घरेलू सहायक बन घरों में चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चोरों का सरगना प्रेमिका के जरिए पकड़ा गया

दिल्ली में काफी समय से चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही था। घर में हाछ साफ करने का बाद चोर भाग जाते और जांच में पता चलता कि कुछ ही समय पहले घर में नौकर रखा गया था। कई समानताओं वाले केस सामने आने के बाद पुलिस एक्टिव हो गयी।दिल्ली पुलिस ने घरों में चोरी करने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो जाली आधार कार्ड, चोरी के फोन और फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर घरेलू सहायकों के रूप में घरों में प्रवेश करते थे।इसे भी पढ़ें: महादेव के सुरनकोट मंदिर पर हमला किसने किया था? दो साल बाद SIA ने बतायी हमले के पीछे की कहानी, दाखिल किया आरोपपत्र एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि मुख्य आरोपी की पहचान सूरज के रूप में हुई है, जिसने फर्जी पहचान पत्र के आधार पर उत्तरी दिल्ली के कोहाट एन्क्लेव स्थित एक आवास में घरेलू सहायक के रूप में प्रवेश किया और 26 अप्रैल को घर में चोरी के बाद गायब हो गया। पुलिस ने बताया कि सूरज का उसकी प्रेमिका के जरिए कानपुर में होने का पता लगा और कानपुर देहात में खेतों में करीब 1.5 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि अन्य आरोपियों की पहचान करण, सूरज के रिश्ते के भाई सौरव व प्रमोद कुमार सोनी तथा पवन साहू के तौर पर हुई है। पुलिस के मुताबिक, करण चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद भागने में मदद करने के लिए स्कूटी पर बाहर इंतजार करता था, जबकि सौरव ने ऑनलाइन टूल का उपयोग करके जाली आधार कार्ड बनाने में मदद की और सोनी और पवन साहू ने चोरी के गहने खरीदे।इसे भी पढ़ें: मंत्री विजय शाह की बढ़ी मुश्किलें, मध्य प्रदेश पुलिस ने कर्नल कुरैशी के खिलाफ टिप्पणी की जांच के लिए SIT गठित की सोनी का आपराधिक इतिहास है और अयोध्या में उसके खिलाफ एक मंदिर में चोरी को लेकर पूर्व में मामला दर्ज हुआ था। उत्तर-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भीष्म सिंह ने कहा कि आरोपियों ने ‘डिजिटल ट्रेसबिलिटी’ से बचने के लिए चोरी किए गए फोन और सिम कार्ड का भी इस्तेमाल किया और अपराध के तुरंत बाद उन्हें बंद कर दिया। पुलिस ने बताया कि सूरज पर मोती नगर में 2024 में हथियार के बल पर हुई लूट में शामिल होने का आरोप है। पुलिस ने बताया कि अन्य साथियों की पहचान करने तथा चोरी का और सामान बरामद करने के लिए आगे की जांच जारी है।

May 21, 2025 - 00:39
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घरेलू सहायक बन घरों में चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चोरों का सरगना प्रेमिका के जरिए पकड़ा गया
घरेलू सहायक बन घरों में चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चोरों का सरगना प्रेमिका के जरिए पकड़ा गया

घरेलू सहायक बन घरों में चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चोरों का सरगना प्रेमिका के जरिए पकड़ा गया

दिल्ली में काफी समय से चोरी की वारदातें बढ़ती जा रही थीं। घर में सफाई करने के बाद चोर आसानी से भाग जाते थे और जब जांच होती थी, तो यह पता चलता था कि कुछ समय पहले घर में एक नया घरेलू सहायक रखा गया था। कई समानताओं वाले केस सामने आने के बाद, पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ कार्रवाई की।

दिल्ली पुलिस ने एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो जाली आधार कार्ड, चोरी के मोबाइल फोन और फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग करके घरेलू सहायकों के रूप में घरों में प्रवेश करते थे। एक अधिकारी ने महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य आरोपी की पहचान सूरज के रूप में हुई, जिसने एक फर्जी पहचान पत्र के आधार पर उत्तरी दिल्ली के कोहाट एन्क्लेव में एक आवास में काम किया। यह घटना 26 अप्रैल को हुई जब सूरज ने घर में चोरी की और उसके बाद गायब हो गया।

गिरफ्तारी की प्रक्रिया

पुलिस ने सूरज का सुराग उसकी प्रेमिका के माध्यम से खोज निकाला और उसे कानपुर जिले में खेतों में रखा। यहां तक कि पुलिस ने उसका पीछा किया जो लगभग 1.5 किलोमीटर तक चला। सूरज को अंततः गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करण, सूरज के भाई सौरव, प्रमोद कुमार सोनी और पवन साहू के रूप में हुई। पुलिस ने बताया कि करण चोरी के बाद मौके से भागने में मदद करने के लिए बाहर स्कूटी पर इंतजार करता था, जबकि सौरव ने ऑनलाइन टूल का उपयोग करके जाली आधार कार्ड बनाने में मदद की। सोनी और पवन साहू ने चोरी किए गए गहनों के खरीदने का कार्य किया।

आपराधिक इतिहास का खुलासा

सोनी का एक आपराधिक इतिहास भी है और इसके खिलाफ अयोध्या में मंदिर में चोरी के आलंबन में पूर्व में मामला दर्ज हुआ था। उत्तर-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने कहा कि आरोपियों ने 'डिजिटल ट्रेसबिलिटी' से बचने के लिए चोरी के फोन और सिम कार्ड का उपयोग किया और अपराध के तुरंत बाद उन्हें बंद कर दिया।

पुलिस ने यह भी बताया कि सूरज पर 2024 में मोती नगर में हथियार के बल पर हुई लूट में शामिल होने का आरोप भी है। पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान और चोरी के सामान की बरामदगी के लिए आगे की जांच कर रही है।

समाज में जागरूकता की आवश्यकता

इस तरह की घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि हमें अपने आसपास के लोगों और कार्यों के प्रति अधिक सतर्क रहना होगा। घरेलू सहायकों का चयन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और उनकी पृष्ठभूमि की जांच अवश्य करनी चाहिए।

दिल्ली पुलिस ने मामलों को सुलझाने में तेजी दिखाई है, लेकिन समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे गिरोहों के सक्रियता को कम किया जा सके।

अंत में, यह घटना हमें यह सिखाती है कि सतर्क रहना हमेशा बेहतर होता है, और हमें किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।

दिल्ली में ऐसे गिरोहों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और कार्रवाई के लिए सभी को एक साथ आना होगा।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारे वेबसाइट पर जाएं: haqiqatkyahai.com

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