हर विभाग को जिम्मेदारी तय करनी है - मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट संदेश
सर्किट हाउस काठगोदाम, हल्द्वानी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को आपदा से हुई क्षति, विद्युत, पेयजल और मोटर मार्गों की अद्यतन स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित जनता के साथ खड़ी है और राहत व पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। […]

हर विभाग को जिम्मेदारी तय करनी है - मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट संदेश
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कम शब्दों में कहें तो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काठगोदाम में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में हर विभाग से जिम्मेदारी तय करने की चेतावनी दी है। राज्य सरकार प्रभावित जनता की मदद के लिए तत्पर है।
सर्किट हाउस काठगोदाम, हल्द्वानी में शनिवार को आयोजित बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने आपदा से हुए नुकसान, विद्युत, पेयजल और मोटर मार्गों की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अपने नागरिकों के साथ खड़ी है और राहत तथा पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर अंजाम दिया जा रहा है।
बैठक में मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को आपदा से हुई क्षति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस दौरान उन्हें बताया गया कि नैनीताल की लोअर मॉल रोड धंस गई है, बागेश्वर में पुलों को गंभीर क्षति पहुंची है, और ओखलकांडा तथा धारी ब्लॉक मार्गों में अवरोध उत्पन्न हो गए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। जिलाधिकारी ने बताया कि नैनीताल जिले में आपदा से कुल क्षति लगभग 443 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह रिपोर्ट भारत सरकार की आपदा विश्लेषण टीम को भी प्रस्तुत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष असामान्य वर्षा तथा भूस्खलन के कारण लगभग सभी जनपद प्रभावित हुए हैं। उन्होंने अधिकारियों से निर्देश दिए कि केंद्र सरकार से मिली सहायता और राज्य के संसाधनों का सही उपयोग करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से पुनर्निर्माण कार्य सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी विभागों और अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और किसी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले एक माह के भीतर सड़कों के पैचवर्क को पूरे करने और जल निकायों के मार्गों को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
इस बैठक में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को जलाशयों में de-silting के कार्य की ठोस योजना बनाने तथा कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए गए। इसके अतिरिक्त, सुशीला तिवारी अस्पताल के UPNL कर्मियों के लंबित वेतन का मुद्दा भी उठाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में राज्य सरकार हर कदम अपनी जनता के साथ है। उनका कहना था कि राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सड़कें, जल निकाय, और आवासीय क्षेत्र, सभी स्तर पर समन्वित प्रयासों से पुनर्निर्माण प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने मानसून के दौरान जलभराव की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से तत्परता के साथ कार्य करने एवं सभी चिकित्सा केंद्रों में आवश्यक चिकित्सा सुविधा बनाए रखने की अपील की। उन्होंने स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन की महत्वपूर्णता पर भी जोर दिया।
उन्होंने जन समस्याओं के समाधान के लिए जन निवारण शिविर एवं बहुउद्देशीय शिविरों का आयोजन करने और क्षेत्र पंचायतों की बैठकों में अनिवार्य रूप से भाग लेने की ज़रूरत पर भी बल दिया।
बैठक में कई प्रमुख नेता और अधिकारी उपस्थित थे, जिनमें जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, एवं विभिन्न विधायक शामिल रहे।
इससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों से प्रभावित नागरिकों को शीघ्र राहत प्रदान करने की दिशा में ठोस योजनाएं बनाई जा रही हैं। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट Haqiqat Kya Hai पर जाएं।
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