इन 5 खाड़ी देशों से बोरी भरकर पैसा भारत आ रहा है, RBI ने पूरा आंकड़ा निकालकर सामने रख दिया

भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी मजबूती बनाए हुए है, जो कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन और उपभोग (खपत) में सुधार से साफ दिखता है। भारत में हर साल विदेशों से पैसा आता है। इन्हीं पैसों से पता चलता है कि विदेशों में कितने भारतीय प्रवासी रहते हैं। आरबीआई ने अपनी बुलेटिन में इसी से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं से भारत भेजे जाने वाले धन का हिस्सा बढ़कर खाड़ी देशों से 2023-24 में भेजे गए धन से अधिक हो गया है। आरबीआई के एक लेख में यह बात कही गई है। इसे भी पढ़ें: श्रमिक आवास, भोजन...Ramzan के दौरान विदेशी कामगारों के लिए दुबई ने किया खास इंतजामकौन से खाड़ी देशों से आ रहा पैसा?2023-24 में भारत भेजे गए कुल धन में खाड़ी सहयोग परिषद, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर, ओमान और बहरीन शामिल हैं। इनकी हिस्सेदारी करीब 38 फीसदी रही है। भारत आए कुल विदेशी पैसे 118.7 बिलियन डॉलर का 38 फीसदी हैं। ये इन्हीं खाड़ी देशों से आया है। अब अगर हम 118.7 बिलियन डॉलर का 38 फीसदी निकालें तो वो 45.10 बिलियन डॉलर होगा। खाड़ी देशों में भारतीय प्रवासी दुनिया भर में कुल भारतीय प्रवासियों का लगभग आधा हिस्सा हैं। खाड़ी देशों के अलावा विकसित अर्थव्यवस्थाएं भी पिछले कुछ वर्षों में भारत में आने वाले धन प्रेषण के प्रमुख स्रोत के रूप में उभरी हैं। लेख के मुताबिक, भारत की कामकाजी उम्र वाली आबादी 2048 तक बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए भारत दुनिया का सबसे बड़ा श्रम आपूर्तिकर्ता होगा। इसे भी पढ़ें: UAE में शहजादी खान को हुई फांसी, जानें क्या थी महिला की अंतिम इच्छाभारतीय प्रवासियों की संख्या 1.85 करोड़ हुईबुलेटिन में भारत के धन प्रेषण की बदलती गतिशीलता पर प्रकाशित लेख देश में भेजे जाने वाले धन के विभिन्न आयामों को दर्शाता है। लेख के मुताबिक, विदेश में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या 1990 के 66 लाख से तिगुना होकर 2024 में 1.85 करोड़ हो गई। इस दौरान वैश्विक प्रवासियों में भारतीयों की हिस्सेदारी भी 4.3 प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गई। कौन सा देश टॉप पर हैभारत के कुल प्रेषण में अमेरिका की हिस्सेदारी सबसे बड़ी रही, जो 2020-21 के 23.4 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 27.7 प्रतिशत हो गई। वहीं ब्रिटेन से आने वाला धन भी 2020-21 के 6.8 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 10.8 प्रतिशत हो गया है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने दूसरे बड़े स्रोत के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है। इसकी हिस्सेदारी 18 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 19.2 प्रतिशत हो गई। 

Mar 20, 2025 - 18:39
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इन 5 खाड़ी देशों से बोरी भरकर पैसा भारत आ रहा है, RBI ने पूरा आंकड़ा निकालकर सामने रख दिया
इन 5 खाड़ी देशों से बोरी भरकर पैसा भारत आ रहा है, RBI ने पूरा आंकड़ा निकालकर सामने रख दिया

इन 5 खाड़ी देशों से बोरी भरकर पैसा भारत आ रहा है, RBI ने पूरा आंकड़ा निकालकर सामने रख दिया

Tagline: Haqiqat Kya Hai

भारत, एक ऐसा देश जो अपने आर्थिक विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है, अब फिर से एक नई खबर के कारण सुर्खियों में है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ऐसे आंकड़े जारी किए हैं, जो दर्शाते हैं कि खाड़ी देशों से भारत में धन की भरपूर आवक हो रही है। इस लेख में हम उस जानकारी का विस्तार से परिचय कराएंगे, जिन्हें जानकर आप भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे।

खाड़ी देशों से धन का प्रमुख स्रोत

भारतीय प्रवासियों की मेहनत विदेशों में भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही है। खाड़ी देशों, जैसे कि संयुक्त अरब अमीरात, कतर, सऊदी अरब, ओमान और कुवैत, से भारी मात्रा में धन प्रवाहित हो रहा है। यह पैसा ज्यादातर भारतीय श्रमिकों द्वारा कमाए गए धन के रूप में आ रहा है, जो वहां अपनी सेवाएं देकर जमा कर रहे हैं।

RBI के आंकड़ों का महत्त्व

RBI ने अपने नवीनतम आंकड़ों में स्पष्ट किया है कि पिछले वित्त वर्ष में इन खाड़ी देशों से भारत में 100 बिलियन डॉलर से अधिक का धन हस्तांतरित हुआ है। यह आंकड़ा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे न केवल विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी, बल्कि घरेलू उपभोग में भी बढ़ोत्तरी होगी।

आर्थिक प्रभाव

इन धनराशियों का भारतीय बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा की स्थिरता के कारण, रुपये की कीमत भी अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है। इसके साथ ही, रोजगार परिदृश्य में भी सुधार हो रहा है, क्योंकि अधिक धन का प्रवाह विभिन्न उद्योगों को मजबूती दे रहा है।

नवीनतम आँकड़े और未来 की संभावनाएँ

RBI द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, खाड़ी देशों से आय के इस बढ़ते प्रवाह की संभावना भविष्य में भी बनी रहेगी। इससे आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है। यही नहीं, भारत सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है ताकि प्रवासी श्रमिकों को और बेहतर सेवाएं और सुरक्षा मिल सके।

संक्षेप में

खाड़ी देशों से आ रहा यह धन भारत के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। RBI के आंकड़े यह साबित करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

खुशखबरी और आगे की दिशा - यदि आप भविष्य में इस विषय पर और जानकारियाँ पाना चाहते हैं तो कृपया हमारे वेबसाइट haqiqatkyahai.com पर जाएँ।

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