भीतर के दुश्मनों के खिलाफ सख्ती-चौंकसी बढ़ानी होगी
पाकिस्तान भारत के अनेक लालची, शानोशौकत के आकांक्षी, देशद्रोही एवं देश के दुश्मन लोगों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ प्रचार और जासूसी गतिविधियों के लिए कर रहा था। ऐसे ही कुछ देश विरोधी तत्वों का पर्दाफाश होना चौंकाता भी है एवं चिन्ता में भी डालता है। ऐसे ही तत्वों में एक नाम है ज्योति मल्होत्रा, उस पर आरोप है कि वह न केवल सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश कर रही थी, बल्कि उसने पाक खुफिया एजेंसी के एजेंटों से भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां भी साझा कर रही थीं, जिनमें ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी गोपनीय जानकारियां भी थीं। वह एक खुफिया एजेंट के रूप में सीमा पार से चलाए जा रहे नेटवर्क का हिस्सा थी। देश की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारत की मिट्टी पर छिपे गद्दार कितनी भी चालाकी से छिप जाएं, वे कानून की नजरों से नहीं बच सकते। उम्मीद है कि पूछताछ में ऐसे सबूत मिल सकते हैं जो भारत के खिलाफ बड़ी साजिशों का खुलासा कर सके। ‘ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने न सिर्फ सरहद पार बैठे दुश्मनों की नींद हराम कर दी है, बल्कि देश के भीतर बैठे गुप्त गद्दारों की भी कमर तोड़ दी है। हाल ही में लगातार ऐसे अनेक राष्ट्र-विरोधी जासूसों की गिरफ्तारी ने जता दिया कि भारत हर मोर्चें पर देश की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिये प्रतिबद्ध है। ये गिरफ्तारियां अनेक दृष्टियों से महत्वपूर्ण एवं यह भी पाक की एक करारी हार ही है।पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा के हिसार की यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा समेत छह लोगों की खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की गयी गिरफ्तारी भारत की सतर्कता एवं सावधानी को तो दर्शाती ही है, इससे यह भी स्पष्ट होता है कि इस चुनौती भरे समय में भीतर के दुश्मनों की शिनाख्त एवं उनकी धडपकड़ कितनी जरूरी है। ‘ट्रैवल विद जो’ नाम से यू-ट्यूब चैनल चलाने वाली ज्योति पर आरोप है कि वह पाक के कई उच्च अधिकारियों के संपर्क में थी और भारत से जुड़ी गुप्त सूचनाएं पाक तक पहुंचाती थी। पता यह भी चला है कि पाक यात्रा के दौरान उसकी मुलाकात पाक उच्चायोग के एक कर्मचारी दानिश से हुई, जिसके माध्यम से उसकी पहचान आइएसआइ के एजेंटों से हुई। ज्योति इन एजेंटों के साथ व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचौट के जरिये संपर्क में थी। कहते हैं कि उसने एक पाक खुफिया अधिकारी के साथ गहरे संबंध बनाये और उसके साथ बाली भी गयी थी। ज्योति एवं उसके सहयोगी बेखौफ भारत की अति-संवेदनशील एवं गोपनीय सूचनाओं को पाक से साझा करते हुए देश को नुकसान पहुंचा रहे थे। ये सभी आम नागरिकों की तरह जिंदगी जी रहे थे, लेकिन इनके इरादे राष्ट्रविरोधी थे। देश की कीमत पर सारे राष्ट्र-मूल्यों एवं निष्ठाओं को ताक पर रखकर धनार्जन की लालसा और मौज-मस्ती का लक्ष्य घिनौना एवं अक्षम्य अपराध है। राष्ट्र को इन विस्फोटक विसंगतियों से बचाना होगा।