सावन शिवरात्रि 2025: 24 साल बाद दुर्लभ ज्योतिषीय योग, जयकारों से गूंज रहें शिवालय

श्रावण मास की शिवरात्रि आज पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। The post सावन शिवरात्रि 2025: आज बन रहा 24 साल बाद दुर्लभ योग, गूंजे ‘बम-बम भोले’ के जयकारे first appeared on radhaswaminews.

Jul 23, 2025 - 18:39
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सावन शिवरात्रि 2025: 24 साल बाद दुर्लभ ज्योतिषीय योग, जयकारों से गूंज रहें शिवालय
सावन शिवरात्रि 2025: आज बन रहा 24 साल बाद दुर्लभ योग, गूंजे ‘बम-बम भोले’ के जयकारे

सावन शिवरात्रि 2025: 24 साल बाद दुर्लभ ज्योतिषीय योग, जयकारों से गूंज रहें शिवालय

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कम शब्दों में कहें तो, आज श्रावण मास की शिवरात्रि पूरे आस्था और उमंग के साथ मनाई जा रही है। इस वर्ष का शिवरात्रि पर्व विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग 24 वर्षों के बाद पनप रहा है, जिसके चलते भक्तों में एक नई ऊर्जा और उल्लास का संचार हो रहा है।

विशेष ज्योतिषीय संयोग के प्रभाव

ज्योतिषाचार्य शिवशरण पाराशर के अनुसार, इस बार शिवरात्रि पर गजकेसरी, मालव्य, नवपंचम और बुधादित्य योग जैसे महत्वपूर्ण संयोग एक साथ बन रहे हैं। इसे वे ‘महायोग’ का नाम देते हैं। इस महायोग के चलते भक्तों को विश्वास है कि भोलेनाथ की पूजा से उनकी सभी समस्याएं हल हो जाएंगी और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होगा। इस योग का लाभ भक्तों को विशेष अवसरों पर पूजा-अर्चना करने के लिए संग्रहित करता है।

शिव-पार्वती की पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में सावन की शिवरात्रि पर शिव-पार्वती की पूजा का विशेष महत्व होता है। यह ऐसा अवसर होता है जब श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ पूजा करते हैं। यदि विधिपूर्वक पूजा की जाए तो मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिवालयों में दर्शन और पूजन के लिए उपस्थित हैं।

बटेश्वर के प्राचीन मंदिरों में विशेष तैयारी

बटेश्वर के 41 प्राचीन मंदिरों में विशेष रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी जयप्रकाश गोस्वामी ने बताया कि वाराणसी से आए यज्ञाचार्य सूर्यकांत गोस्वामी के मार्गदर्शन में कालसर्प दोष व पितृ दोष निवारण के लिए विशेष अनुष्ठान भी आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे भक्तों की आस्था और प्रगाढ़ होती है।

सावन शिवरात्रि की पूजन विधि

  • सूर्योदय से पूर्व स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान शिव का जल, दूध, घी, शहद, दही आदि से रुद्राभिषेक करें।
  • बेलपत्र, धतूरा, और श्रीफल अर्पित करें।
  • धूप, दीप, फूल, और फल अर्पित करें।
  • पूजा में शिव चालीसा, शिवाष्टक, और शिव पुराण का पाठ करें।
  • शाम को फलाहार करें।

शिवालयों में मुख्य रूप से घंटियों की गूंज और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों के साथ माहौल भक्तिमय हो गया है। सभी आयु वर्ग के लोग शिवभक्ति में डूबे हुए हैं, जो इस दिन की महत्ता का अनुभव कर रहे हैं। पंडितों का मानना है कि इस महायोग में पूजा करने से भविष्य में आने वाले संकटों से दूर रहने का उपाय मिल जाएगा और परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।

निष्कर्ष

सावन शिवरात्रि 2025 का यह दुर्लभ योग न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। सभी श्रद्धालुओं को इस अति विशेष अवसर का लाभ उठाने के लिए सावधानीपूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए।

हम सभी पाठकों से अनुरोध करते हैं कि इस शिवरात्रि के पर्व को श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाएं। इसके साथ ही, अधिक जानकारी और अपडेट के लिए Haqiqat Kya Hai पर हमारी वेबसाइट पर जाएं।

सादर,
Team Haqiqat Kya Hai (समीरा)

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