Raj Kapoor Death Anniversary: राज कपूर ने स्पॉटब़ॉय के रूप में रखा था इंडस्ट्री में कदम, ऐसे बने हिंदी सिनेमा के शोमैन
हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े शोमैन राज कपूर का 02 जून को निधन हो गया था। राज कपूर को एक अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के तौर पर याद किया जाता है। हालांकि उनका यह सफर इतना भी आसान नहीं रहा था। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने सफर की शुरूआत बतौर स्पॉटबॉय के रूप में की थी। राज कपूर ने सिनेमा की कई पीढ़ियों को प्रभावित किया। उनका योगदान सिर्फ अभिनय तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने इस क्राफ्ट को एक आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राज कपूर को भले ही अभिनय विरासत में मिला था, लेकिन अभिनय के प्रति उनके जज्बे में हिंदी सिनेमा को 'राज' दिया। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर राज कपूर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...जन्म और परिवारपाकिस्तान के पेशावर में 14 दिसंबर 1924 को राज कपूर का जन्म हुआ था। राज कपूर अपने 6 भाई-बहनों में से सबसे बड़े थे। राज कपूर के पिता का नाम पृथ्वीराज कपूर था। वह अपने पिता के साथ मुंबई आ गए। तब उनके पिता पृथ्वीराज कपूर ने कहा कि नीचे से शुरूआत करोगे तो ऊपर तक जाओगे। इस बात को राज कपूर ने दिल से लगा लिया और इंडस्ट्री के सबसे निचले स्तर से शुरूआत की थी।इसे भी पढ़ें: Nargis Birth Anniversary: राज्यसभा की सदस्य बनने वाली पहली अभिनेत्री थीं नरगिस, ऐसा रहा फिल्मी सफरफिल्मी सफरबता दें कि राज कपूर ने महज 11 साल की उम्र में इंडस्ट्री में काम करना शुरूकर दिया था। वह पहली बार साल 1935 में फिल्म 'इंकलाब' में दिखाई दिए थे। वहीं 17 साल की उम्र में उन्होंने रंजीत मूवीकॉम और बॉम्बे टॉकीज में स्पॉटबॉय और क्लैपर ब्वॉय के तौर पर काम किया था। राज कपूर ने साल 1947 में आई फिल्म 'नील कमल' से बतौर लीड एक्टर काम किया। इसमें उन्होंने एक्ट्रेस मधुबाला के साथ काम किया था। वहीं महज 24 साल की उम्र में साल 1948 में राज कपूर ने अपना स्टू़डियो खोल दिया था। जिसका नाम आरके फिल्म्स था।आरके स्टूडियो हिंदी सिनेमा के लिए एक सौगात था। जिसने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों की झड़ी लगा दी। वहीं राज कपूर ने फिल्म आग से निर्देशन में कदम रखा था। हालांकि यह फिल्म कुछ खास कमला नहीं कर सकी। लेकिन आलोचकों ने राज कपूर के काम को सराहा। इसके बाद साल 1949 में बरसात और अंदाज जैसी फिल्मों ने राज कपूर को सुपरस्टार बना दिया था।मृत्युवहीं 02 जून 1988 को 63 साल की उम्र में अस्थमा के कारण राज कपूर का निधन हो गया था।

Raj Kapoor Death Anniversary: राज कपूर ने स्पॉटब़ॉय के रूप में रखा था इंडस्ट्री में कदम, ऐसे बने हिंदी सिनेमा के शोमैन
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राज कपूर, हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े शोमैन, का निधन 02 जून 1988 को हुआ था। उन्हें एक अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के तौर पर हमेशा याद किया जाएगा। हालांकि राज कपूर का सफर इतना भी आसान नहीं रहा। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत बतौर स्पॉटबॉय की थी। उनके योगदान ने सिनेमा की कई पीढ़ियों को प्रेरित किया, और इस लेख में हम राज कपूर की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानते हैं।
जन्म और परिवार
राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर 1924 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था, और वे अपने 6 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनके पिता, पृथ्वीराज कपूर, पहले से ही फिल्म इंडस्ट्री में थे, और उन्होंने राज कपूर को बताया कि अगर वे नीचे से शुरू करेंगे, तो अवश्य सफल होंगे। इस सलाह ने राज को प्रेरित किया और उन्होंने इंडस्ट्री के सबसे निचले स्तर से अपने करियर की शुरुआत की।
फिल्मी सफर
राज कपूर ने महज 11 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। अपनी पहली फिल्म 'इंकलाब' में 1935 में दिखाई दिए और 17 साल की उम्र में उन्होंने रंजीत मूवीकॉम और बॉम्बे टॉकीज में स्पॉटबॉय और क्लैपर ब्वॉय के रूप में काम किया। 1947 में 'नील कमल' फिल्म से उन्होंने लीड एक्टर के रूप में बॉलीवुड में प्रवेश किया, जिसमें उन्होंने मधुबाला के साथ काम किया। महज 24 साल की उम्र में राज कपूर ने आरके फिल्म्स नामक अपना खुद का स्टूडियो खोला, जिसने हिंदी सिनेमा की कई सफल फिल्मों का निर्माण किया।
राज कपूर का निर्देशन
राज कपूर ने 1948 में अपने निर्देशन की शुरुआत फिल्म 'आग' से की। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं रही, लेकिन आलोचकों ने उनके काम को सराहा। इसके बाद, 1949 में 'बरसात' और 'अंदाज' जैसी फिल्मों ने उन्हें सच्चे मायनों में सुपरस्टार बना दिया। उन्होंने सिनेमा में नए प्रयोग किए, जो समाज की सच्चाइयों को दर्शाते थे और तकनीकी दृष्टि से भी नयी ऊँचाईयों को छूते थे। उनकी फिल्में न केवल दर्शकों का मनोरंजन करती थीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी देती थीं।
मृत्यु और विरासत
राज कपूर का निधन 02 जून 1988 को अस्थमा के कारण 63 वर्ष की आयु में हुआ। उनके जाने से न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। राज कपूर को केवल एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक और सिनेमाई सपनों के निर्माता के रूप में याद किया जाएगा। उनका योगदान न केवल कला की दुनिया में, बल्कि समाज में भी अमिट है।
राज कपूर की मृत्यु वर्षगांठ के अवसर पर, हमें उनके योगदान और प्रेरणा को याद करना चाहिए, जिसने हिंदी सिनेमा को एक नया आकार दिया। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि मेहनत और जुनून से आप किसी भी क्षेत्र में ऊँचाई तक पहुंच सकते हैं।
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