3 दिन में भारत ऐसा क्या-क्या लेकर आएगा, जिसका जोर पाकिस्तान पर आजमाएगा? PM मोदी के पेरिस दौरे से टेंशन में क्या आए शहबाज
मुल्क में राष्ट्रीय शोक के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा। लेकिन सीमा पर राष्ट्रीय शोक चलने की बात नई है। भारत के प्रधानमंत्री आज जैसे ही पेरिस और वाशिंटन के दौरे पर गए हैं। इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडी तक हलचल तेज हो गई है। तमाम पाकिस्तान के हुक्मरान, उनके फौजी, जनरल उनका दिल बैठने लगा है। पाकिस्तान में इस बात का शोर जोर पकड़ रहा है कि राफेल मरीन, न्यूक्लियर सबमरीन, अटैक ड्रोन, फिफ्थ जेनरेशन के फाइटर जेट, एडवांस तकनीक ये सब भारत तीन दिन में लेकर आएगा और इसका जोर पाकिस्तान पर आजमाएगा। इधर भारत के प्रधानमंत्री पेरिस, वाशिंगटन के दौरे के लिए निकले उधर पाकिस्तान की पब्लिक और विशेषज्ञ माथा पकड़ कर बैठ गए हैं। कहा जा रहा है कि भारत फ्रांस और अमेरिका से बड़ी डिफेंस डील करने वाला है। तकनीक में बहुत आगे बढ़ने वाला है। जिससे उसकी ताकत 10 गुणा बढ़ जाएगी। इसे भी पढ़ें: सेना संभल जाए नहीं तो... जेल में बैठे इमरान ने आर्मी चीफ मुनीर को लेटर लिख धमका दियापाकिस्तान को पूरा यकीन है कि फ्रांस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री जब लौटेंगे तो उनके पास वो तारीख होगी जब तक भारत की नौसेना को राफेल मरीन फाइटर जेट से लैस होना है। ये खतरनाक लड़ाकू विमान भारत के एयरक्रॉफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत में तैनात किए जाने हैं। राफेल मरीन के आईएनएस विक्रांत में तैनात होने का मतलब है कि पाकिस्तान के युद्धपोत डेंजर जोन में आ जाएंगे। इसके अलावा पाकिस्तान के समुंदर के पास मौजूद न्यूक्लियर प्लांट पर भी खतरा मंडराने लगेगा। यही सोच सोच कर पाकिस्तान के एक्सपर्ट भारत के प्रधानमंत्री की पिछली फ्रांस वीजिट को भी याद कर रहे हैं। फ्रांस के साथ भारत की जो बड़ी डिफेंस डील हो सकती है। उसमें राफेल के अलावा सबमरीन से जुड़े समझौते भी शामिल हैं। भारत और फ्रांस के बीच तीन स्कार्पियन क्लास पंडुब्बियों का सौदा होना है। फ्रांस के साथ ये सौदा 38 हजार करोड़ रुपए का होगा। जिसमें पानी के भीतर लंबे वक्त तक टिकने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रब्लशन यानी एआईपी भी होगी। इसे भी पढ़ें: Pakistan में केजरीवाल क्यों हुए वायरल, दिल्ली में AAP की हार पर बौखलाया पड़ोसी मुल्क?होराइजन रोडमैप 2047 क्या हैपीएम मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 होराइजन रोडमैप की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। पीएम ने 2023 में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान मैक्रॉन के साथ एक रोडमैप अपनाया, जिसे 'होराइजन 2047' नाम दिया गया। इस रोडमैप ने अगले 25 वर्षों के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित किया है, जो भारत की स्वतंत्रता और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 100 वर्ष पूरे होंगे। पीएम मोदी मार्सिले में कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन द्वारा बनाए गए मजारगुएस युद्ध कब्रिस्तान का दौरा करेंगे। वह मैक्रॉन के साथ प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि देंगे। जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने वाला कहा जा सकता है, दोनों नेता मार्सिले में भारत के नवीनतम महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। भारत और फ्रांस रक्षा और सुरक्षा, नागरिक परमाणु मामले, अंतरिक्ष और अन्य सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग करते हैं। नई दिल्ली और पेरिस समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ नवीकरणीय और सतत विकास के क्षेत्र में एक-दूसरे के रणनीतिक भागीदार भी हैं। फ्रांस की अपनी वर्तमान यात्रा में प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ सहयोग को गति प्रदान करेंगे, क्योंकि वह मैक्रॉन के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले, एआई पर शिखर सम्मेलन यूनाइटेड किंगडम (2023) और दक्षिण कोरिया (2024) में हो चुके हैं।

3 दिन में भारत ऐसा क्या-क्या लेकर आएगा, जिसका जोर पाकिस्तान पर आजमाएगा? PM मोदी के पेरिस दौरे से टेंशन में क्या आए शहबाज
लेखिका: सविता शर्मा, टीम नेतानागरी
टैगलाइन: Haqiqat Kya Hai
परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया पेरिस यात्रा ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक नया मोड़ ला दिया है। इस यात्रा के दौरान भारत के पास ऐसी कुछ अहम बातें होंगी, जिनका अगले तीन दिन में पाकिस्तान पर सीधा असर पड़ सकता है। यह लेख उन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो भारत की इस यात्रा के दौरान उभरेंगे और जिनका हश्र पाकिस्तान पर पड़ सकता है।
भारत की पेरिस यात्रा के मुख्य बिंदु
पीएम मोदी ने पेरिस में कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो न केवल भारत के लिए लाभकारी होंगे, बल्कि पाकिस्तान की चिंता का विषय भी बनेंगे। खासकर सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में नए अवसर उत्पन्न होने वाले हैं।
1. सुरक्षा सहयोग और साझा रणनीतियाँ
भारत की यात्रा के दौरान, सुरक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। इस सहयोग के तहत, भारत ने विभिन्न देशों के साथ सामरिक योजनाओं पर चर्चा की, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति और भी कमजोर हो सकती है।
2. व्यापारिक समझौते
पेरिस में भारत के व्यापारिक विस्तार के नये रास्ते खुलेंगे। इससे न केवल भारत को लाभ होगा, बल्कि पाकिस्तान की प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। यदि यह समझौते सही तरीके से लागू होते हैं, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।
3. ऊर्जा सऊदी अरब के साथ समझौते
भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में सऊदी अरब के साथ कुछ महत्वपूर्ण समझौते किए हैं जो भविष्य में भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे। इससे पाकिस्तान की ऊर्जा आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा।
शहबाज के लिए टेंशन का कारण
इस सब के बीच, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आती हैं। पेरिस यात्रा के दौरान भारत की मजबूत स्थिति ने उन्हें चिंतित कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया में इस वक्त भारत के विविध मोर्चों पर मजबूती को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी की पेरिस यात्रा न केवल भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि यह पाकिस्तान के लिए भी एक चेतावनी का संकेत है। अगले तीन दिन में भारत जो भी कदम उठाएगा, वो निस्संदेह पाकिस्तान की राजनीति और रणनीतियों पर सीधा प्रभाव डालेगा। हमें उन सभी घटनाओं पर नजर रखने की आवश्यकता है जो दक्षिण एशिया में राजनीतिक विकल्पों को प्रभावित कर सकती हैं।
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