तहव्वुर को कैसे घसीट लाया भारत, मोदी के बयान ने हिलाया पाकिस्तान, ट्रंप भी दहाड़े
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत घसीट लाया है। तहव्वुर राणा को स्पेशल विमान से भारत लाया गया है। 64 साल का तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। भारत लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। तहव्वुर राणा वो जिंदा सबूत है जिसका इस्तेमाल अब भारत हर मंच पर करेगा। तहव्वुर राणा की तुड़ाई होगी तो वो पाकिस्तान के कई राज भी खोलेगा। ऐसे में तहव्वुर राणा के भारत आते ही पाकिस्तान ने ऐसी गलती कर दी है, जिसका नतीजा पाकिस्तान के साथ एक और देश भुगतेगा। तहव्वुर राणा का नाम लेकर पाकिस्तान ने अपने साथ एक और देश को फंसा दिया है। दिल्ली और मुंबई की जेल में तहव्वुर के लिए हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है। उसके लिए फांसी की मांग की जा रही है। तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने को मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। इसे भी पढ़ें: संदीप 26/11 का पीड़ित नहीं है, बेटे ने कर्तव्य निभाया, मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए मेजर के पिता बोलेतहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर रह चुका है। इसने अपने बचपन के दोस्त की मदद से मुंबई में हुए आतंकी हमले को अंजाम दिया था। तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक स्कूल प्रिंसपल के घर पैदा हुआ। तहव्वुर राणा ने मिलिट्री स्कूल में पढ़ाई की तो हथियारों की तालीम उसे वहीं मिल गई। उसके बाद उसने सेना में डॉक्टर की नौकरी की। 1997 में तहव्वुर राणा अपने साथ कनाडा चला गया और चार साल बाद उसे कनाडा की नागरिकता भी मिल गई। इसके बाद तहव्वुर राणा ने अमेरिका में भी अपना काम फैलाया। इसने अमेरिका में एक इमीग्रेशन सेंटर और कसाईखाना खोला। लेकिन ये सब दिखावा था औऱ तहव्वुर राणा का असली काम तो कुछ और ही था। अमेरिका में बिजनेस के नाम पर तहव्वुर राणा क्या कर रहा था ये तो 2009 में पता चला यानी 2008 के मुंबई हमलों के बाद। अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों ने डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की प्लानिंग के आरोप में तहव्वुर राणा और उसके दोस्त डेविड हेडली को गिरफ्तार कर लिया। जब पूछताछ हुई तो इसी दौरान पता चला कि मुंबई में हुए आतंकी हमले को डेविड हेडली और तहव्वुर राणा ने करवाया था। इसे भी पढ़ें: Tahawwur Rana Extradited: आ गया तहव्वुर राणा, अब आगे क्या होगा, मोदी का प्लान तैयार!तहव्वुर राणा के मुंह खोलने से पहले ही पाकिस्तान ने उसे कनाडा का नागरिक बता दिया है। पाकिस्तान ने कहा है कि तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपना पासपोर्ट रिन्यू नहीं करवाया है। इसलिए उससे हमारा कोई लेना देना नहीं है। वो तो कनाडा का नागरिक है। यानी अब तहव्वुर राणा जो कुछ बोलेगा उसका जवाब कनाडा को देना होगा। वायरल हो रहा पीएम मोदी का बयान सातवें पाताल में होंगे, उनको भी मैं छोड़ने वाला नही हूँ...2019 में प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा या किसी भी निर्दोष नागरिक पर हमला करेगा, तो भारत उसे पाताल से भी खोजकर न्याय के दरवाजे तक लाएगा। तहव्वुर राणा अब भारत की धरती पर लाया जा चुका है और एनआईए की अदालत में उसके जुर्मों का हिसाब हो रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का ये पुराना बयान खूब वायरल हो रहा है। इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्ररति ट्रंप का भी एक बयान इन दिनों चर्चा में है। जब पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने भारत में न्याय का सामना करने के लिए 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं (तहव्वुर राणा) में से एक के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. वह न्याय का सामना करने के लिए भारत वापस जा रहा है।

तहव्वुर को कैसे घसीट लाया भारत, मोदी के बयान ने हिलाया पाकिस्तान, ट्रंप भी दहाड़े
परिचय
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान ने पाकिस्तान समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। यह बयान खासतौर पर आतंकवादी तहव्वुर राय के संदर्भ में था, जो भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा माना जाता है। भारतीय कूटनीति ने इस मुद्दे को जिस तरह से उठाया है, उससे साफ है कि मोदी सरकार सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। इस लेख में हम इस बयान के व्यापक प्रभावों और तहव्वुर के मुद्दे को विस्तार से समझेंगे। - लेखक: प्रिया शर्मा, टीम नेटानागरी
भारत का कड़ा रुख
मोदी सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ जो कड़ा रुख अपनाया है, उसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है तहव्वुर का मामला। पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा। उनका यह बयान पाकिस्तान के उन दावों को नकारने के लिए भी था, जो वे भारत पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाते रहते हैं।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
मोदी के इस कड़े बयान पर पाकिस्तान ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। इसकी सरकार ने इसे भारत की पुरानी नीतियों का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि भारत अपने ही लोगों के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन क्या पाकिस्तान अपनी ज़िम्मेदारियों से बच सकता है? यह सवाल अब भी बना हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
इस मामले पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने विचार रखे हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत का यह कदम सही दिशा में है और आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठाना जरूरी है। उनके इस समर्थन ने भारत के कूटनीतिक प्रयासों को और मजबूती दी है। अमेरिका का समर्थन भारत को वैश्विक मंच पर और भी मजबूत बनाता है।
तहव्वुर का मामला
तहव्वुर राय, जो पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ है, भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। लंबे समय से वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। भारत ने उसे लाने के लिए कई हस्तक्षेप किए हैं, जो अब फलदायी हो सकते हैं। यदि मोदी सरकार तहव्वुर को भारत लाने में सफल रहती है, तो यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगी।
निष्कर्ष
मोदी का यह बयान अंतरराष्ट्रीय आतंकी गतिविधियों के खिलाफ एक निर्णायक कदम की तरह देखा जा रहा है। यह केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि आतंकवाद का परिवार कहीं भी सुरक्षित नहीं हो सकता। भारत का यह कड़ा रुख और अमेरिका का समर्थन निश्चित रूप से आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त लड़ाई का आधार बना सकता है। - लेखक: साक्षी वर्मा, टीम नेटानागरी
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