इसे भी पढ़ें: Jyoti Malhotra प्रकरण ने दिलाई Madhuri Gupta Spy Case की याद, Pakistan ने दोनों भारतीय महिलाओं को अपने जाल में इस तरह फँसायाभारत विरोधी शक्तियों के हाथ में खेलकर देश को मुश्किल में डालने का यह कृत्य परेशान एवं चिन्ता में डालने वाला है। बहुत संभव है कि जासूसी कांड में लिप्त ये भारतीय बड़े आर्थिक प्रलोभनों के लालच में पाक एजेंटों के जाल में फंसे हों। लेकिन बड़ा प्रश्न है कि कैसे कुछ लोग पैसे व शानोशौकत के लालच में देश की सुरक्षा व लोगों का जीवन भी दांव पर लगा सकते हैं? देश के भीतर के ये दुश्मन बाहरी दुश्मनों से ज्यादा घातक एवं नुकसानदेय हैं। पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई से ताल्लुक रखने पर पिछले दिनों हरियाणा, पंजाब व यूपी के इन लोगों की गिरफ्तारी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। लेकिन इनकी गहन जांच से और भी गंभीर खुलासे होने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता। ये एक गंभीर चुनौती है और हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों और खुफिया संस्थाओं को अब इस चुनौती को गंभीरता से लेना होगा। इन लोगों के तार भीतर कहां-कहां जुड़े है, इसका पर्दाफाश होना ज्यादा जरूरी है। ये तत्व देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही सांप्रदायिक सद्भाव एवं आम-जनजीवन को भी खतरे में डाल सकते हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा की ज्योति कथित तौर पर हाल के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के एक कर्मचारी के संपर्क में थी, जिसे हाल ही में भारत विरोधी गतिविधियों के लिये देश से निकाला गया। इस मामले में चल रही जांच से पता चला है कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले से पहले ज्योति कश्मीर गई और उससे पहले पाकिस्तान गई थी। एक से अधिक बार पाकिस्तान जा चुकी ज्योति पर खुफिया अधिकारियों की नजर तो थी ही, ज्योति के कई वीडियोज ने भी खुफिया एजेंसियों का ध्यान खींचा, चाहे वह नयी दिल्ली स्थित पाक दूतावास में इफ्तार की दावत का वीडियो हो, पिछले साल हुए विश्व कप में भारत-पाक मैच में दर्शकों की प्रतिक्रिया वाला वीडियो हो या कश्मीर घूमने आये लोगों पर बनाये गये वीडियो हों। विडंबना है कि पाकिस्तान भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गलत फायदा उठा रहा है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, ज्योति को दुबई के एक कथित हैंडलर के माध्यम से भुगतान किया जाता था। यह खुलासा केवल ज्योति तक सीमित मामला नहीं है, बल्कि इसके जरिये एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है उस पर पाक के खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील जानकारी देने के आरोप हैं। यूपी के रहने वाले शहजाद और नौमान इलाही पर भी इसी तरह के आरोप हैं। पंजाब में मालेरकोटला के दो लोगों को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जांच एजेंसियों को पता लगाना होगा कि क्या इन आरोपियों की सैन्य या रक्षा अभियानों से संबंधित जानकारी तक सीधी पहुंच थी या वे इसे उच्च पदस्थ स्रोतों से प्राप्त कर रहे थे? इन बातों का खुलासा होना सुरक्षा एवं सैन्य गोपनीयता की दृष्टि से ज्यादा जरूरी है। गिरफ्तार सभी अपराधियों को गंभीर पूछताछ के बाद कठोर सजा मिलनी चाहिए। दुश्मन चाहे द

भीतर के दुश्मनों के खिलाफ सख्ती-चौंकसी बढ़ानी होगी
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By Priya Sharma, Kavita Joshi, and Neeta Singh, Team haqiqatkyahai
भारत की सुरक्षा को खतरा:
पाकिस्तान भारत के अंदर अनेक लालची और देशद्रोही तत्वों का इस्तेमाल करते हुए एक बार फिर देश की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में सामने आई ज्योति मल्होत्रा का मामला इस बात का सबूत है कि हमारी सतर्कता को बढ़ाने की ज़रूरत है। ज्योति पर आरोप है कि उसने न केवल पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों से संवेदनशील जानकारियों का आदान-प्रदान किया, बल्कि वह सोशल मीडिया पर पाकिस्तान की सकारात्मक छवि भी पेश कर रही थी।
