France में मैक्रों संग मीटिंग कर रहे थे मोदी, इधर चुपचाप भारत पहुंचा इजरायल का विमान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त फ्रांस और अमेरिका के दौरे पर हैं। पीएम मोदी के इस दौरे में बिजनेस, डिफेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ी डील करना है। लेकिन पीएम मोदी जिस वक्त विदेश में भारत की ताकत बढ़ा रहे हैं। ठीक उसी वक्त इजरायल का एक विमान चुपचाप भारत में आकर उतर गया। ये विमान भी भारत की ताकत बढ़ाने आया है क्योंकि इस विमान में भारत की 100 कंपनियों के सबसे ताकतवर लोग हैं। इतिहास में पहली बार इजरायल इतना बड़ा बिजनेस डेलीगेशन लेकर भारत आया है। कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो यहां बहुत बड़ा खेल चल रहा है। दरअसल, इस विमान में इजरायल के इकोनॉमी मिनिस्टर नील बरकत अपने साथ इजरायल की 100 बड़ी कंपनियों के सीईओ को लेकर दिल्ली पहुंचे हैं। इजरायल की ये कंपनियां, हेल्थ सेक्टर, एनर्जी, साइबर सिक्योरिटी, डिफेंस, होमलैंड सिक्योरिटी समेत कई क्षेत्रों में काम करती हैं। इसे भी पढ़ें: Modi-Macron talks: भारत और फ्रांस के बीच क्या-क्या डील हुई? संयुक्त बयान की बड़ी बातें जानेंइजरायल की ये कंपनियां अलग अलग क्षेत्रों में भारत के साथ कई बड़ी डील्स करना चाहती हैं। इजरायल के डेलीगेशन ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात भी की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और इजराइल के बीच मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार क्षमता से कम है और दोनों देशों को आने वाले वर्षों में इसे 10 गुना बढ़ाने पर विचार करना चाहिए क्योंकि इसमें अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि डीप टेक, फिनटेक, एग्रीटेक, साइबर सुरक्षा, रक्षा, एआई, जल संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार करीब 6.5 अरब डॉलर है। हम दोनों का मानना है कि यह क्षमता से कम है और हम इसमें बहुत कम आकांक्षाएं नहीं देखना चाहते। हम चाहते हैं कि हम महत्वपूर्ण रूप से उच्च दो अंकीय वृद्धि करें और इसे वर्तमान स्तर से 10 गुना तक ले जाएं, इसके लिए हम व्यवसायों के बीच आदान-प्रदान और अपने उत्पादों, सेवाओं को सबसे अधिक लागत प्रभावी बनाने के लिए मिलकर काम करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।इसे भी पढ़ें: अपने निजी विमान में दोस्त मोदी को उड़ाकर कहां ले गए मैक्रों? मिल गया पुतिन सा एक और यार वहीं दूसरी तरफ इजरायल के संसद नेसेट के स्पीकर आमिर ओहाना ने कहा है कि भारत और इजराइल न केवल कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदार हैं, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों में मधुरता और ईमानदारी है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी विश्वासपात्र माने जाने वाले ओहाना ने भारत को बड़ा एवं शक्तिशाली देश और इजराइल को छोटा एवं रचनात्मक देश माना। उन्होंने भारत और इजराइल के बीच संबंधों को मजबूत एवं गहरा करने में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया। Stay updated with International News in Hindi on Prabhasakshi

France में मैक्रों संग मीटिंग कर रहे थे मोदी, इधर चुपचाप भारत पहुंचा इजरायल का विमान
Haqiqat Kya Hai
हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में चर्चा की। इस बैठक के बैकग्राउंड में एक दिलचस्प घटना भी हुई, जब इजरायल का विमान चुपचाप भारत पहुंचा।
मोदी और मैक्रों की बैठक का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों की बैठक न सिर्फ भारत और फ्रांस के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सामरिक परिप्रेक्ष्य में भी महत्वपूर्ण संदेश भेजती है। दोनों देशों ने सुरक्षा, व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। पीएम मोदी ने इस दौरान 'मेक इन इंडिया' पहल और फ्रांसीसी तकनीकी सहयोग का भी जिक्र किया।
बैठक में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं तलाशी गईं, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, और प्रौद्योगिकी शामिल हैं। मोदी और मैक्रों ने एक मजबूत आर्थिक संबंधों की आवश्यकता पर भी बल दिया जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी हो।
इजरायल का विमान भारत में: क्या है इसकी कहानी?
जब मोदी और मैक्रों की बैठक चल रही थी, तभी इजरायल का एक विमान भारतीय धरती पर पहुंचा। यह विमान दरअसल एक महत्वपूर्ण सरकारी यात्रा का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाना था। इस विमान की आगमन के बारे में समाचार जानकारी के अनुसार, यह बैठक के समय का एक संयोग था, जो स्थिति की विशेषता को दर्शाता है।
विमान के आने से यह सवाल उठता है कि इजरायली अधिकारियों के साथ भारत के संबंधों में किस तरह की गतिशीलता आ रही है। इस संबंध में भारत और इजरायल के बीच सुरक्षा सहयोग, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
निष्कर्ष: इंडिया-फ्रांस-इजरायल त्रिकोण
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भारत, फ्रांस और इजरायल के बीच संबंधों में गहराई आ रही है। जबकि मोदी और मैक्रों द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई देने के प्रयास कर रहे हैं, वहीं इजरायल भारत के साथ अपने रणनीतिक सहयोग को और मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है। यह सभी घटनाक्रम दर्शाते हैं कि वैश्विक राजनीति में भारत एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
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