उल्लास: महिला कल्याण संस्था ने सजाया सावन मेला, पारंपरिक प्रतियोगिताएं
महिलाओं ने छेड़ी संस्कृति की धुन, पर्यावरण संरक्षण का भी दिया संदेश सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। महिला कल्याण संस्था द्वारा आयोजित सावन मेले का बुधवार को भव्य शुभारंभ हुआ। इस रंगारंग आयोजन में पारंपरिक वेशभूषा, लोकगीत और स्वादिष्ट पकवानों ने सभी का मन मोह लिया। मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी, विशिष्ट अतिथि पूर्व […] The post उल्लास: महिला कल्याण संस्था ने सजाया सावन मेला, पारंपरिक प्रतियोगिताएं appeared first on Creative News Express | CNE News.

उल्लास: महिला कल्याण संस्था ने सजाया सावन मेला, पारंपरिक प्रतियोगिताएं
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महिलाओं ने छेड़ी संस्कृति की धुन, पर्यावरण संरक्षण का भी दिया संदेश। सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। महिला कल्याण संस्था द्वारा आयोजित सावन मेले का बुधवार को भव्य शुभारंभ हुआ। इस रंगारंग आयोजन में पारंपरिक वेशभूषा, लोकगीत और स्वादिष्ट पकवानों ने सभी का मन मोह लिया। मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी ने किया।
सावन मेला: एक सांस्कृतिक पर्व
सावन महीने में हर साल होने वाला यह मेला महिलाओं के लिए एक विशेष अवसर है जहां वे अपने पारंपरिक आयोजनों का आनंद लेती हैं। इस बार का मेला और भी खास था क्योंकि इसमें विभिन्न पारंपरिक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जैसे कि प्रतिभा शो, लोकनृत्य प्रतियोगिता तथा करवा चौथ समारोह। ये प्रतियोगिताएं न केवल मनोरंजन का माध्यम बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को बचाने का भी एक तरीका बन गई हैं।
विधायक का विशेष संबोधन
मुख्य अतिथि विधायक मनोज तिवारी ने इस मौके पर महिलाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा, “महिलाएं हमारी समाज की रीढ़ हैं, और उनका योगदान हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। इस मेले के माध्यम से महिलाओं को अपनी संस्कृति को जीवित रखने का एक प्लेटफार्म मिला है।” विधायक ने पर्यावरण संरक्षण का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसे आयोजनों से महिलाओं को अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का अवसर मिलता है।
पारंपरिक व्यंजन और हस्तशिल्प
मेला परिसर में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक व्यंजनों की स्टाल्स थीं, जिनमें स्वादिष्ट पकवानों से लेकर स्थानीय हस्तशिल्प तक शामिल थे। महिलाओं ने अपने हाथों से तैयार किए गए व्यंजनों का प्रदर्शन किया, जो उपस्थित लोगों को लुभा रहा था। इसके साथ ही, नए निर्मित हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री भी हुई, जिससे स्थानीय कला को प्रोत्साहन मिला।
सामुदायिक एकता और प्रेम का प्रतीक
इस प्रकार का आयोजन सामुदायिक एकता और सद्भाव का प्रतीक है। मेले में विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाएं एकत्रित हुईं और एक दूसरे के अनुभवों को साझा किया। इस ने न केवल सामाजिक बंधन को मजबूत किया बल्कि महिलाओं की शक्ति और सामर्थ्य का भी प्रदर्शन किया।
निष्कर्ष
महिला कल्याण संस्था द्वारा आयोजित यह सावन मेला न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह एक सकारात्मक संदेश भी था कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम भी प्रशंसनीय हैं। इस तरह के आयोजनों से महिलाओं के लिए एक नई दिशा की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। इस मेले ने सभी को एकजुट किया और यह दर्शाया कि जब महिलाएं एकजुट होती हैं, तो वे अपने समुदाय और समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती हैं।
फिर मिलेंगे नए समाचारों के साथ, तब तक के लिए स्वस्थ रहें और खुश रहें।
Team Haqiqatkyahai
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