गौचर मेला 2023: सांस्कृतिक और औद्योगिक उत्सव 14 नवंबर से शुरू होगा
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गौचर मेला 2023: सांस्कृतिक और औद्योगिक उत्सव 14 नवंबर से शुरू होगा
जिला चमोली का ऐतिहासिक गौचर मेला
73वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेला की तैयारी की बैठक जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई
14 नवंबर से शुरू होगा गौचर मेला
चमोली, 07 अक्टूबर।
इस वर्ष 73वें राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक गौचर मेले की तैयारियों को लेकर मंगलवार को जिलाधिकारी संदीप तिवारी की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक राजकीय इंटर कॉलेज गौचर के सभागार में हुई, जिसमें अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और व्यापार संघ के पदाधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत किए ताकि मेले को भव्य और सफल बनाया जा सके। यह मेला 14 नवंबर से प्रारंभ होगा।
बैठक के दौरान मेलाधिकारी/उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग, सोहन सिंह रांगण ने पिछले वर्ष आयोजित 72वें गौचर मेले की प्राप्त और व्यय की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मेले के खाते में ब्याज सहित कुल 57,206 रुपये की राशि शेष है, जिसके आधार पर इस वर्ष के मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए योजनाबद्ध तैयारी की जा रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता भुवन नौटियाल ने सुझाव दिया कि मेले को भव्यता देने के लिए कम से कम 50 लाख रुपये की धनराशि शासन से मांगी जाए। उन्होंने नंदा देवी राजजात यात्रा को मेले के साथ जोड़ने पर भी जोर दिया।
व्यापार संघ अध्यक्ष, राकेश लिंगवाल ने मेले के आयोजन की आवश्यकता बताई और दुकानों के किराये में कमी लाने का आग्रह किया। हरिकेश भट्ट ने कहा कि मेले के माध्यम से युवाओं को आपदा प्रबंधन एवं बचाव में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, जिसके लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कैंप लगाए जा सकते हैं। सुरेंद्र कनवासी ने आपदा प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दुकानों के आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया।
स्थानीय नागरिकों ने छात्रों के लिए कैरियर काउंसलिंग स्टॉल स्थापित करने का सुझाव दिया, जिससे उन्हें भविष्य के रोजगार के अवसरों की जानकारी मिल सके। चैतन्य बिष्ट ने स्किल इंडिया योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के प्रशिक्षण देने हेतु विशेष स्टॉल की आवश्यकता बताई। नवनिर्वाचित सभासदों ने भी मेले में प्लास्टिक प्रतिबंध लागू करने की मांग की।
नगर पालिका अध्यक्ष, गणेश शाह ने कहा कि गौचर मेला हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसे भव्यता और परंपरा के साथ मनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और प्लास्टिक मुक्त मेला बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर अपर जिला अधिकारी, विवेक प्रकाश, जिला विकास अधिकारी, केके पंत और अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी भी उपस्थित रहे।
गौचर मेले का परिचय
गौचर मेला उत्तराखण्ड राज्य के चमोली जनपद में स्थित है, जो प्रदेश के सबसे लोकप्रिय मेलों में से एक माना जाता है। समुद्र तल से लगभग 800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित गौचर अपने विशाल समतल मैदान और व्यापारिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह मेला 1943 में प्रारंभ हुआ था और तब से लेकर अब तक यह औद्योगिक विकास और सांस्कृतिक महोत्सव के रूप में विकसित हो गया है। हर वर्ष 14 नवम्बर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू जी के जन्म दिवस के अवसर पर इस मेले की शुरुआत होती है। यह मेला न केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोक संस्कृति, लोककला और सामाजिक सद्भावना का भी एक प्रतीक है, जो उत्तराखण्ड की समृद्ध परंपरा और लोक जीवन का अद्भुत प्रदर्शन करता है।
कम शब्दों में कहें तो, गौचर मेला 2023 का आयोजन स्थानीय संस्कृति और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। सभी नागरिकों से आग्रह है कि इस मेले का हिस्सा बन कर इसे सफल बनाएं। अधिक जानकारी के लिए, कृपया [https://haqiqatkyahai.com](https://haqiqatkyahai.com) पर जाएं।
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इस लेख को पूरा करने में मदद करने के लिए धन्यवाद। आप सभी से अनुरोध है कि इस अवसर पर सक्रिय भागीदारी करें और मेले को एक सफल उत्सव बनाएं।
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