1, दो, 3...भारत के कई दुश्मनों पर ट्रंप ने कर दी बड़ी स्ट्राइक, कोई छूट तो नहीं गया?

अमेरिका ने ऐसी तबाही मचाई है जिसने रातों रात भारत के कई दुश्मन देश निपट गए हैं। मीडिया में विमर्श का केंद्र ये रहा कि ट्रंप ने पीएम मोदी को अपने शपथग्रहण में नहीं बुलाया।  इसमें कुछ वर्ग को राष्ट्र का इतना अपमान दिखा। एक वर्ग इस नैरेटिव को चलाने में लग गया कि ट्रंप के शपथग्रहण के लिए मोदी को नहीं बुलाया गया। लेकिन आज वो तमाम लोग ट्रंप के ताबड़तोड़ एक्शन को देख बौखला उठेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने एक तरफ बांग्लादेश, चीन और कनाडा के तेवर ढीले किए तो वहीं दूसरी तरफ ऐसी संस्था पर एक्शन ले लिया जिसने भारत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। इस संस्था ने भारत को अंदर तक खोखला करने की कोशिश की है। खुलाया हुआ है कि इसी संस्था ने रूस को परेशान करने के लिए यूक्रेन और भारत को परेशान करने के लिए बांग्लादेश में सरकार गिराई थी। मगर भारत को नुकसान पहुंचा रही इस संस्था के होश डोनाल्ड ट्रंप ने ठिकाने पर ला दिया है। इसे भी पढ़ें: पीएम के इनविटेशन पर नहीं हुई कोई बात, राहुल के ट्रंप के शपथग्रहण वाले तंज पर आया जयशंकर का बयानट्रंप ने सबसे पहले तो बांग्लादेश को दी जा रही फंडिंग रुकवा दी। कनाडा पर 25 प्रतिशत और चीन पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगा दिए। चीन, मेक्सिको और कनाडा पर लगे टैक्स की वजह इनका अमेरिकी व्यापार घाटे में सबसे ज्यादा योगदान है। वहीं टैरिफ पर भारत की आलोचना करने के बावजूद ट्रंप ने भारत को 25% टैरिफ से अलग रखा है। जिसके बाद से कहा जा रहा है कि ट्रंप पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपनी दोस्ती निभा रहे हैं। इससे भारत को निर्यात और विदेशी निवेश में इजाफे का मौका मिल सकता है। ये तो कुछ भी नहीं है। एक कदम और आगे बढ़ाते हुए  डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को सबसे बड़ा तोहफा दे दिया। ट्रंप ने यूएसएआईडी नाम की एक संस्था पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी है। यूएसएआईडी यानी यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के नाम पर डेवलपमेंट जरूर जुड़ा है लेकिन इसका काम दूसरे देशों की सरकारें गिराना और बड़े बड़े विरोध प्रदर्शन करवाना है।  इसे भी पढ़ें: Israel के हमलों से धुंआ धुंआ हुआ गाजा, IDF ने एक साथ 23 इमारतों को उड़ा दियामीडिया रिपोर्ट में तो यहां तक आरोप लगाए जा रहे हैं कि यूएसएआईडी बायोवेपन यानी जैविक हथियारों के रिसर्च के लिए भी पैसा दे रही थी। अब अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के कर्मचारियों को वाशिंगटन स्थित मुख्यालय न आने का निर्देश दिया गया है। यह जानकारी उन्हें भेजे गए एक नोटिस से मिली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार और टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने कहा था कि राष्ट्रपति ने एजेंसी को बंद करने पर सहमति जताई है। यूएसएआईडी के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें 600 कर्मचारियों का पता चला है, जिन्होंने बताया कि एजेंसी के कंप्यूटर सिस्टम से उन्हें बाहर कर दिया गया है। इसे भी पढ़ें: पेन हवा में उछालते हुए भारत के दुश्मन पर ट्रंप ने लिया बड़ा एक्शन, जिनपिंग देने लगे मुकदमा दायरे करने की धमकीडेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने प्रशासन के इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि ट्रंप के पास कांग्रेस की मंजूरी के बिना यूएसएआईडी को बंद करने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। यूएसएआईडी संघीय सरकार और उसके कई कार्यक्रमों को लेकर ट्रंप प्रशासन द्वारा सबसे अधिक निशाना बनाई गईं संघीय एजेंसियों में से एक रही है। अमेरिका दुनिया में मानवीय सहायता देने वाला सबसे बड़ा देश है तथा यूएसएआईडी 100 से अधिक देशों में अरबों डॉलर की मानवीय, विकास और सुरक्षा सहायता प्रदान करती है।

