UN Secretary General ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, कहा- सैन्य विकल्प समाधान नहीं
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बढ़ने पर चिंता व्यक्त की और अधिकतम संयम बरतने तथा तनाव के कगार से पीछे हटने का आह्वान किया। गुटेरेस ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि कोई गलती न करें: सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है। गुटेरेस ने कहा कि वे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले के बाद लोगों की भावनाओं को समझते हैं और उन्होंने फिर से उस हमले की कड़ी निंदा की तथा पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है - और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय और वैध तरीकों से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने शांति की सेवा में दोनों सरकारों के प्रति अपने अच्छे कार्यों की पेशकश दोहराई।इसे भी पढ़ें: फिर से कहीं घुस न जाए भारत, रोज जेट भर रहे उड़ान, भारत के खौफ से 5 हजार करोड़ फूंक चुका है पाकिस्तानशांति के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, गुटेरेस ने दोनों देशों को अपने अच्छे कार्यालयों की पेशकश की, जिसमें कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र किसी भी पहल का समर्थन करने के लिए तैयार है जो संवाद, तनाव कम करने और संकट के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देता है। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद दोनों परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच बढ़ती दुश्मनी के बीच उनकी टिप्पणी आई है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से जोड़ा गया है।

UN Secretary General ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, कहा- सैन्य विकल्प समाधान नहीं
Haqiqat Kya Hai
लेखक: सुमिता शर्मा, निधि रस्तोगी, टीम नीतानागरी
परिचय
हाल ही में, UN के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए गंभीर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इस हमले में कई निर्दोष लोग मारे गए हैं, जो पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है। गुटेरेस ने कहा है कि इस प्रकार की हिंसा का कोई स्थान नहीं है और किसी भी स्थिति का समाधान सैन्य विकल्पों से नहीं निकाला जा सकता।
यूएन महासचिव का बयान
गुटेरेस ने एक ट्वीट में कहा, "मैं इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूँ। यह कार्रवाई केवल निर्दोष जीवन को छीनती है और आस-पास के समुदायों में भय फैलाती है। हम सभी को मिलकर इस बर्बर कार्रवाई का विरोध करना चाहिए।" इस बयान के पीछे की भावना यह है कि शांति और संवाद ही समस्या का सही समाधान हैं।
आतंकवादी घटनाओं का बढ़ता ग्राफ
पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे यहां की परिस्थितियों में और अधिक जटिलता आई है। प्रदेश की शांति और सुरक्षा के लिए ये हमले एक गंभीर चुनौती बने हुए हैं। गुटेरेस का यह बयान उन सभी लोगों के लिए उम्मीद की किरण है जो हमेशा से शांति की बहाली की चाह रखते हैं।
सैन्य विकल्प का विरोध
गुटेरेस ने स्पष्ट रूप से कहा कि सैन्य कार्यवाही किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकती। उन्होंने देशों से अपील की है कि वे कूटनैतिक प्रयासों पर अधिक ध्यान दें और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सहानुभूति और एकता के साथ कदम बढ़ाएं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी
गुटेरेस के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग और एकता इस समस्या का समाधान निकालने में अहम भूमिका निभा सकती है। जब सभी देश एकसाथ मिलकर आतंकवाद का सामना करें, तब ही वास्तविक परिवर्तन संभव है।
निष्कर्ष
आतंकवाद का मुद्दा केवल एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। गुटेरेस के बयान से हमें यह संदेश मिलता है कि हमें एकता और सहानुभूति के साथ आगे बढ़ना चाहिए। आइए, हम सभी मिलकर एक शांतिपूर्ण दुनिया के लिए प्रयास करें। इसके लिए संवाद और समझ बढ़ाने की आवश्यकता है।
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