अफगानिस्तान में सुबह-सुबह कांपी धरती, रिक्टर पैमाने पर 5.9 रही तीव्रता
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, अफ़गानिस्तान में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया है। भूकंप बुधवार सुबह भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार 04:43 बजे आया। एनसीएस ने एक्स पर एक पोस्ट में विवरण साझा करते हुए कहा कि भूकंप अक्षांश 35.83 एन, देशांतर 70.60 ई पर आया। एनसीएस के अनुसार, भूकंप 75 किलोमीटर की गहराई पर आया। एनसीएस ने एक्स पर लिखा कि ईक्यू ऑफ एम: 5.9, ऑन: 16/04/2025 04:43:58 IST, अक्षांश: 35.83 एन, देशांतर: 70.60 ई, गहराई: 75 किमी, स्थान: हिंदू कुश, अफगानिस्तान।इसे भी पढ़ें: भूकंप के झटकों से दहला पाकिस्तान, 5.8 थी तीव्रतामानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNOCHA) के अनुसार, अफ़गानिस्तान मौसमी बाढ़, भूस्खलन और भूकंप सहित प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है। UNOCHA ने कहा कि अफ़गानिस्तान में लगातार आने वाले भूकंप कमज़ोर समुदायों को नुकसान पहुँचाते हैं, जो पहले से ही दशकों के संघर्ष और अविकसितता से जूझ रहे हैं और उनके पास एक साथ कई झटकों से निपटने के लिए बहुत कम लचीलापन है। रेड क्रॉस के अनुसार, अफ़गानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है और हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला भूगर्भीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है जहाँ हर साल भूकंप आते हैं। अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के बीच अनेक भ्रंश रेखाओं पर स्थित है, जिसमें एक भ्रंश रेखा सीधे हेरात से होकर गुजरती है।

अफगानिस्तान में सुबह-सुबह कांपी धरती, रिक्टर पैमाने पर 5.9 रही तीव्रता
Haqiqat Kya Hai
हाल ही में, अफगानिस्तान के कई शहरों में एक भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया। सुबह-सुबह, करीब 5.9 रिक्टर पैमाने पर तेज भूकंप आया, जिससे न केवल अफगानिस्तान बल्कि पड़ोसी देशों में भी लोग सहम गए। इस लेख में हम जानेंगे कि यह भूकंप कितना गंभीर था, इसके कारणों और संभावित क्षति के बारे में।
भूकंप का असर
यह भूकंप स्थानीय समयानुसार सुबह 6:00 बजे के आसपास आया। इसकी तीव्रता 5.9 मापी गई, जो कि मध्यम स्तर की मानी जाती है। जानकारों के अनुसार, इस प्रकार के भूकंप से आमतौर पर बड़ी क्षति नहीं होती, लेकिन अफगानिस्तान में इमारतों की कमजोर स्थिति ने चिंता बढ़ा दी थी। विशेषकर, काबुल, जालालाबाद और मजार-ए-शरिफ जैसे क्षेत्रों में लोग दहशत में बाहर भागे।
भूकंप के कारण
भूकंप की उत्पत्ति मुख्यतः भूवैज्ञानिक गतिविधियों से होती है। अफगानिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्र कई बड़े टेथिस पर्वतमाला और भूगर्भीय प्लेटों के संपर्क में हैं, जिसके कारण यहां समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं। इस क्षेत्र में भारतीय और यूरेशियाई प्लेटों का टकराव ही इसके पीछे का मुख्य कारण है।
सरकारी तैयारी और प्रतिक्रिया
अफगानिस्तान सरकार ने भूकंप के बाद विभिन्न राहत अभियानों की योजना बनाई है। राहत कार्यों को तेजी से शुरू करने के लिए सैन्य और नागरिक बचाव दल सक्रिय हो गए हैं। हालांकि, सुरक्षा की दृष्टि से क्षेत्र के कई लोगों ने आपदा प्रबंधन की अधिक प्रभावी तैयारी की मांग की है। चूंकि अफगानिस्तान कई वर्षों से युद्धग्रस्त रहा है, इससे भूकंप के बाद राहत कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
भविष्य के लिए सबक
यह भूकंप हमें यह सिखाता है कि प्राकृतिक आपात स्थितियों के प्रति हमेशा तैयार रहना चाहिए। भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए, इसके लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। हम सभी को यह आवश्यकता महसूस होनी चाहिए कि हमें आपदा प्रबंधन योजनाओं में हिस्सा लेना चाहिए।
निष्कर्ष
भूकंप एक अनियोजित प्राकृतिक आपदा होती है जो मानव जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है। अफगानिस्तान में हालिया भूकंप ने हमें एक बार फिर यह याद दिलाया कि इस तरह की आपदाओं के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपनी सुरक्षा और सामुदायिक सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।
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