Feb 3, 2025 - 20:39
 138  501.8k
1, दो, 3...भारत के कई दुश्मनों पर ट्रंप ने कर दी बड़ी स्ट्राइक, कोई छूट तो नहीं गया?
1, दो, 3...भारत के कई दुश्मनों पर ट्रंप ने कर दी बड़ी स्ट्राइक, कोई छूट तो नहीं गया?

1, दो, 3...भारत के कई दुश्मनों पर ट्रंप ने कर दी बड़ी स्ट्राइक, कोई छूट तो नहीं गया?

Haqiqat Kya Hai

लेखिका: अनुषा शर्मा, टीम नेटानागरी

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ बढ़ते दुश्मनों पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके इस बयान से वैश्विक राजनीतिक वातावरण में हलचल मच गई है। जैसे कि हम सभी जानते हैं, ट्रंप अपने बयान के लिए जाने जाते हैं, और इस बार उन्होंने भारत के दुश्मनों पर एक तरह से 'स्ट्राइक' कर दी है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या वास्तव में कोई दुश्मन इस स्ट्राइक से बच गया? आइए जानते हैं इस पर विस्तार से।

ट्रंप का बड़ा दावा और वैश्विक प्रतिक्रियाएँ

ट्रंप ने अपने हालिया बयान में यह स्पष्ट किया कि भारत के दुश्मनों, जो आतंकवाद फैलाने में लगे हैं, उन्हें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत कुछ चुनौतियों का सामना कर रहा है। उनके इस दावे पर कई वैश्विक नेताओं ने प्रतिक्रियाएँ दी हैं, जिसमें उनके समर्थक और विरोधी दोनों शामिल हैं।

भारत के दुश्मन कौन?

भारत के दुश्मनों की सूची में पाकिस्तान, चीन, और कुछ अन्य राष्ट्र शामिल हैं। ट्रंप के बयान के बाद इन देशों की गतिविधियों पर नजर रखना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। विश्लेषक यह मानते हैं कि ट्रंप का लक्ष्य केवल अपनी राजनीतिक छवि को मजबूत करना नहीं, बल्कि भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाना है।

दुनिया की नजरें भारत पर

ट्रंप का बयान निश्चित रूप से भारत की रणनीतिक स्थिति को उजागर करता है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि वैश्विक ताकतें अब भारत को एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में देख रही हैं। उनके इस बयान को भारत की विदेश नीति के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।

क्या कोई छूट नहीं मिली?

ट्रंप द्वारा किए गए दावों की गंभीरता को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या वास्तव में कोई दुश्मन इस स्ट्राइक से छूट गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि हालात को देखते हुए, ट्रंप का यह बयान एक चेतावनी है। हालांकि, वास्तविक कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नीति महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

अंत में, ट्रंप का यह बयान निश्चित रूप से भारत के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलता है, लेकिन यह आवश्यक होगा कि भारत इन संभावनाओं को कैसे भूनाता है। क्या यह केवल बयानबाजी है या इसके पीछे ठोस कदम उठाए जाएंगे, यह आने वाला समय ही बताएगा। इसलिए, इस विषय की लगातार निगरानी आवश्यक है।

अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें haqiqatkyahai.com.

Keywords

India, Trump, enemies, strategic partnership, terrorism, foreign policy, global politics, Pakistan, China, international relations, geopolitical strategy, political statement.

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow