भगोड़े बिल्डर मित्तल के करीबियों पर शिकंजा, 7.46 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर पति-पत्नी समेत 03 पर एफआइआर

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून में ऑर्किड पार्क ग्रुप हाउसिंग में फ्लैट बुक कराने वाले 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये से अधिक रकम लेकर फरार हुए बिल्डर दीपक मित्तल के तीन करीबियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। क्योंकि, वर्ष 2020 में पत्नी राखी मित्तल के साथ फरार होने से पहले दीपक मित्तल ने … The post भगोड़े बिल्डर मित्तल के करीबियों पर शिकंजा, 7.46 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर पति-पत्नी समेत 03 पर एफआइआर appeared first on Round The Watch.

Aug 1, 2025 - 18:39
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भगोड़े बिल्डर मित्तल के करीबियों पर शिकंजा, 7.46 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर पति-पत्नी समेत 03 पर एफआइआर
भगोड़े बिल्डर मित्तल के करीबियों पर शिकंजा, 7.46 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर पति-पत्नी समेत 03 पर एफआइआर

भगोड़े बिल्डर मित्तल के करीबियों पर शिकंजा, 7.46 करोड़ के ट्रांजेक्शन पर पति-पत्नी समेत 03 पर एफआइआर

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून में ऑर्किड पार्क ग्रुप हाउसिंग में फ्लैट बुक कराने वाले 90 फ्लैट खरीदारों के 45 करोड़ रुपये से अधिक रकम लेकर फरार हुए बिल्डर दीपक मित्तल के तीन करीबियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत, मित्तल का यह मामला एक गंभीर fraude की श्रेणी में आ चुका है। पुलिस ने मित्तल के साथ उसके करीबियों के खिलाफ एक FIR दर्ज की है, जिसमें मनी लांड्रिंग के आरोप भी शामिल हैं। ये सभी सामूहिक रूप से 7.46 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन में शामिल थे।

आपराधिक षड्यंत्र और मनी लांड्रिंग

2020 में, दीपक मित्तल अपनी पत्नी राखी मित्तल के साथ फरार हो गए। उससे पहले उसने पुष्पांजलि रियलम्स एंड इंफ्राटेक के खाते से 7.46 करोड़ रुपये निकालकर अपने करीबियों के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। इनमें प्रमुख थे मनीष गुप्ता, मनीष गर्ग और उनकी पत्नी विनीता गर्ग। जिन पर अब FIR दर्ज की गई है। उनकी मदद से मित्तल ने ऑर्किड पार्क परियोजना में 14-15 फ्लैट बुक कराए थे। पुलिस ने उनकी भूमिका पर संदेह व्यक्त किया है, खासकर जब यह स्पष्ट हो गया है कि यह धनराशि उसके द्वारा अवैध रूप से निकासी के बाद ही बुक की गई थी।

पुष्पांजलि प्रकरण का विस्तार

पुष्पांजलि सूचनाएं सेवाओं के अनुसार, दीपक मित्तल और उसकी पत्नी ने वर्ष 2018 में ऑर्किड पार्क में 331 फ्लैट बनाने का वादा किया था। लेकिन, जब खरीदारों ने अपूर्ण निर्माण और धन की वापसी की मांग की, तब यह पता चला कि मित्तल और उसकी पत्नी फरार हो चुके हैं। उनके खिलाफ अब तक 9 मामले दर्ज हो चुके हैं। रेरा में शिकायत करने पर भी कई खरीदारों को मुआवजा नहीं मिला। यह मामला आर्किड पार्क के 62 खरीदारों के लिए बड़ा संकट बन गया है।

बैंक के दावे और एनपीए की समस्या

पंजाब नेशनल बैंक ने इस परियोजना को 21 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, जो अब एनपीए घोषित किया जा चुका है। मित्तल दंपती ने अपने करीबियों के साथ मिलकर और कई वित्तीय धोखाधड़ी की है, जिससे अब ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है। इससे यह संकेत मिलता है कि मित्तल का यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत धोखाधड़ी है, बल्कि इसमें संभावित मनी लांड्रिंग भी शामिल हो सकती है।

आगामी कार्रवाई और कानूनी स्थिति

पुलिस ने यह सुनिश्चित किया है कि भविष्य में किसी भी स्तर पर धोखाधड़ी का सामना करने वाले व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। मामले के त्वरित अनुसंधान के लिए, पुलिस ने विभिन्न वित्तीय लेनदेन की जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में, संलग्नकी की दी गयी सूचनाएं भी अपराधियों के खिलाफ ठोस सबूत प्रदान करेंगी।

सामान्य लोगों के लिए यह एक गंभीर चेतावनी है कि वे अपने धन का निवेश अधिक सोच-समझकर करें। रियल एस्टेट में धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या इस क्षेत्र में गहराई से जांच की अनिवार्यता को उजागर करती है। साथ ही, यह भी याद रखें कि मनी लांड्रिंग से जुड़े मामलों में कठोर दंड निर्धारित किया गया है, जो भविष्य में और अधिक उपयोगी सावधानियों के लिए आवश्यक हो सकते हैं।

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