30 साल से हम ये गंदा खेल खेल रहे हैं...आतंक की फैक्ट्री बनने पर क्यों मजबूर हुआ पाकिस्तान? कैमरे पर रक्षा मंत्री ने कर दिया खुलासा

1962 में देवानंद की आई फिल्म असली नकली का मशहूर गाना है लाख छुपाओ छुप न सकेगा, राज हो कितना गहरा। दिल की बात बता देता है, असली नक़ली चेहरा। कुछ ऐसा ही पाकिस्तान के साथ भी हो गया है। सच्चाई उसके जुबान पर आ गई। आतंक की फैक्ट्री बनकर आतंकवादियों को निर्यात करने की। खुद सबसे बड़ा कबूलनामा और किसी ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कैमरे के सामने कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का एक बयान इस वक्त सुर्खियों में है। जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से कह गया कि पाकिस्तान एक आतंकवादी संगठन का समर्थन कर रहा है, तो उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान पश्चिम के लिए गंदा काम कर रहा है। इसे भी पढ़ें: India-Pakistan War Update: भारत के लिए पाकिस्तान पर टूट पड़े 20 देश, कांपने लगे शहबाज के पैर!स्काई न्यूज के साथ अपने इंटरव्यू के दौरान आसिफ ने यह चौंकाने वाला बयान दिया है। इंटरव्यू में आसिफ ने विनाशकारी पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए नई दिल्ली की आलोचना की। 22 अप्रैल को, आतंकवादियों ने कश्मीर के पर्यटन स्थल में घुसपैठ की, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए। आसिफ ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के पाकिस्तान के लंबे इतिहास के बारे में सवालों को टालने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने खुद को मुश्किल में डाल लिया जब उन्होंने कहा कि नकदी की कमी से जूझ रहा यह देश पश्चिम के लिए गंदा काम कर रहा है। जब उनसे पूछा गया कि देश किस तरह से आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता है, तो आसिफ ने कहा कि हम पिछले तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं।इसे भी पढ़ें: आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी के कश्मीर पहुंचते ही पाकिस्तान की उल्टी गिनती शुरू, शहबाज शरीफ ने 2 बार पीएम मोदी को फोन मिलाया?आपको बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के साथ शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और भारतीय एयरलाइन के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इसके साथ ही उसने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा। पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को भी बंद कर दिया, दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा भी निलंबित कर दिए हैं तथा भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को वापस जाने को कहा। ये घोषणाएं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद की गईं। शरीफ ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कमतर करने के भारत के कदमों पर उचित प्रतिक्रिया के संबंध में विचारके लिए सरकार के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की।  This is just extraordinaryPakistan's Defence Minister admits to sponsoring terrorism in a TV interview"We have been doing this dirty work for the US and the West for 3 decades" pic.twitter.com/ZBk3T43jzS— Shashank Mattoo (@MattooShashank) April 25, 2025

Apr 25, 2025 - 13:39
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30 साल से हम ये गंदा खेल खेल रहे हैं...आतंक की फैक्ट्री बनने पर क्यों मजबूर हुआ पाकिस्तान? कैमरे पर रक्षा मंत्री ने कर दिया खुलासा
30 साल से हम ये गंदा खेल खेल रहे हैं...आतंक की फैक्ट्री बनने पर क्यों मजबूर हुआ पाकिस्तान? कैमरे पर रक्षा मंत्री ने कर दिया खुलासा

30 साल से हम ये गंदा खेल खेल रहे हैं...आतंक की फैक्ट्री बनने पर क्यों मजबूर हुआ पाकिस्तान?

Haqiqat Kya Hai

लेखिका: सृष्टि शर्मा, टीम नेतानागरी

परिचय

पाकिस्तान, जिसे अब आतंक की फैक्ट्री के रूप में देखा जाता है, का अतीत एक गहरे रहस्य में खोया हुआ है। रक्षा मंत्री ने हाल ही में कैमरे पर इस बारे में खुलासा किया कि पाकिस्तान को इस स्थिति में कैसे धकेला गया। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह गंदा खेल कब से चल रहा है और इसके पीछे के कारण क्या हैं।

पाकिस्तान का इतिहास: आतंक का घेरा

पाकिस्तान के गठन के बाद से ही देश में कई राजनीतिक और सामाजिक उलटफेर होते रहे हैं। विशेषकर 1980 के दशक में जब सोवियत संघ का अफगानिस्तान में हस्तक्षेप हुआ, तब पाकिस्तान ने आतंकवादी समूहों को समर्थन देना शुरू किया। यह गंदा खेल वहां की सरकारों द्वारा सशस्त्र समूहों को बढ़ावा देने से शुरू हुआ, जिससे न केवल अफगानिस्तान, बल्कि भारत और अन्य देशों में भी आतंकवाद की लहर बढ़ी।

रक्षा मंत्री का खुलासा

हाल ही में, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि कैसे पाकिस्तान अपने देश को आतंक की फैक्ट्री में बदलने पर मजबूर हुआ। उन्होंने कहा कि यह स्थिति देश की राजनीतिक कुश्ती और विदेश नीति के कारण बनी है। रक्षा मंत्री का यह बयान कमजोर कड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जो पाकिस्तान के समर्थन किए गए आतंकवाद के खिलाफ एक तंज है।

आतंकी संगठनों का उदय

पाकिस्तान के आंतरिक मसले और बाहरी दबाव के चलते विभिन्न आतंकवादी संगठनों का उदय हुआ। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि पूरे इलाके के लिए खतरा बन गए हैं। ये संगठन स्थानीय राजनीति में भी भ्रष्टाचार और हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

हाल की घटनाओं से पता चलता है कि पाकिस्तान की इस नीति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान केंद्रित हो रहा है। बहुत से देश पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इसलिए, यह प्रश्न उठता है कि क्या पाकिस्तान इस गंदे खेल से बाहर निकल सकता है या नहीं?

निष्कर्ष

पाकिस्तान का आतंक की फैक्ट्री बनने का सफर एक गंभीरता से देखने वाली घटना है। रक्षा मंत्री के खुलासे ने इस मुद्दे को और भी बढ़ा दिया है। आवश्यकता है कि पाकिस्तान अपनी नीतियों में बदलाव करे और आतंकवाद से दूरी बनाए। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो इसके नतीजे बेहद गंभीर होंगे।

Keywords

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