पीड़ित ने घोटालेबाज पर UNO रिवर्स खेला, बदले में ₹10,000 ट्रांसफर करने पर मजबूर किया

आज के जमाने में किसी भी व्यक्ति के साथ डिजिटल धोखाधड़ी हो सकती है। इस समय में धोखेबाजों का पलड़ा भारी है। कई बार धोखेबाजों की ऐसी कहानियां भी सुनने को मिलती हैं जो की काफी हैरान करती है। धोखेबाजों को उनके ही जाल में फंसाने में कई लोग सफल हो जाते है।ऐसा ही मामला कानपुर में सामने आया है। यहां पीड़ित ने खुद ही जालसाज को अपने जाल में फंसा लिया और उसे उसके ही खेल में मात दे दी। यहां एक युवक ने ठगी के चंगुल से बचने में सफलता हासिल की। इसके साथ ही उस युवक ने 10 हजार रुपये भी धोखेबाज से ही वसूलने में सफलता हासिल की। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक फोन कॉल के जरिए ये पूरा सिलसिला शुरू हुआ था। कानपुर के एक युवक भूपेंद्र सिंह को एक फोनकॉल आया जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। जालसाज ने भूपेंद्र के आपत्तिजनक वीडियो होने का दावा किया और रिश्वत न देने पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी। हालाँकि इससे कई लोग घबरा गए होंगे, लेकिन भूपेंद्र को लगा कि कुछ ठीक नहीं है। डरकर प्रतिक्रिया करने के बजाय, उसने अपने पैरों पर खड़े होकर सोचने का फैसला किया। घबराने के बजाय भूपेंद्र ने ऐसा व्यवहार किया जैसे वह बहुत परेशान हो। रिपोर्ट के अनुसार, उसने धोखेबाज से कहा, "अंकल, कृपया मेरी माँ को मत बताना, नहीं तो मैं बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाऊँगा।" मौका देखकर धोखेबाज ने मामले को निपटाने के लिए ₹16,000 मांगे। लेकिन भूपेंद्र इतनी आसानी से इतनी बड़ी रकम देने को तैयार नहीं था। भूपेंद्र ने चतुराई से एक कहानी गढ़ी। उसने जालसाज को बताया कि उसने सोने की चेन गिरवी रखी है और उसे वापस पाने के लिए 3,000 रुपये की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह मानते हुए कि यह रिश्वत का हिस्सा है, जालसाज जाल में फंस गया और भूपेंद्र के खाते में 3,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। कुछ दिनों बाद, जालसाज ने भूपेंद्र को फिर से फोन किया और और पैसे की मांग की। लेकिन भूपेंद्र ने खेलना बंद नहीं किया। उसने एक और कहानी गढ़ी, जिसमें दावा किया गया कि जौहरी ने सोने की चेन देने से इनकार कर दिया क्योंकि वह नाबालिग था। समस्या को ठीक करने के लिए, उसने सुझाव दिया कि जालसाज उसके पिता के रूप में पेश आए।एक कदम आगे बढ़ते हुए भूपेंद्र ने अपने एक दोस्त को जौहरी बताकर धोखेबाज से बात करने को कहा। रिपोर्ट के अनुसार, इस हरकत से पूरी तरह आश्वस्त होकर धोखेबाज ने 4,480 रुपये और भेजे, यह सोचकर कि इससे मामला सुलझ जाएगा। भूपेंद्र की आखिरी चाल अभी बाकी थी। जब जालसाज ने एक बार फिर फोन किया, तो भूपेंद्र ने एक और कहानी गढ़ी। रिपोर्ट के अनुसार, उसने दावा किया कि उसने गोल्ड लोन हासिल कर लिया है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए उसे प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 3,000 रुपये की जरूरत थी। घोटालेबाज को अभी भी इस बात का अहसास नहीं था कि उसके साथ धोखा हो रहा है, उसने मांगी गई रकम भूपेंद्र के खाते में ट्रांसफर कर दी। जब तक जालसाज को एहसास हुआ कि क्या हुआ है, भूपेंद्र ने उससे ₹10,000 सफलतापूर्वक निकाल लिए थे। लेकिन जालसाज अभी भी हार मानने को तैयार नहीं था। रिपोर्ट बताती है कि वह गिड़गिड़ाने लगा और कहने लगा, "तुमने मेरे साथ गलत किया है। कृपया मेरे पैसे वापस कर दो।" घोटालेबाज की लाख मिन्नतों के बावजूद भूपेंद्र पीछे नहीं हटा। उसने पुलिस को घटना की सूचना दी और इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उसने यह भी बताया कि उसे मिले ₹10,000 किसी ज़रूरतमंद को दान कर दिए जाएँगे। यह घटना हमें याद दिलाती है कि शांत रहना और स्पष्ट रूप से सोचना कभी-कभी साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव हो सकता है। भूपेंद्र की शांत रहने और अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करने की क्षमता ने एक पीड़ित को जीत में बदल दिया। जहाँ एक ओर धोखेबाज लोगों को फंसाने के लिए नए-नए तरीके ईजाद करते रहते हैं, वहीं भूपेंद्र की कहानी यह साबित करती है कि त्वरित सोच और थोड़ी रचनात्मकता से उन्हें मात दी जा सकती है। अंत में, धोखेबाज को ही पैसे गंवाने पड़े और भूपेंद्र विजयी हुए, जिससे पता चलता है कि घोटालों से भरी दुनिया में भी, कभी-कभी बुद्धि से जीत हासिल की जा सकती है।

