गणेश जोशी और डीएम बंसल के विवाद से उठे सवाल, आपदा का असली जिम्मेदार कौन?

Rajkumar Dhiman, Dehradun: राजधानी देहरादून में चौतरफा बरपे आपदा के कहर के बीच एक ऐसा वीडियो समाने आता है, जो एक मंत्री की हनक को साफ बयां करता है। हनक भी शायद इसलिए कि जिले के सबसे बड़े अफसर आखिर उनके क्षेत्र में कैसे इतने सक्रिय दिख रहे हैं। काबीना मंत्री और मसूरी क्षेत्र के … The post वीडियो: गणेश जोशी और डीएम बंसल की टकराहट के मायने, आपदा के लिए जिम्मेदार कौन? appeared first on Round The Watch.

Sep 17, 2025 - 18:39
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गणेश जोशी और डीएम बंसल के विवाद से उठे सवाल, आपदा का असली जिम्मेदार कौन?

राजकुमार धीमान, देहरादून: राजधानी देहरादून में आयी आपदा ने सभी को परेशान कर रखा है, और इसी बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जो एक मंत्री की हनक और उसके पीछे छिपे सवालों को उजागर करता है। कैबिनेट मंत्री और मसूरी के विधायक गणेश जोशी का ताजगी भरा मगर तल्ख रवैया एक ओर जहां उनके राजनीतिक व्यक्तित्व को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह भी सवाल खड़ा करता है कि क्या वे वास्तव में आपदा के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

वीडियो में मंत्री जोशी जिलाधिकारी सविन बंसल को यह कहते ہوئے सुनाई दे रहे हैं कि "आप यहां क्यों आ गए?" जो कि साफ दर्शाता है कि उनकी नाराजगी कितनी गहरी है। जिलाधिकारी बंसल, हालांकि, आपदा के प्रसंग में शांत रहते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आगे बढ़ जाते हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि नेताओं और अधिकारियों के बीच की तनातनी कितनी गंभीर हो सकती है जब संकट का सामना किया जा रहा हो।

आपदा की घड़ी में मंत्री की भूमिका पर सवाल

हमारी रिपोर्ट के अनुसार, सहस्रधारा घाटी जैसी क्षेत्र आपदा से जूझ रही है, और सवाल उठता है कि गणेश जोशी इस दौरान अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। क्या वे केवल आपदा के समय में मीडिया के सामने आकर सक्रिय दिखना चाहते हैं, या वास्तव में समस्या के समाधान के लिए प्रयासरत हैं? यह एक बड़ा सवाल है।

मंत्री जोशी नदी-नालों पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं? क्या उनकी ओर से डीएम बंसल को उन अधिकारियों को सचेत करने के लिए कभी फटकार लाने की कोशिश की गई? यह स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि वर्तमान में उनके विधानसभा क्षेत्र में कई वन भूमि पर अनधिकृत कब्जे हो रहे हैं, और खनन से संबंधित मामलों में भी अनदेखी की जा रही है।

जिलाधिकारी बंसल की सक्रियता पर प्रश्नचिन्ह

जिलाधिकारी सविन बंसल, जिन पर हमेशा से गंभीर कार्य करने का आरोप लगाया जाता रहा है, उन्होंने इस स्थिति में अपने कर्तव्यों का पालन किया। मंत्री जोशी के खिलाफ नाराजगी दिखाते हुए वे खुद को इस मामले में जिम्मेदार मानते हैं। यह बात हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या मंत्री जोशी की नाराजगी सरकार की नीतियों के खिलाफ स्वतंत्रता के रूप में प्रकट हो रही है।

क्या मंत्री जोशी ने कभी अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई है? क्या वे कभी इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हैं? उनकी राजनीतिक शैली को देखते हुए केवल वोट बैंक की राजनीति करना दिखता है, जो अन्यायपूर्ण है।

अगर मंत्री जोशी वास्तव में जनता की भलाई चाहते हैं, तो उन्हें अपनी प्राथमिकताएं बदलने की आवश्यकता है। उन्हें यह समझना होगा कि डीएम बंसल जैसे कार्यशील अधिकारियों के प्रति सम्मान दिखाना और सहयोग करना जरुरी है। इस घड़ी में टीम काम करना ज़रूरी है, न कि प्रतिकूलता का माहौल बनाना।

कम शब्दों में कहें तो, गणेश जोशी को आपदा के वक्त में असली जिम्मेदारियों को समझना होगा, और यह निर्णय लेना होगा कि उन्‍हें जनहित में काम करना है या केवल अपनी छवि बचाने के लिए।

इस वीडियो से साफ नजर आता है कि हर किसी का ध्यान अपनी ट्रेनिंग में होना जरूरी है, और उनके आस-पास के कामकाजी माहौल को सही दिशा में ले जाने का प्रयास होना चाहिए।

आप को याद दिला दें कि उत्तराखंड में ये घटनाएँ अकेली नहीं हैं। अगर हमें प्रवृत्तियों और उनके प्रभावों को नियंत्रित करना है, तो हर एक नेता और अधिकारी को शोध करने और अनियमितताओं को समाप्त करने का संकल्प लेना होगा।

आपदा की इस घड़ी में, हमें एकता की आवश्यकता है। अगर हम राजनीतिक विरोधाभास से बाहर आकर सहयोग करना सीखें, तो शायद हम बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।

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सादर, टीम हकीकत क्या है, संगीता शर्मा

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