राजपुर हादसे से पुलिस महकमे में हड़कंप, सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले पुलिसकर्मी भी कार्रवाई की चपेट में

Amit Bhatt, Dehradun: राजपुर के थानाध्यक्ष (अब निलंबित) शैंकी कुमार के मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों को त्वरित कार्रवाई पर सवाल उठा रहे/टिप्पणी के रहे पुलिस कर्मी भी रडार पर हैं। क्योंकि, जिस तरह नशे में धुत्त हालत के बाद शैंकी ने देर रात कई वाहनों को टक्कर मार दी और पब्लिक भड़क उठी, इसे … The post राजपुर हादसे ने हिलाया पुलिस महकमा, सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले पुलिसकर्मी भी कार्रवाई की जद में appeared first on Round The Watch.

Oct 3, 2025 - 09:39
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राजपुर हादसे से पुलिस महकमे में हड़कंप

अमित भट्ट, देहरादून: राजपुर के थानाध्यक्ष शैंकी कुमार के मामले ने पुलिस महकमे में खलबली मचा दी है। नशे में धुत्त अवस्था में एक थानाध्यक्ष द्वारा अनेक वाहनों को टक्कर मारने की घटना ने केवल जनता में आक्रोश पैदा किया, बल्कि पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी और उनके आचरण पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। अब पुलिस के उच्चाधिकारी कार्रवाई में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को भी रडार पर ले आए हैं।

देर रात राजपुर में हुई इस सड़क दुर्घटना ने पूरे पुलिस महकमे की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शैंकी कुमार की इस हरकत ने पब्लिक की नज़र में पुलिस के प्रति अविश्वास पैदा कर दिया। इस घटना के बाद एसएसपी अजय सिंह ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि पुलिस कर्मी मनमानी करेंगे, तो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। स्थिति को और भी जटिल बनाने में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और उन पर की जा रही टिप्पणियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

सोशल मीडिया पर टिप्पणियों का गंभीर परिणाम

हाल ही में कुछ पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर शैंकी के वीडियो पर अपनी राय दे रहे हैं, जो अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। एसएसपी अजय सिंह ने ऐसे टिप्पणियों को आचरण नियमावली और सोशल मीडिया पॉलिसी का उल्लंघन मानते हुए सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है। उन्होंने अपने अधीनस्थों को यह निर्देश दिए हैं कि सरकारी आदेशों या निर्णयों पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने पर वे गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना कर सकते हैं।

पुलिस की छवि पर आंच

राजपुर दुर्घटना ने पुलिस की छवि को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अनुशासन का पैमाना भी अब पुलिस के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है, क्योंकि कुछ पुलिसकर्मी खुद उच्चाधिकारियों के फैसलों पर सवाल उठाने से नहीं हिचक रहे हैं। इस प्रकार के अनुशासनहीन व्यवहार में पुलिस की संगठनात्मक संरचना पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

सख्त कदम उठाए जा रहे हैं

एसएसपी देहरादून ने इस प्रकरण में सख्त रुख अपनाते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा संख्या 192/25, धारा 281 और 324(4) बीएनएस के तहत केस दर्ज कराया है। मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक वरिष्ठ इंस्पेक्टर को जांच सौंपी गई है, ताकि कार्रवाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जा सके। इस कदम से न μόνο यह सुनिश्चित होगा कि दोषी को सजा मिले, बल्कि इससे यह भी संदेश जाएगा कि पुलिस के भीतर अनुशासन होना आवश्यक है।

मेडिकल एवं फॉरेंसिक जांच

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी थानाध्यक्ष का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उनके रक्त के नमूने भी लिए गए हैं। ये नमूने फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजे जाएंगे, ताकि जांच में कोई भी संभावना पूरी तरह से स्पष्ट की जा सके। इस प्रकार के सख्त कदमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में इस प्रकार का अनुशासनहीनता न हो।

कम शब्दों में कहें तो, राजपुर हादसे ने पुलिस महकमे की ताकतवर छवि को चुनौती दी है। सोशल मीडिया पर अव्यवस्थित टिप्पणियों की बाढ़ ने इस स्थिति को और भी मुश्किल बना दिया है। एसएसपी द्वारा उठाए गए कदम गंभीरता को प्रदर्शित करते हैं कि अब कार्रवाई की जा रही है ताकि पुलिस कर्मियों के आचरण में सुधार लाया जा सके।

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