4 दिन में दूसरे वांटेड पर शिकंजा, भारतीय अधिकारी करने वाले हैं बेल्जियम का दौरा, मेहुल चौकसी से मोदी लेंंगे पाई-पाई का हिसाब
पंजाब नैशनल बैंक के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में भगोड़ा घोषित किए गए हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। भारतीय एजेंसियां विदेश मंत्रालय के सहयोग से चोकसी को भारत लाने की कोशिशें कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार भारतीय अधिकारियों की एक टीम भी बेल्जियम का दौरा करने वाली है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू हो सके। विभाग ने कहा कि बेल्जियम के अधिकारी चोकसी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्यवाही की तैयारी कर रहे हैं, जबकि उसके लिए कानूनी सलाहकार भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मेहुल चोकसी को 12 अप्रैल, 2025 को गिरफ्तार किया गया था। उसे आगे की न्यायिक कार्यवाही की प्रत्याशा में हिरासत में रखा गया है। इसे भी पढ़ें: कौन है दुबई मैन... तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लेने की तैयारीउसके कानूनी सलाहकार तक पहुंच सुनिश्चित की गई है। विभाग के एक प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि बेल्जियम संघीय लोक सेवा न्याय इस बात की पुष्टि कर सकता है कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध पेश किया। वो अपनी खराब सेहत के आधार पर जमानत लेने की कोशिश में है। मेहुल और भतीजे नीरव मोदी को लेकर देश में सियासत भी होती रही है। खबरों के मुताबिक, मेहुल को सीबीआई के अनुरोध पर वहां पकड़ा गया है। सीबीआई ने उसे अदालत से भगोड़ा घोषित कराकर रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी कर रखा था। उस नोटिस के बारे में फिलहाल कन्फ्यूजन है।इसे भी पढ़ें: भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा मेहुल चौकसी, बेल्जियम में हुआ गिरफ्तारसूत्रों के अनुसार, भारतीय अधिकारी मेहुल चोकसी मामले में अगली सुनवाई के लिए बेल्जियम जाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वे पहले से ही कानूनी रणनीति तैयार कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह जेल में ही रहे और प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू हो सके। सूत्रों ने बताया कि भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि सबूतों के आधार पर बेल्जियम की अदालत भगोड़े कारोबारी के खिलाफ प्रत्यर्पण कार्यवाही के उनके अनुरोध को स्वीकार कर लेगी। चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी, उसकी पत्नी अमी मोदी और उसके भाई नीशाल मोदी के साथ सरकारी पंजाब नेशनल बैंक में 12,636 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। 2018 में चोकसी भारत से भाग गया और एंटीगुआ की नागरिकता ले ली।

4 दिन में दूसरे वांटेड पर शिकंजा, भारतीय अधिकारी करने वाले हैं बेल्जियम का दौरा, मेहुल चौकसी से मोदी लेंंगे पाई-पाई का हिसाब
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: सुमन शर्मा, टीम नेटानागरी
हाल ही में भारतीय जांच एजेंसियों ने देश के कुछ सबसे वांटेड अपराधियों पर शिकंजा कसने का संकल्प लिया है। मात्र चार दिनों के भीतर, दूसरा वांटेड व्यक्ति अपने पैरों तले आया है। रिपोर्टों के अनुसार, भारतीय अधिकारी जल्द ही बेल्जियम का दौरा करने वाले हैं, जहां वे भगोड़े उद्योगपति मेहुल चौकसी से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं। यह कदम देश में चल रहे आर्थिक घोटालों और अन्य अपराधों के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया का एक हिस्सा है।
मेहुल चौकसी का मामला
मेहुल चौकसी, जिन्हें पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में प्रमुख भूमिका के लिए जाना जाता है, पिछले कुछ वर्षों से भारत से फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए भारत सरकार लगातार प्रयासरत है। चौकसी पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी बैंक से करोड़ों रुपये का ठग लिया है। अब जब भारतीय अधिकारी बेल्जियम जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या चौकसी भारतीय कानून के सामने स्वयं को पेश करेंगे या अपने खिलाफ चल रही जांच में कोई नई तकनीकी या कानूनी चुनौती देंगे।
अधिकारी और उनकी रणनीतियाँ
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चौकसी से पाई-पाई का हिसाब लेना है। अधिकारी इस मामले का निपटारा करने के लिए विभिन्न तकनीकी उपायों और भागीदार देशों के साथ सहयोग की सख्त आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। यह कदम न केवल चौकसी बल्कि अन्य वांटेड अपराधियों के लिए भी एक सख्त संदेश भेजता है कि भारतीय एजेंसियाँ किसी भी हाल में कानून को अपने हाथ में लेने नहीं देंगी।
भारत-बेल्जियम संबंध
भारत और बेल्जियम के बीच बढ़ते सुरक्षात्मक और कारोबारी संबंधों ने इस दौरे की अहमियत को और बढ़ा दिया है। अधिकारी तब बेल्जियम जा रहे हैं जब दोनों देशों के बीच सहयोग की भावना बढ़ रही है। बेल्जियम का सहयोग भारतीय एजेंसियों को जांच में और अधिक प्रभावी ढंग से मदद कर सकता है।
भविष्य की संभावनाएँ
आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय अधिकारी इस दौरे के जरिए चौकसी और अन्य भृष्टाचारियों को न्याय के कठघरे में लाने में सफल होंगे। यदि यह प्रयास सफल होते हैं, तो इसका प्रभाव अन्य भगोड़ों पर भी हो सकता है। ऐसे में, भारतीय सरकार की सख्त नीति एक सफल मिसाल बन सकती है।
इस समय देश की जनता की नजरें इन घटनाक्रमों पर टिकी हुई हैं। अगर भारतीय अधिकारियों को इस यात्रा में सफलता मिलती है, तो यह ना केवल मेहुल चौकसी, बल्कि अन्य अपराधियों के लिए भी एक चेतावनी होगी कि कानून एक बार नहीं, बल्कि हर बार अपना काम करेगा।
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