ज्योति मल्होत्रा का खुलासा:
ज्योति मल्होत्रा, जो हरियाणा के हिसार से एक यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर है, पर यह आरोप है कि उसने पाकिस्तान के कई उच्च अधिकारियों के संपर्क में रहकर भारत से जुड़ी गुप्त जानकारियाँ उनके तक पहुँचाईं। उसकी घनिष्ठता पाक उच्चायोग के कर्मचारियों के साथ और पाकिस्तान यात्रा के दौरान के संपर्क ने खुफिया एजेंसियों का ध्यान खींचा। इस बात से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे तत्वों की पहचान करना और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करना कितना जरूरी है।
कानून प्रवर्तन एंजेंसियों की भूमिका:
देश की सुरक्षा एजेंसियों ने यह साबित कर दिया है कि वे भीतर के दुश्मनों को पहचानने और उन्हें पकड़ने में सक्षम हैं। हाल ही में हुई ऐसी कई गिरफ्तारियों ने दिखाया है कि भारतीय खुफिया एजेंसियाँ बेहद सतर्क हैं और कानून के शिकंजे से कोई भी देशद्रोही बच नहीं सकता। सरकार को इस दिशा में और अधिक सख्ती बरतनी होगी, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। पाकिस्तान द्वारा भारत के अंदर जासूसी और प्रचार गतिविधियों को बढ़ाने की कोशिशों के मद्देनजर, हमारे सुरक्षा बलों का यह कर्तव्य बनता है कि वो हर मोर्चे पर तैयार रहें।
भयावह जानकारी के तंतु:
ज्योति मल्होत्रा और उसके सहयोगियों के गिरफ्तार होने से यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान के जासूसों के काले कारनामों का जाल कितना गहरा फैला हुआ है। अब यह अत्यंत आवश्यक है कि इसमें गहन जांच की जाए ताकि हमारे दुश्मनों के नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके। न्यूज़ रिपोर्टों के अनुसार, ज्योति को दुबई के एक हैंडलर के माध्यम से आर्थिक प्रलोभन दिए जाते थे, जिसका उपयोग वह भारत की संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए कर रही थी।
आर्थिक प्रलोभन की पृष्ठभूमि:
जासूसी कांडों में लिप्त ये भारतीय बाहरी दुश्मनों की तुलना में ज्यादा घातक सिद्ध हो सकते हैं। आर्थिक लाभ के लिए अपने देश के साथ गद्दारी करने वाले ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखना आवश्यक है। इस तरह के देशद्रोह को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपने काम में तेजी लानी होगी और संदिग्ध तत्वों की पहचान करनी होगी।
निष्कर्ष:
यह घटना केवल एक जासूसी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारे लिए एक चेतावनी भी है कि हमें भीतर के दुश्मनों के खिलाफ सख्ती और चौकसी बढ़ानी होगी। पाकिस्तान में छुपे आतंकवादी और उसके साथ सहयोग करने वाले लोग हमारे देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी सुरक्षा एजेंसियों को इस खतरे का मुकाबला करने के लिए हर संभव कदम उठाना होगा। इसके अलावा, नागरिकों को भी सतर्क रहना चाहिए और अपने आसपास की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए।
सुरक्षा एजेंसियों के प्रति विश्वास:
हमारी सुरक्षा एजेंसियाँ अपनी भूमिका में निपुण हैं, लेकिन हमें भी उनकी मदद करनी होगी। केवल तभी हम अपने देश की सुरक्षा को मजबूत कर सकते हैं। दुनिया में ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा।
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