145%... चीन झुकेगा नहीं, ट्रंप रुकेंगे नहीं, दोनों देशों में हुआ घमासान तो भारत को होगा बड़ा नुकसान?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन को किसी तरह से भी दबाने के लिए पूरी तरह जुट चुके हैं। इसके लिए वो लगातार टैरिफ को और कड़ा और बढ़ा रहे हैं। चीन में इसे लेकर बैठकें हो रही हैं। इकोनॉमिक एडवाइजर अपने स्तर पर चीनी प्रशासन को नसीहत दे रही है। लेकिन इधर ट्रंप की आफत कहर बनकर चीन पर टूटने के लिए अभी भी तैयार है। खबर कल तक 125 % टैरिफ की थी। लेकिन अब खबर ये आ रही है कि अमेरिका ने चीन पर 145 % टैरिफ लगाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में चीन से इंपोर्ट किए जाने वाले सामान पर टैरिफ बढ़ाकर अब 145 %कर दिया है। इस 145 % वाले टैरिफ में फेंटानिल सप्लाई को लेकर चीन पर लगाया गया अतिरिक्त 20 फीसदी भी शामिल है। कल तक इसका जिक्र सामने नहीं आया था। लेकिन अब चीन पर अतिरिक्त 20 % टैरिफ फेंटानिल को लेकर लगाया जाना है। इसे भी पढ़ें: US China Tariff War: ट्रंप के आगे झुकने को तैयार नहीं चीन, टैरिफ बढ़ाकर 125% कियाचीन ने भी अमेरिका पर लगाया 125 % टैरिफचीन ने अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया। अमेरिका के चीन से निर्यात पर 145 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद उसने यह कदम उठाया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, चीन ने आयातित अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 84 प्रतिशत था। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी शुल्क बढ़ोतरी के बाद चीन ने विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा भी दायर किया है। नवीनतम अमेरिकी अधिसूचना के अनुसार, चीन पर कुल 145 प्रतिशत शुल्क लगा है। चीन ने पहले 84 प्रतिशत शुल्क लगाकर जवाबी कार्रवाई की थी और कुछ अमेरिकी कंपनियों के आयात पर प्रतिबंध लगाए दिया था। साथ ही इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करने में रुचि भी व्यक्त की थी। चीन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अमेरिका के शुल्क के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है।इसे भी पढ़ें: Shaurya Path: US Tariffs, India-Bangladesh और India-China से जुड़े मुद्दों पर Robinder Sachdev से वार्ताभारत पर क्या असर पड़ेगाजानकारों का कहना है कि अगर अमेरिका और चीन की इकॉनमी मंदी में फंसी तो इसका भारत पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। चीन भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है जबकि अमेरिका दूसरे नंबर पर है। अगर अमेरिका और चीन में बड़ी मंदी आती है, तो पूरी दुनिया पर इसका असर होगा। वहीं दूसरी तरफ चीन भले ही नकारात्मक जीडीपी विकास की रिपोर्ट न करे लेकिन टैरिफ से वह एक बड़ी मंदी का अनुभव करेगा। भारत पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। भारत को कपड़ा या निम्न-स्तरीय विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में कुछ फायदा मिल सकता है लेकिन यह वैश्विक मंदी के व्यापक प्रभाव को ऑफसेट करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा।

Apr 11, 2025 - 17:39
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145%... चीन झुकेगा नहीं, ट्रंप रुकेंगे नहीं, दोनों देशों में हुआ घमासान तो भारत को होगा बड़ा नुकसान?
145%... चीन झुकेगा नहीं, ट्रंप रुकेंगे नहीं, दोनों देशों में हुआ घमासान तो भारत को होगा बड़ा नुकसान?

145%... चीन झुकेगा नहीं, ट्रंप रुकेंगे नहीं, दोनों देशों में हुआ घमासान तो भारत को होगा बड़ा नुकसान?

Haqiqat Kya Hai लेखिका: सुषमा शर्मा और प्रिया वर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

वर्तमान विश्व राजनीति में अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। हाल ही में, एक नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ने की संभावनाएं हैं, जो विश्व के अन्य देशों, विशेषकर भारत को प्रभावित कर सकता है। यह लेख इस स्थिति का विस्तार से विश्लेषण करता है।

चीन और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव

चीन के साथ वित्तीय, व्यापारिक और सामरिक मुद्दों के चलते अमेरिका ने कई कठोर नीतियां अपनाई हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में चीन के खिलाफ कई तरह के दंडात्मक कदम उठाए गए थे। हालात यह हैं कि ट्रंप या उनके उत्तराधिकारी वीडियो शिखर पर भी चीन के खिलाफ सख्त रुख बनाए रख सकते हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर कई प्रकार के दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं, यदि दोनों देशों के बीच स्थिति बिगड़ती है।

भारत पर पडने वाली संभावित प्रभाव

यदि दोनों देशों में घमासान होता है तो यह सीधे तौर पर भारत को प्रभावित करेगा। भारत की अर्थव्यवस्था में चीन एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साथी है, और अगर अमेरिका और चीन में व्यापार बाधित होता है तो इससे भारतीय निर्यात और आयात पर भी असर पड़ेगा। बॉलीवुड में उत्पाद या तकनीक में कच्चे माल की कमी हो सकती है, जिससे आर्थिक वृद्धि रुक सकती है।

वैश्विक प्रतिक्रिया

इस स्थिति पर वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण है। देशों को अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे भारत को एक संतुलित नीति अपनाने की आवश्यकता है ताकि वह दोनों बड़े देशों के बीच अपनी स्थिति को मजबूत रख सके। भारत को चाहिए कि वह अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ रणनीतिक संबंध बना कर इस संकट का सामना करे।

निष्कर्ष

अंत में, यह कहा जा सकता है कि अमेरिका और चीन के बीच तनाव का भारतीय अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण दुष्प्रभाव पड़ेगा। चीन झुकने वाला नहीं है और ट्रंप के निर्णय भी उस दिशा में महत्व रखेंगे। भारत को इस स्थिति से गंभीरता से निपटने की जरूरत है, ताकि वह वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति को बनाए रख सके।

Keywords

China, Trump, India, US-China trade war, global economy, economic impact, international relations, diplomatic strategy, Indian economy, geopolitical tension

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