कौन हैं नीला राजेंद्र? ट्रंप के एक्सीक्यूटिव ऑर्डर के बाद NASA में भारतीय मूल की टॉप अफसर नीला राजेंद्र को दिखाया गया बाहर का रास्ता

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) ने भारतीय मूल की विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) की प्रमुख नीला राजेंद्र से आधिकारिक तौर पर नाता तोड़ लिया है, बावजूद इसके कि मार्च में लैब के डीईआई विभाग को बंद करने के बाद उनके शीर्षक में बदलाव करके उन्हें बनाए रखने के पहले के प्रयास किए गए थे। यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक कार्यकारी आदेश के मद्देनजर उठाया गया है जो कार्यकारी शाखा एजेंसियों में डीईआई पहलों पर प्रतिबंध लगाता है। भारतीय मूल की नीला राजेंद्र का नाम नासा के टॉप अफसरों की फेहरिस्त में शुमार था। नीला राजेंद्र नासा की डाइवर्सिटी, इक्विटी और इंक्लूशन (DEI) की अध्यक्ष थीं। इसे भी पढ़ें: Afghanistan Border पर रूस ने उतार दी अपनी सेना, भारत भी तैयार!ट्रम्प का कार्यकारी आदेश दरअसल सत्ता में आने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में सभी डाइवर्सिटी प्रोग्राम बंद करने के आदेश दिए थे। इसके तहत डाइवर्सिटी प्रोग्राम के लिए हुई नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया था। हालांकि व्हाइट हाउस से नोटिस मिलने के बाद नासा ने नीला की नौकरी बचाने की कोशिश की और उनका पद बदल दिया गया। मगर अब नासा को मजबूरन नीला को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ गया है। व्हाइट हाउस ने इस बात पर जोर दिया कि संघीय एजेंसियों के भीतर रोजगार के फैसले अब योग्यता-आधारित सिद्धांतों का सख्ती से पालन करना चाहिए। अभी तक, नासा और जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला ने राजेंद्र को हटाने पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी जारी नहीं की है। इसे भी पढ़ें: XI Jinping की बेटी को अमेरिका से बाहर निकालेंगे ट्रंप, गुस्साए चीन ने Hollywood फिल्मों पर लगा दिया बैनDEI जांच और बजट में कटौतीनीला राजेंद्र का बाहर निकलना NASA की DEI पहलों पर महीनों से बढ़ती जांच के बाद हुआ है, खासकर एक अलग विवाद के बाद जिसमें प्रणोदन विफलता के कारण नौ महीने तक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे दो अंतरिक्ष यात्री शामिल थे। आलोचकों ने सवाल उठाया कि क्या DEI पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित करने से मिशन-महत्वपूर्ण संचालन से ध्यान भटक गया है। रिपोर्टों के बावजूद कि राजेंद्र ने इस साल की शुरुआत में नासा के बजट में कटौती के बीच JPL में 900 छंटनी के दौर से बचने का सुझाव दिया था, उनके जाने से पता चलता है कि अब रीब्रांडेड भूमिकाएँ भी समीक्षा के अधीन हैं। 

Apr 15, 2025 - 13:39
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कौन हैं नीला राजेंद्र? ट्रंप के एक्सीक्यूटिव ऑर्डर के बाद NASA में भारतीय मूल की टॉप अफसर नीला राजेंद्र को दिखाया गया बाहर का रास्ता
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कौन हैं नीला राजेंद्र? ट्रंप के एक्सीक्यूटिव ऑर्डर के बाद NASA में भारतीय मूल की टॉप अफसर नीला राजेंद्र को दिखाया गया बाहर का रास्ता

Haqiqat Kya Hai

नीला राजेंद्र, भारतीय मूल की एक प्रमुख वैज्ञानिक और व्यवस्थापक, हाल ही में अमेरिका की NASA में एक महत्वपूर्ण पद से हटाई गईं। यह घटना उस समय हुई जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी एक एक्सीक्यूटिव ऑर्डर ने कई टेक्स्ट और वैज्ञानिक संस्थानों में हड़कंप मचा दिया। इस लेख में हम जानेंगे कि नीला राजेंद्र कौन हैं और उनके करियर पर इस निर्णय का क्या प्रभाव पड़ा है।

नीला राजेंद्र का परिचय

नीला राजेंद्र ने भारतीय तकनीकी और शोध क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका जन्म भारत में हुआ था और बाद में वह अमेरिका में बस गईं। उन्होंने अपनी शिक्षा प्रतिष्ठित संस्थानों से प्राप्त की, जिसमें MIT और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी शामिल हैं। उन्हें NASA में एक उच्च पद पर नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया।

ट्रंप का एक्सीक्यूटिव ऑर्डर

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान, कई ऐसे एक्सीक्यूटिव ऑर्डर जारी किए गए थे जो अप्रवासी वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के लिए चुनौतियां उत्पन्न करते थे। नीला राजेंद्र की स्थिति भी उनमें से एक थी। इस आदेश के तहत, कई भारतीय अमेरिकियों को यह महसूस हुआ कि उनकी योग्यता और योगदान की कदर नहीं की जा रही है।

नीला का योगदान और प्रभाव

राजेंद्र ने NASA में रहते हुए कई खोजों और अनुसंधानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके काम ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ स्थापित कीं। उनके हटने से न केवल NASA, बल्कि विश्व स्तर पर भी अनुसंधान क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव आएगा।

भविष्य की योजनाएं

इस घटना के बाद, नीला राजेंद्र ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपने करियर में नई चुनौतियों को तलाशेंगी। उनका मानना है कि ये कठिनाईयाँ उन्हें और मजबूत बनायेंगी। कई भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोग और संगठनों ने उनके पक्ष में समर्थन व्यक्त किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे केवल एक कुशल वैज्ञानिक नहीं बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं।

निष्कर्ष

नीला राजेंद्र का NASA से हटने का निर्णय एक ऐसी घटना है जो भारतीय वैज्ञानिकों और प्रवासियों के लिए संकेत है कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा। प्रतिस्पर्धा और चुनौतियाँ हमेशा रहेंगी, लेकिन जो लोग संघर्ष करते हैं, वे ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। नीला राजेंद्र की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा है, और हमें उनकी भविष्य की योजनाओं का इंतजार है।

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