हमारी ट्रेनिंग का अभिन्न अंग है इस्लाम, हमारा काम है जिहाद, पाकिस्तानी सेना के DG ISPR का खतरनाक वीडियो वायरल

पाकिस्तानी सेना के महानिदेशक इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (डीजी-आईएसपीआर) लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने मीडिया को बताया कि इस्लाम न केवल व्यक्तिगत सैनिकों के विश्वास के लिए आवश्यक है, बल्कि सेना के प्रशिक्षण का भी एक अभिन्न अंग है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता से ऑपरेशन ‘बुनियानम मारसूस’ के बारे में पूछा गया था, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किए जाने के बाद भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया जवाबी अभियान था। अपने जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि इस्लाम पाकिस्तानी सेना के प्रशिक्षण का हिस्सा है, न कि उनकी निजी मान्यताओं का। यह हमारे धर्म का हिस्सा है। ईमान, तक़वा, जिहाद फ़ि सबीलिल्लाह (ईमान, धर्मपरायणता, ईश्वर के नाम पर संघर्ष) यही हमें प्रेरित करता है, यही हमारा आदर्श वाक्य है। हमारे पास एक सेना प्रमुख है जो आस्था रखता है और नेतृत्व का विश्वास और प्रतिबद्धता ऐसे अभियानों में परिलक्षित होती है।इसे भी पढ़ें: 'घर में घुसके मारेंगे', पीएम मोदी ने आतंकवाद पर दोहराया अपना रुख, बोले- सिर्फ सैन्य कार्रवाई स्थगित की है, दुस्साहस दिखाया तो...पाकिस्तानी सैन्य तानाशाह जनरल जिया-उल-हक के शासन में पाकिस्तानी सेना का आदर्श वाक्य मुहम्मद अली जिन्ना के 'इत्तेहाद, यक़ीन, तंज़ीम (एकता, आस्था, अनुशासन)' से बदलकर 'ईमान, तक़वा, जिहाद फ़ि सबीलिल्लाह' कर दिया गया। यह आदर्श वाक्य जो अक्सर जिहादी प्रवचन से जुड़ा होता है, अतीत में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा भी दोहराया गया है। ऑपरेशन का नाम आपको बताता है कि जो लोग अल्लाह की राह पर लड़ते हैं वे स्टील की दीवार की तरह होते हैं। हम अल्लाह और पाकिस्तान के लोगों और उसके मीडिया का शुक्रिया अदा करते हैं। इसे भी पढ़ें: जय घोष की ताकत दुनिया ने देखी, आदमपुर एयरबेस में बोले पीएम मोदी, PAK को पता ही नहीं चला कब सीना छलनी हो गयालेफ्टिनेंट जनरल शरीफ हाल ही में सुर्खियों में तब आए जब उनके पिता सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के ओसामा बिन लादेन से संबंध होने की खबरें सामने आईं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, महमूद एक पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिक थे, जो 9/11 से कुछ समय पहले बिन लादेन से मिलने के लिए अफगानिस्तान गए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीआईए और एफबीआई ने भी उनसे पूछताछ की थी। दूसरी ओर, वायु सेना संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए रामचरितमानस की एक चौपाई का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि धैर्य के बाद क्रोध आता है।The West will ignore such Islamic jihadi rants by the spokesperson of the Pakistan military that controls the country’s nuclear weapons. These religious bigots are unafraid to exhibit their medieval mindset because they have not been made to pay a price for this by Pakistan’s… https://t.co/CfMS8LtK7L— Kanwal Sibal (@KanwalSibal) May 12, 2025

May 14, 2025 - 00:39
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हमारी ट्रेनिंग का अभिन्न अंग है इस्लाम, हमारा काम है जिहाद, पाकिस्तानी सेना के DG ISPR का खतरनाक वीडियो वायरल
हमारी ट्रेनिंग का अभिन्न अंग है इस्लाम, हमारा काम है जिहाद, पाकिस्तानी सेना के DG ISPR का खतरनाक वीडियो वायरल

हमारी ट्रेनिंग का अभिन्न अंग है इस्लाम, हमारा काम है जिहाद, पाकिस्तानी सेना के DG ISPR का खतरनाक वीडियो वायरल

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हाल ही में, पाकिस्तान सेना के DG ISPR (डायरेक्टर जनरल इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस) मेजर जनरल बिफ़टु ज़िया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें उन्होंने बताया है कि उनके आर्मी ट्रेनिंग का अभिन्न अंग इस्लाम है और उनका मुख्य उद्देश्य जिहाद है। यह वीडियो उस समय सामने आया है जब पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।

वीडियो के मुख्य अंश

वीडियो में मेजर जनरल बिफ़टु ज़िया ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद से लड़ाई केवल बंदूक की शक्ति से नहीं, बल्कि धार्मिक विश्वासों से भी जुड़ी हुई है। उन्होंने यह भी कहा, “हमारी ट्रेनिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इस्लाम है, और हमारा काम जिहाद करना है। यह हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।” इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचाया है।

बयान का प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के बयानों से पाकिस्तान की आंतरिक और बाहरी नीति पर गहरा असर हो सकता है। यह एक ऐसी सोच का प्रतीक है जो आतंकवाद को प्रतिक्रिया के रूप में धार्मिक आधार पर सही ठहराती है। इससे न सिर्फ पाकिस्तान के अंदर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ सकती है।

भविष्य की संभावनाएँ

इस वीडियो के वायरल होने के बाद, पाकिस्तानी सेना को जवाबदेही का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस प्रकार के भावनात्मक भाषण जारी रहे, तो सतत संघर्ष और आतंकवाद का जन्म हो सकता है। कुछ दिन पहले, भारतीय प्रधानमंत्री ने इस प्रकार के बयानों को मानवता के लिए खतरा बताया था।

सरकारी प्रतिक्रिया

पाकिस्तान सरकार ने अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। लेकिन कुछ मानवाधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है, यह कहते हुए कि यह बयान सिर्फ आतंकवाद को प्रोत्साहित करने का कार्य है। वहीं, भारतीय पक्ष ने इसे सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में लिया है।

निष्कर्ष

DG ISPR का यह वीडियो न केवल सोशल मीडिया पर एक चर्चित विषय बन चुका है, बल्कि यह एक गंभीर विचारधारा का भी प्रतिनिधित्व करता है जो आतंकवाद को एक धार्मिक कार्य के तौर पर प्रस्तुत करती है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तान सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और यह स्थिति क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव डालती है।

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