबी फिल्म 'नानक दुखिया सब संसार' फिल्म में भी काम किया।लेखन के शौकीनबलराज साहनी न सिर्फ बेहतरीन अभिनेता बल्कि एक अच्छे लेखक भी थे। वह साल 1960 में पाकिस्तान गए थे और उन्होंने 'मेरा पाकिस्तानी सफरनामा' नामक किताब लिखी थी। वहीं साल 1969 में सोवियत यूनियन के टूर के बाद बलराज साहनी ने 'मेरा रूसी सफरनामा' किताब लिखी थी। इस किताब के लिए उनको 'सोवियत लेंड नेहरू अवॉर्ड' से नवाजा गया था। इसके अलावा उन्होंने कई कहानियां, कविताएं लिखी हैं। मृत्युवहीं 13 अप्रैल 1973 को अभिनेता बलराज साहनी का कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया था।

May 2, 2025 - 00:39
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Balraj Sahni Birth Anniversary: दिग्गज कलाकार ही नहीं क्रांतिकारी भी थे बलराज साहनी, ऐसे शुरू किया था फिल्मी सफर
Balraj Sahni Birth Anniversary: दिग्गज कलाकार ही नहीं क्रांतिकारी भी थे बलराज साहनी, ऐसे शुरू किया था फिल्मी सफर

Balraj Sahni Birth Anniversary: दिग्गज कलाकार ही नहीं क्रांतिकारी भी थे बलराज साहनी, ऐसे शुरू किया था फिल्मी सफर

Haqiqat Kya Hai

हर साल 1 मई को भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता बलराज साहनी की जयंती मनाई जाती है। बलराज साहनी का नाम भारतीय फिल्म उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनके अभिनय में एक अलग गहराई और संवेदना थी, जिसने न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि समाज के विभिन्न मुद्दों पर भी प्रकाश डाला। आज हम बलराज साहनी के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्होंने न केवल फिल्मों में, बल्कि समाज के सुधार में भी योगदान दिया।

अभिनय कॅरियर की शुरुआत

बलराज साहनी का जन्म 1 मई, 1913 को पाकिस्तान के एक छोटे से गांव में हुआ था। वे अपने समय के एक प्रमुख हिंदी साहित्यकार और थिएटर निर्देशक भी थे। उनका फिल्मी सफर 1946 में 'आजादी की राह' से शुरू हुआ। इस फिल्म ने उन्हें एक प्रतिभाशाली अभिनेता के रूप में पहचान दिलाई।

स्थायी छाप और प्रभाव

बलराज साहनी ने अपनी फिल्मों में समाज के वास्तविक मुद्दों को उकेरा। उन्होंने 'दो बीघा ज़मिन', 'गर्म हवा', और 'हमराही' जैसी कालजयी फिल्मों में काम किया। उनके द्वारा निभाए गए किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। बलराज केवल एक अभिनेता ही नहीं, बल्कि एक विचारक और क्रांतिकारी भी थे।

समाज के प्रति जिम्मेदारी

बलराज साहनी न केवल अभिनय के माध्यम से बल्कि सामाजिक कार्यों के जरिए भी लोगों की भलाई के लिए काम करते थे। उन्होंने कई नेशनलिस्ट आंदोलनों में भाग लिया और अपने विचारों को फिल्म निर्माताओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर फैलाया। उनका मानना था कि सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज का आयना होना चाहिए।

निष्कर्ष

आज बलराज साहनी की जयंती पर हमें उनकी कला और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को याद रखना चाहिए। वे न केवल एक अद्भुत अभिनेता थे, बल्कि एक ऐसे मानवतावादी थे जिन्होंने अपने जीवन में कई बदलाव लाने का प्रयास किया। उनकी सोच और कार्य हमें प्रेरित करते हैं कि हम भी समाज की भलाई के लिए कुछ करें।

उनकी कला और प्रतिबद्धता को याद करते हुए, हम सभी को उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। बलराज साहनी की जयंती पर उन्हें श्रृद्धांजलि।

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