उत्तराखंड पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की किरकिरी, कांग्रेस ने की आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) पर नियमों की The post उत्तराखंड पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की किरकिरी, कांग्रेस ने की आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग first appeared on radhaswaminews.

Jul 14, 2025 - 09:39
 103  16.3k
उत्तराखंड पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की किरकिरी, कांग्रेस ने की आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग
उत्तराखंड पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की किरकिरी, कांग्रेस ने की आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग

उत्तराखंड पंचायत चुनाव: हाईकोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग की किरकिरी, कांग्रेस ने की आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बीच राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) पर नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा है। नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद आयोग ने उन प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित करने पर रोक लगा दी है, जिनके नाम दो अलग-अलग मतदाता सूचियों में दर्ज हैं। इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयोग को आड़े हाथों लिया है और अब राज्य निर्वाचन आयुक्त को तत्काल पद से बर्खास्त करने की मांग को लेकर राज्यपाल से मुलाकात करने की तैयारी में है।

हाईकोर्ट के निर्देश पर रुका चुनाव चिह्न आवंटन

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष (संगठन) सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उन प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित न करने का निर्देश दिया था, जो दो जगहों पर मतदाता सूचियों में नाम दर्ज होने के कारण पंचायती राज अधिनियम के तहत चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं।

इस आदेश के आलोक में, राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि हाईकोर्ट की सुनवाई पूरी होने और अंतिम आदेश जारी होने तक ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किए जाएंगे। आयोग ने कल दोपहर तक इस प्रक्रिया को स्थगित रखने का आदेश जारी किया है।

कांग्रेस का आरोप: नियमों का मजाक बना रहा आयोग

कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को राज्य निर्वाचन आयोग की ‘धींगामुशती’ (मनमानी) करार दिया है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया को सत्ताधारी भाजपा के अनुकूल बनाने के लिए सारे नियमों और कायदों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि आयोग ने प्रदेश में चल रहे चुनावों को मजाक बना दिया है।

धस्माना ने बताया कि कांग्रेस ने 23 जून को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात की थी। उस दौरान, कांग्रेस ने यह आशंका जताई थी कि भाजपा ऐसे लोगों को चुनाव में उतारने की तैयारी कर रही है जिनके नाम निकाय चुनावों और पंचायत चुनावों दोनों की मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, या जिनके नाम दो-दो जिलों में दर्ज हैं।

आयोग पर भाजपा को फायदा पहुँचाने का आरोप

कांग्रेस ने आयोग से स्पष्ट रूप से पीठासीन अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की थी कि ऐसे प्रत्याशियों को पंचायती राज अधिनियम के तहत अयोग्य घोषित किया जाए। हालांकि, धस्माना के अनुसार, राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके ठीक विपरीत यह आदेश जारी किया कि दो जगह नाम दर्ज होने के आधार पर प्रत्याशियों के नामांकन रद्द न किए जाएं।

धस्माना ने कहा कि यह आयोग द्वारा कानून और नियम विरुद्ध किया गया कार्य है, जिसके चलते माननीय उच्च न्यायालय ने स्थगनादेश दिया और यह वर्तमान स्थिति उत्पन्न हुई।

कांग्रेस का संघर्ष जारी

कांग्रेस ने घोषणा की है कि राज्य निर्वाचन आयोग के इस “कानून और नियम विरुद्ध” कार्य के आधार पर, उनका प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राज्यपाल से मुलाकात करेगा और राज्य निर्वाचन आयुक्त को तत्काल उनके पद से बर्खास्त करने की मांग करेगा। इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर गंभीरता दिखाई है और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की जरूरत को महसूस कर रही है।

इस प्रकार, उत्तराखंड की राजनीति में इस घटनाक्रम ने तूल पकड़ लिया है और इससे साबित होता है कि चुनाव साक्षरता और पारदर्शिता के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मुहिम में कांग्रेस ने इसकी संवैधानिक सीमा का भी सम्मान किया है।

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - haqiqatkyahai

Keywords:

Uttarakhand Panchayat Elections, High Court Order, Election Commission, Congress Demands Dismissal, Electoral Process, Voter Lists, Panchayati Raj Act, Political Controversy, State Election Commissioner

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow