कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में अवैध कटान और निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार को कड़े निर्देश

Rajkumar Dhiman, Dehradun: देश के सबसे संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्रों में से एक—जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व—में अवैध पेड़ कटाई और अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 नवंबर) को उत्तराखंड सरकार को कड़े और व्यापक निर्देश जारी किए। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कहा कि राज्य को कॉर्बेट में हुए पर्यावरणीय नुकसान की पूरी भरपाई … The post कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में अवैध कटान और निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार को कड़े निर्देश appeared first on Round The Watch.

Nov 18, 2025 - 00:39
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कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में अवैध कटान और निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार को कड़े निर्देश

Rajkumar Dhiman, Dehradun: देश के सबसे संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्रों में से एक—जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व—में अवैध पेड़ कटाई और अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 नवंबर) को उत्तराखंड सरकार को कड़े और व्यापक निर्देश जारी किए। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कहा कि राज्य को कॉर्बेट में हुए पर्यावरणीय नुकसान की पूरी भरपाई करनी होगी और यह बहाली वैज्ञानिक तथा पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। अदालत ने निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित सभी अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त करना अनिवार्य होगा। इसके लिए मुख्य वन्यजीव वार्डन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

वैज्ञानिक पारिस्थितिक पुनर्स्थापन हो… CEC करेगी पूरी निगरानी”

पीठ ने कहा कि टाइगर रिज़र्व को हुआ नुकसान केवल कागज़ी कार्रवाई से नहीं सुधारा जा सकता। इसलिए राज्य सरकार को एक पारिस्थितिक पुनर्स्थापन (Ecological Restoration) योजना तैयार करने और उसे लागू करने का निर्देश दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी CEC करेगी, ताकि बहाली कार्य पारदर्शी और प्रभावी रहे।

मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की

“यदि पर्यटन को बढ़ावा देना है, तो वह केवल इको-टूरिज्म के रूप में हो सकता है, न कि वनों को नुकसान पहुंचाकर।”

पेड़ों की अवैध कटाई की भरपाई के लिए सख्त कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कॉर्बेट में बड़े पैमाने पर हुई अवैध पेड़ कटाई से पारिस्थितिकी पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।

अदालत ने राज्य को निर्देश दिया कि पेड़ कटाई के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए,

खोई हुई हरियाली की भरपाई सघन पुनर्वनीकरण और वैज्ञानिक बहाली से की जाए और यह अभियान CEC की प्रत्यक्ष निगरानी में चलाया जाए।

टाइगर सफारी पर नए दिशानिर्देश, वाहनों की संख्या पर नियंत्रण

पीठ ने टाइगर सफारी से जुड़े नियमों को 2019 के मानकों के अनुरूप लाने का निर्देश भी दिया। अदालत ने कहा कि टाइगर सफारी के पास रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाएं, घायल या बीमार पशुओं की देखभाल के लिए संरचित प्रणाली तैयार की जाए और सफारी क्षेत्रों में वाहनों की संख्या सख्त रूप से नियंत्रित की जाए ताकि वन्यजीवों के आवास को नुकसान न पहुंचे।

तीन महीने में नई बाघ संरक्षण योजना अनिवार्य

अदालत ने राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर एक नई Tiger Conservation Plan तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसमें कोर और बफर ज़ोन का वैज्ञानिक प्रबंधन, मानवीय दबाव कम करने के उपाय और बाघों के सुरक्षित आवागमन के लिए कॉरिडोर संरक्षण शामिल होंगे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट को फटकार लगाई थी, क्योंकि उसने अवैध पेड़ कटाई के मामले में कॉर्बेट के पूर्व निदेशक के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में “शून्य सहनशीलता” होनी चाहिए।

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