Mar 18, 2025 - 15:39
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पीड़ित ने घोटालेबाज पर UNO रिवर्स खेला, बदले में ₹10,000 ट्रांसफर करने पर मजबूर किया
पीड़ित ने घोटालेबाज पर UNO रिवर्स खेला, बदले में ₹10,000 ट्रांसफर करने पर मजबूर किया

पीड़ित ने घोटालेबाज पर UNO रिवर्स खेला, बदले में ₹10,000 ट्रांसफर करने पर मजबूर किया

Haqiqat Kya Hai

इस अजीबोगरीब घटना ने हर किसी को चौंका दिया है जहाँ एक पीड़ित ने घोटालेबाज के खिलाफ चतुराई से UNO का खेल खेला। यह कहानी बताती है कि किस प्रकार लोगों की चतुराई और समझदारी से घोटालों को नाकाम किया जा सकता है।

कहानी का आरंभ

हाल ही में एक व्यक्ति, जिसने अपनी पहचान छुपाने के लिए 'राज' नाम का इस्तेमाल किया, ने अपने साथ हुए धोखे पर सबको हैरान कर दिया। एक ठग ने उनसे बैंक से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए फोन किया था। पीड़ित ने ठग को भ्रमित करने के लिए UNO के कार्ड के खेल का सहारा लिया।

घोटाले का आरोप

राज बताते हैं कि ठग ने उन्हें बताया कि उनके बैंक खाते में गड़बड़ी है और इसके लिए उनके द्वारा ₹10,000 ट्रांसफर करना जरूरी है। राज ने ठग को कहा कि वह पहले यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सब कुछ सही है। उन्होंने ठग को UNO खेलने का प्रस्ताव दिया, जिससे वह महसूस कर सके कि राज वास्तव में उन्हें गंभीरता से लेकर खेल खेल रहे हैं।

UNO का खेल और उसके परिणाम

राज ने ठग को UNO खेलने के लिए राजी किया। यह खेल कई बार चला और इसी दौरान राज ने ठग को इतनी उलझन में डाल दिया कि वह अपनी असली मंशा को भुला गया। जैसे ही ठग ने खेल में हारना शुरू किया, उसने अपमानित महसूस किया। स्टाइल से खेल के बीच में, राज ने उसके खिलाफ करारा पलटवार किया और अंततः उसे ₹10,000 ट्रांसफर करने के लिए तैयार कर लिया।

सीख और चेतावनी

इस घटना ने सभी को यह सिखाया है कि ठगों की चालबाजियों से निपटने के लिए केवल सतर्कता ही नहीं, बल्कि थोड़ी चतुराई भी जरूरी है। राज का खेल सभी पीड़ितों के लिए एक प्रेरणा बन गया है कि चाहे कोई मामला कितना गंभीर क्यों न हो, अगर आप शांत और चतुर बने रहें, तो आप समस्या को सुलझा सकते हैं।

निष्कर्ष

इस कहानी ने हमें यह भी दिखाया है कि कभी-कभी बौद्धिकता और सेल्फ-डिसिप्लिन से हम ठगों को मात दे सकते हैं। राज की तरह हर एक व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए और ठगों की हर चाल को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

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