भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने अल्मोड़ा के तोषित लोहनी: पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए

सीएनई​ रिपोर्टर, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा नगर के कपीना के मूल निवासी तोषित लोहनी भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में विगत दिवस आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। उल्लेखनीय है कि तोषित लोहनी सेना में दूसरी पीढ़ी के आफिसर हैं। उनके पिता कर्नल राजीव लोहनी ने भी 25 वर्ष सेना में अपनी सेवायें […] The post पिता के पदचिन्हों पर चल अल्मोड़ा के तोषित लोहनी बने सेना में लेफ्टिनेंट appeared first on Creative News Express | CNE News.

Jun 18, 2025 - 09:39
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भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने अल्मोड़ा के तोषित लोहनी: पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए
पिता के पदचिन्हों पर चल अल्मोड़ा के तोषित लोहनी बने सेना में लेफ्टिनेंट

भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने अल्मोड़ा के तोषित लोहनी: पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए

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सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा जिले के कपीना गांव के रहने वाले तोषित लोहनी ने हाल ही में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेकर सेना में लेफ्टिनेंट की पदवी प्राप्त की है। यह उनके और उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है, जो भारतीय सेना की गौरवमयी परंपराओं को आगे बढ़ा रहा है। तोषित लोहनी भारतीय सेना में दूसरी पीढ़ी के अधिकारी हैं, जिनके पिता, कर्नल राजीव लोहनी, ने भी 25 वर्षों तक सैन्य सेवा दी है।

परिवार की गौरवमयी विरासत

तोषित की सफलता उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम होने के साथ-साथ उनके परिवार की गहरी सैन्य विरासत का भी प्रतिक है। उनका पिता कर्नल राजीव लोहनी भारतीय सेना में अपने कार्यकाल के दौरान अनेक उपलब्धियाँ हासिल कर चुके हैं। इनकी सफलताओं ने तोषित के लिए प्रेरणा का कार्य किया। तोषित का लेफ्टिनेंट बनना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह उनके परिवार के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत भी है।

शिक्षा और प्रशिक्षण का सफर

तोषित ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अल्मोड़ा के स्थानीय स्कूलों से प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी में दाखिला लिया। वहां, उन्होंने शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ विभिन्न खेल और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भी भाग लिया। उनकी प्रयासों और अनुशासन ने उन्हें सफलतापूर्वक लेफ्टिनेंट बनने में मदद की।

समुदाय में खुशी का माहौल

तोषित की यह उपलब्धि अल्मोड़ा नगर के लिए एक खुशी का कारण बन गई है। स्थानीय निवासियों ने इस युवा अधिकारी पर गर्व महसूस करते हुए उनके परिवार को बधाई देने के लिए बड़ी संख्या में पहुचं रहे हैं। उनका यह कदम अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और उन्हें भी सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

भविष्य की संभावनाएँ

तोषित लोहनी का यह कदम न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। उनकी मेहनत, अनुशासन और संकल्प निश्चित रूप से उन्हें भविष्य में महान कार्यों के लिए प्रेरित करेगा। अपनी यात्रा की शुरुआत के साथ, वे अपने अनुभव और शिक्षा का सही उपयोग करदेश की सेवा करेंगे।

निष्कर्ष

तोषित लोहनी की सफलता केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उनके परिवार की गौरवमयी परंपरा और भारतीय सेना के प्रति एक नई दिशा का प्रतीक है। ऐसी प्रेरणादायक कहानियाँ समाज में बदलाव लाती हैं और युवा वर्ग को उत्साहित करती हैं। अल्मोड़ा के इस सपूत की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है, और हम उनके भविष्य में की जाने वाली उपलब्धियों का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

हमें यकीन है कि तोषित लोहनी और उनके जैसे युवा अधिकारी देश की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

कम शब्दों में कहें तो, तोषित लोहनी का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक नई प्रेरणा है, बल्कि यह हमारे समाज के लिए एक प्रचंड धारा को प्रेरित करता है।

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सादर,
नीता शर्मा
टीम Haqiqat Kya Hai

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