गाजा में इजराइली हमले में 32 लोग मारे गए, मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं
गाजा पट्टी पर इजराइली हमलों में एक दर्जन से अधिक महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 32 लोग मारे गए। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू युद्ध के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भेंटवार्ता करने के लिए अमेरिका गये हैं। इजराइल ने पिछले महीने हमास के साथ युद्ध विराम समाप्त कर दिया था तथा हवाई और जमीनी हमले पुनः शुरू कर दिए थे। उसने ताबड़तोड़ हमला करते हुए क्षेत्रों पर कब्जा किया था ताकि उग्रवादी संगठन पर नए युद्ध विराम समझौते को स्वीकार करने तथा शेष बंधकों की रिहाई के लिए दबाव बनाया जा सके। रविवार रात को किए गए नवीनतम इजराइली हमलों में दक्षिणी शहर खान यूनिस में एक तम्बू और एक घर को निशाना बनाया गया, जिसमें पांच पुरुष, पांच महिलाएं और पांच बच्चे मारे गए। नासेर अस्पताल ने यह जानकारी दी जहां ये शव लाये गये थे। मारे गए लोगों में एक महिला पत्रकार भी शामिल है। जान गंवाने वाली पत्रकार की मां अमल कास्कीन ने कहा, ‘‘मेरी बेटी निर्दोष है। उसका इसमें कोई हाथ नहीं था, वह पत्रकारिता से प्यार करती थी और उसे बहुत पसंद करती थी।’’ गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर में इजराइली गोलाबारी में कम से कम चार लोग मारे गए। उधर, मध्य गाजा के दीर अल-बला में अल-अक्सा शहीद अस्पताल में एक बच्चे और तीन महिलाओं समेत पांच लोगों के शव लाये गये। युद्ध-विरोधी प्रदर्शनों के नए दौर के तहत दर्जनों फलस्तीनी जबालिया की सड़कों पर उतर आए। सोशल मीडिया पर प्रसारित फुटेज में लोगों को हमास के ख़िलाफ़ मार्च करते और नारे लगाते हुए देखा जा सकता है। नेतन्याहू सोमवार को ट्रंप से दूसरी बार मिलेंगे। ट्रंप ने जनवरी में अपना नवीनतम कार्यकाल संभाला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह युद्ध और इजराइल पर लगाए गए नए 17 प्रतिशत शुल्क पर चर्चा करेंगे।

गाजा में इजराइली हमले में 32 लोग मारे गए, मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं
Haqiqat Kya Hai - हाल ही में गाजा पट्टी में हुए इजराइली हमले ने एक बार फिर से मानवता को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 32 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। यह घटना एक बार फिर उस क्षेत्र में चल रहे संघर्ष को उजागर करती है, जहां आम नागरिक कलह के शिकार बन रहे हैं।
भारतीय की रिपोर्ट के अनुसार
हालिया हमले के बाद, आँखों से आँसू बहाते परिवार और बर्बाद होते घरों की तस्वीरें पूरी दुनिया में फैल गई हैं। हालात बेहद गंभीर हैं, और स्थानीय अस्पताल भर गए हैं। मारे गए लोगों में से अधिकांश की उम्र बहुत कम है, जो इस त्रासदी की गंभीरता को और बढ़ा देती है।
क्यों हुआ यह हमला?
यह हमला उस समय हुआ जब इजराइल ने अपने सुरक्षा बलों की कार्रवाई को बढ़ावा दिया है। इजरायली सरकार का कहना है कि यह हमला आतंकी गुटों द्वारा किए गए हमलों का जवाब है। लेकिन, स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्हें सुरक्षा के नाम पर हमले का शिकार बनाया जा रहा है। इस स्थिति में आम जनता का क्या दोष है, यह एक बड़ा सवाल है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस घटना पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मानवाधिकार संगठनों ने इस हमले की निंदा की है और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। भारत सरकार ने भी एक बयान जारी करते हुए हिंसा की इस स्थिति पर चिंता जताई है।
क्या है भविष्य?
इस प्रकार की घटनाएं न केवल एक क्षेत्र को प्रभावित करती हैं, बल्कि यह पूरी दुनिया में शांति की स्थिति को भी खतरे में डालती हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वे इस स्थिति में सकारात्मक हस्तक्षेप करें और शांति स्थापित करने के प्रयास करें।
निष्कर्ष
गाजा में हुआ यह हमला न केवल एक मानवता का संकट है, बल्कि यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि युद्ध और हिंसा का अंत कैसे किया जाए। इस संकट की घड़ी में, हमें एकजुट होकर उन परिवारों की मदद करनी चाहिए जिनका जीवन इस त्रासदी में खो गया। आइए, हम सब मिलकर इंसानियत के खिलाफ होने वाले ऐसे अपराधों की निंदा करें।
For more updates, visit haqiqatkyahai.com.
लेखक: सुमन पांडे, नेत्रा शर्मा, टीम नेटानागरी
Keywords
Gaza, Israeli attacks, women and children casualties, international response, human rights violations, current news, peace efforts, conflict situationWhat's Your Reaction?






