Donald Trump के गिड़गिड़ाने पर माने जिनपिंग, टैरिफ पर तकरार के बीच हुई बात, थम जाएगा ट्रेड वॉर?
टैरिफ वार्ता के ठप होने से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई है। इस बातचीत की रिपोर्ट चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने दी। खबर लिखे जाने तक व्हाइट हाउस ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। यह बातचीत बढ़ते तनाव के बीच हुई है। ट्रंप ने बीजिंग पर पिछले महीने जिनेवा में हुए टैरिफ रोलबैक समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। जिसपर पलटवार करते हुए बीजिंग ने दावा किया था कि वाशिंगटन ने झूठे आरोप लगाए हैं और चीन पर आम सहमति का उल्लंघन करने का अनुचित आरोप लगाया है।इसे भी पढ़ें: 500 डॉलर के ड्रोन से हजार करोड़ का लड़ाकू विमान उड़ाया, 20 साल पुराने सॉफ्टवेयर के ओपन-सोर्स कोड का जेलेंस्की ने किया सबसे घातक इस्तेमालव्यापार तनाव में अस्थायी कमी के साथ, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 90 दिनों के लिए 125% से घटाकर 10% कर दिया, जबकि अमेरिका ने चीनी आयात पर अपने टैरिफ को 145% से घटाकर 30% करने का प्रस्ताव रखा। फोन कॉल ट्रम्प द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी निराशा व्यक्त करने के ठीक एक दिन बाद आया है। ट्रूथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा था कि मैं चीन के राष्ट्रपति शी को पसंद करता हूं, हमेशा से करता आया हूं और हमेशा करता रहूंगा, लेकिन वह बहुत सख्त हैं, और उनके साथ सौदा करना बहुत मुश्किल है! ट्रंप के इस बयान के बाद व्यापार वार्ता की स्थिति को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है, जो कई सप्ताह से प्रभावी रूप से रुकी हुई है। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में 90 दिनों का नाजुक संघर्ष विराम एक महीने से भी कम समय में टूट गया, जब दोनों पक्षों ने जिनेवा में एक दूसरे पर टैरिफ कम करने पर सहमति जताई। ट्रंप ने चीन पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव फिर से बढ़ गया। 30 मई को ट्रुथ सोशल पोस्ट में ट्रंप ने लिखा बुरी खबर यह है कि चीन ने, शायद कुछ लोगों के लिए आश्चर्य की बात नहीं है, हमारे साथ अपने समझौते का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। मिस्टर नाइस गाइ होने के लिए इतना ही काफी है।

Donald Trump के गिड़गिड़ाने पर माने जिनपिंग, टैरिफ पर तकरार के बीच हुई बात, थम जाएगा ट्रेड वॉर?
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हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई है। यह चर्चा अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की बढ़ती तनावपूर्ण परिस्थितियों पर केंद्रित थी। यह बातचीत विशेष रूप से टैरिफ को लेकर हुई तकरार के समय में हुई, जिसका असर विश्वभर की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ रहा है।
बातचीत का संदर्भ
चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने इस बातचीत की सूचना दी है। इसे देखा जाए तो यह बातचीत टैरिफ वार्ता के ठप होने के बाद हुई, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में अस्थिरता आई थी। ट्रंप ने पहले बीजिंग पर आरोप लगाया था कि उसने जिनेवा में हुए टैरिफ रोलबैक समझौते का उल्लंघन किया है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजिंग ने इसे झूठा आरोप बताया।
टैरिफ में कमी का संकेत
चीन ने कुछ समय के लिए अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 125% से घटाकर 10% करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं, अमेरिका ने चीनी आयात पर अपने टैरिफ को 145% से घटाकर 30% करने की योजना बनाई है। यह अदला-बदली दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव में अस्थायी कमी लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ सोशल' पर अपनी निराशा व्यक्त की थी और कहा कि वह शी जिनपिंग को पसंद करते हैं, लेकिन बातचीत करना बहुत मुश्किल है। उनका कहना था, "मिस्टर नाइस गाइ होने के लिए इतना ही काफी है।" इस बयान के बाद व्यापार वार्ता की अनिश्चितता बढ़ गई है, जिसका प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ेगा।
संभावित समाधान
क्या हम यह कह सकते हैं कि इस बातचीत के बाद ट्रेड वॉर खत्म हो सकता है? हालांकि यह कहना मुश्किल है, लेकिन यदि दोनों पक्ष बातचीत को जारी रखते हैं और सहमति के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं, तो व्यापार तनाव में कमी आ सकती है। दोनों देशों के नेता व्यापार समझौते पर फिर से विचार कर सकते हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता मिलने की संभावना है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग के बीच यह बातचीत एक महत्वपूर्ण संकेत है कि वैश्विक व्यापार संबंधों में सुधार की संभावनाएं बनी हुई हैं। हालांकि यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष ठोस कदम उठाएं ताकि व्यापारिक संबंध बेहतर हो सकें। आने वाले दिनों में इस विषय पर और अधिक जानकारी की उम्मीद की जा सकती है।
ट्रेड वॉर के संपन्न होने की संभावना को लेकर हम सभी को निगरानी रखनी होगी ताकि सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित न हों।
ट्रंप और जिनपिंग के बीच की यह बातचीत हमें यह याद दिलाती है कि संवाद ही समाधान है, और इसे सुनहरे अवसरों में बदलने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए।
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