समुंदर में दहाड़ेगा हिंद का शेर, कांपेगा चीन, पाकिस्तान होगा ढेर, मोदी के दोस्त मैक्रों क्या तबाही भारते भेज रहे हैं?

भारतीय नौसेना के लिए जिस राफेल डील को लेकर भारत लंबा इंतजार कर रहा था। अब वो डील फाइनल हो गई है। भारत और पाकिस्तान के बीच इधर तनाव बढ़ा और उधर भारत और फ्रांस के बीच ऐतिहासिक डील लॉक हो गई। भारत में अब राफेल मरीन आ रहे हैं। वो राफेल मरीन जो भारतीय नौसेना की ताकत को जबरदस्त इजाफा देंगे। भारत और फ्रांस के बीच राफेल मरीन फाइटर जेट की डील पूरी हो गई है। भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 63,000 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक सौदे पर हस्ताक्षर किए गए। इस हस्ताक्षर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे। एक वर्चुअल कार्यक्रम में इस समझौते पर मुहर लगाई गई।इसे भी पढ़ें: 26 राफेल का नौसिक अवतार..सभी टैरिफ वॉर में लगे थे, इधर भारत ने फ्रांस के साथ कर ली बड़ी डीलपहले की योजनाओं में फ्रांसीसी रक्षा मंत्री को व्यक्तिगत रूप से समारोह में भाग लेने की बात शामिल थी, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से उनका दौरा रद्द कर दिया गया। इस सौदे को इस महीने की शुरुआत में ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति से हरी झंडी मिल चुकी थी। देश के विमानवाहकों को तैनाती के लिए तत्काल नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है, क्योंकि मिग-29 के लड़ाकू विमानों के मौजूदा बेड़े ने कथित तौर पर रखरखाव संबंधी मुद्दों के कारण खराब प्रदर्शन किया है। इसे भी पढ़ें: China के बाद पाकिस्तान की मदद के लिए अब आ खड़ा हुआ कौन सा देश? C-130 हरक्यूलिस एयरक्रॉफ्ट इस्लामाबाद में हुए लैंडराफेल एम जेट के बारे में जानेंराफेल लड़ाकू विमान को आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा, जो वर्तमान में सेवा में है। राफेल एम जेट को भारतीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुकूलित किया जाएगा और विमान वाहक में एकीकृत किया जाएगा। स्वदेशी वाहक-जनित लड़ाकू जेट के विकास के पूरा होने तक इन वाहक-जनित लड़ाकू विमानों को एक स्टॉपगैप समाधान के रूप में खरीदा जा रहा है। सरकार-से-सरकार के अनुबंध में 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर जेट शामिल हैं, साथ ही बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी शामिल है।यहां यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राफेल एम जेट आईएनएस विक्रांत से संचालित होंगे और मौजूदा मिग-29K बेड़े का समर्थन करेंगे। भारतीय वायु सेना पहले से ही 2016 में हस्ताक्षरित एक अलग सौदे के तहत हासिल किए गए 36 राफेल विमानों का बेड़ा संचालित करती है। ये विमान अंबाला और हासीमारा में स्थित हैं। नए सौदे से भारत में राफेल विमानों की कुल संख्या 62 हो जाएगी, जिससे देश के 4.5 पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

Apr 28, 2025 - 16:39
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समुंदर में दहाड़ेगा हिंद का शेर, कांपेगा चीन, पाकिस्तान होगा ढेर, मोदी के दोस्त मैक्रों क्या तबाही भारते भेज रहे हैं?
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Haqiqat Kya Hai

लेखक: सुषमा अग्रवाल, टीम नेटानगरी

परिचय

भारत हमेशा से ही एक शक्तिशाली राष्ट्र रहा है, जिसका सामरिक और आर्थिक स्थायित्व उसे एक प्रमुख क्षमता प्रदान करता है। अब जब भारत ने समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाया है, तो सवाल उठता है कि क्या यह कदम चीन और पाकिस्तान के लिए चुनौती बन सकता है? इस लेख में हम जानेंगे कि किस तरह से भारत की समुद्री ताकत, राष्ट्रपति मैक्रों के सहयोग से, दुश्मनों के लिए चिंता का कारण बन रही है।

भारत की समुद्री शक्ति में वृद्धि

भारत की नौसेना में निरंतर सुधार और विस्तार किया जा रहा है। आधुनिक युद्धपोत, सबमरीन और एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी का विकास भारत को समुद्री क्षेत्र में पहले से अधिक मजबूत बना रहा है। यह स्थिति न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि यह चीन और पाकिस्तान के साथ क्षेत्रीय विवादों में भी एक मजबूती लाती है।

चीन और पाकिस्तान पर प्रभाव

भारत की बढ़ती समुद्री शक्ति से निश्चित रूप से चीन और पाकिस्तान में दहशत है। समुद्री क्षेत्र में भारत का सामरिक अभिग्रहण, बीजिंग और इस्लामाबाद की योजनाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी, भारतीय नौसेना का रणनीतिक विस्तार, खासकर हिंद महासागर में, चीन की बढ़ती नौसेना के लिए चुनौतीपूर्ण है।

मैक्रों का सहयोग और भारतीय सुरक्षा

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का भारत के प्रति जो समर्थन है, वह भी इस स्थिति को और मजबूत करता है। उनकी तकनीकी मदद से भारत ने कई उन्नत प्लेटफार्मों का विकास किया है। यह भारतीय नौसेना के लिए एक अहम टर्निंग पॉइंट हो सकता है।

तबाही की चुनौतियाँ

हालांकि, इस ताकत से भारत को कई चुनौतियों का भी सामना करना होगा। जैसे-जैसे तकनीक में बदलाव आ रहा है, समुद्री युद्ध की रणनीतियों में भी परिवर्तन आ रहा है। भारत को न केवल अपने उपकरणों को मजबूत करना होगा, बल्कि समग्र रणनीति में सुधार भी करना होगा ताकि वह किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना कर सके।

निष्कर्ष

समुंदर में हिंद का शेर अब दहाड़ने के लिए तैयार है। भारत की बढ़ती सामरिक शक्ति से न केवल उसके दुश्मन कांपेगे, बल्कि यह सामरिक संतुलन को भी प्रभावित करेगा। भारत की समुद्री सुरक्षा न केवल अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने में सहायक होगी, बल्कि ये देश के भीतर भी एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देगी।

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Keywords

India Navy, China threat, Pakistan relations, Macron support, maritime security, strategic strength, Indian military, Indo-Pacific strategy, regional stability, defense cooperation

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