भारत की 'मॉक ड्रिल' से टेंशन में पाकिस्तान! ISI हेडक्वार्टर पहुंचे शहबाज शरीफ
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को किसी भी संभावित खतरे के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के मुख्यालय का दौरा किया। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि शहबाज शरीफ के साथ उप प्रधानमंत्री के अलावा विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और शीर्ष सैन्य नेतृत्व भी थे। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल को राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा भारत के बढ़ते आक्रामक और उत्तेजक रुख के कारण उत्पन्न होने वाले पारंपरिक खतरों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसे भी पढ़ें: सैनिक से युद्ध की भावना नहीं छीनी जा सकती, 1971 के वॉर वेटरन ने पाक तनाव के बीच फिर से सेना में शामिल होने की पेशकश कीयह यात्रा घातक पहलगाम आतंकी हमले के कुछ ही सप्ताह बाद हुई है, जिसमें पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध आतंकवादियों ने पर्यटकों पर गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे। पाकिस्तानी सरकार के एक बयान के अनुसार, आईएसआई नेतृत्व ने क्षेत्रीय गतिशीलता और उभरते खतरे के परिदृश्य का विस्तृत आकलन प्रस्तुत किया। प्रधानमंत्री शरीफ ने राष्ट्रीय सतर्कता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय का आह्वान किया। आईएसआई की रणनीतिक भूमिका की प्रशंसा करते हुए शरीफ ने कहा कि इसने देश को जटिल और गतिशील परिस्थितियों में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े निर्णय लेने में सक्षम बनाया।इसे भी पढ़ें: चिनाब का पानी रोकने से सूखने लगा पाकिस्तान का गला, जहां खड़ा होना था मुश्किल वहां अब दिख रहे पत्थरप्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पूरा देश पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। इससे पहले, मंगलवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान की गठबंधन सरकार ने भारत के साथ तनाव के कारण अगले बजट में रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 2.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक करने का समर्थन किया।

भारत की 'मॉक ड्रिल' से टेंशन में पाकिस्तान! ISI हेडक्वार्टर पहुंचे शहबाज शरीफ
Haqiqat Kya Hai
लेखक: सुमिता वर्मा, टीम नीतानागरी
परिचय
हाल ही में भारत द्वारा आयोजित 'मॉक ड्रिल' ने विदेशी मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है, जिससे पाकिस्तान में हलचल बढ़ गई है। यह ड्रिल ऐसे समय में आयोजित की गई जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नए स्तर पर पहुँच गया है। इस लेख में हम इस ड्रिल के पीछे के कारणों और पाकिस्तान पर इसके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
भारत की 'मॉक ड्रिल' का उद्देश्य
भारत की इस 'मॉक ड्रिल' का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से निपटने की तैयारी को मजबूत करना था। यह ड्रिल विभिन्न सुरक्षा बलों के द्वारा की गई, जिसमें सेना, वायु सेना, और पुलिस की भागीदारी रही। ड्रिल में आतंकवादी हमले के प्रति प्रतिक्रिया, नागरिक सुरक्षा उपायों और चिकित्सा आपातकालीन सेवाओं को लेकर विभिन्न परिदृश्यों का अभ्यास किया गया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत की इस ड्रिल के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया तुरंत आई। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के हेडक्वार्टर का दौरा किया। वहां उन्होंने पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया। उनका मानना है कि इस प्रकार की गतिविधियाँ युद्ध की संभावनाओं को बढ़ा सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ
भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद के इतिहास को देखते हुए, यह ड्रिल सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को दर्शाता है। अमेरिका एवं अन्य देशों की प्रतिक्रिया पर ध्यान देना भी जरूरी है, जो इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
निष्कर्ष
भारत की यह 'मॉक ड्रिल' पाकिस्तान के लिए एक नई चिंता का विषय बन गई है। शहबाज शरीफ का ISI हेडक्वार्टर पहुंचना इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान किसी भी प्रकार की सुरक्षा चुनौती के प्रति सजग रहना चाहता है। इस तनावपूर्ण स्थिति में आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच संवाद स्थापित हो ताकि कोई अप्रिय घटना न घटित हो सके।
अंत में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि ऐसे सैन्य अभ्यासों से न केवल सैन्य तैयारी बढ़ती है, बल्कि ये कूटनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित करती हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए, haqiqatkyahai.com पर जाएं।
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