इजराइल ने संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया

इजराइल सरकार ने रविवार को कहा कि वह गाजा में संघर्ष विराम के प्रथम चरण को रमजान और यहूदी पर्व ‘पासओवर’ तक बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन करती है। हमास ने हालांकि संघर्ष विराम के दूसरे चरण पर बातचीत करने पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से यह बयान पहले चरण के संघर्ष विराम के समाप्त होने के कुछ ही मिनटों बाद आया। दूसरे चरण के संघर्ष विराम के लिए बातचीत शुरू हो गई है जिसका उद्देश्य युद्ध को समाप्त करना और गाजा में बंधक बनाए गए सभी शेष जीवित लोगों को छोड़ना है। बयान में इस बारे में नई जानकारी दी गई है जिसे इजराइल ने अमेरिकी प्रस्ताव बताया है। इसमें कहा गया है “पासओवर या 20 अप्रैल तक संघर्ष विराम को आगे बढ़ाया जाएगा। पहले दिन, आधे बंधकों को, चाहे वे जीवित हों या मृत, छोड़ा जाएगा। अगर स्थायी युद्ध विराम पर सहमति बन जाती है तो बाकी को रिहा कर दिया जाएगा।” बयान में कहा गया कि यह प्रस्ताव इसलिए रखा गया क्योंकि अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ को “यह आभास हुआ कि इस स्तर पर युद्ध समाप्त करने के लिए पक्षों के बीच सहमति बनने की कोई संभावना नहीं है, तथा स्थायी युद्ध विराम पर बातचीत के लिए अधिक समय की जरूरत है।” हमास की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। हमास ने पहले संघर्ष विराम के पहले चरण को 42 दिनों के लिए बढ़ाने के इजराइली प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। समूह के एक सदस्य ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा था कि ऐसा करनासंघर्ष विराम समझौते की शर्तों के खिलाफ है। इजराइल के अधिकारी और मध्यस्थ कतर, मिस्र और अमेरिका के अफसर काहिरा में युद्ध विराम के दूसरे चरण को शुरू करने की बातचीत में शामिल रहे हैं। लेकिन हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य बासम नईम ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है और शुक्रवार को इजराइली वार्ताकार स्वदेश लौट गए। हमास इसमें शामिल नहीं हुआ, लेकिन मिस्र और कतर के मध्यस्थों के माध्यम से उसे इसकी स्थिति को बताया गया। संघर्ष विराम समझौते की शर्तों के अनुसार, दूसरे चरण पर बातचीत जारी रहने तक लड़ाई फिर से शुरू नहीं की जाए। इजराइल के नए बयान में कहा गया है कि अगर उसे लगता है कि वार्ता अप्रभावी है तो वह लड़ाई फिर से शुरू कर सकता है। इसमें हमास द्वारा पहले चरण के विस्तार के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार करने का भी उल्लेख किया गया है।

Mar 2, 2025 - 10:39
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इजराइल ने संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया
इजराइल ने संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया

इजराइल ने संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया

Haqiqat Kya Hai

लेखक: सिमा शर्मा, टीम नेतानागरी

हाल ही में, इजराइल ने संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने के लिए अमेरिका द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया। इस विकास ने क्षेत्र की राजनीति में एक नई दिशा दी है और संभावित रूप से भविष्य के शांति प्रयासों को समर्पित कर सकता है। यह खबर न केवल इजराइल बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

संघर्षविराम का महत्व

संघर्षविराम एक महत्वपूर्ण कदम है जो इजराइल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों में स्थिरता लाने में मदद कर सकता है। पिछले कुछ महीनों में बढ़ते तनाव और संघर्षों ने नागरिकों के लिए भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। इसलिए, संघर्षविराम का विस्तार एक राहत की संजीवनी साबित हो सकता है।

अमेरिका का प्रस्ताव

अमेरिका ने प्रस्तावित किया है कि संघर्षविराम के पहले चरण को और बढ़ाया जाए ताकि क्षेत्र में शांति की बहाली हो सके। यह अमेरिकी प्रस्ताव इस बात पर जोर देता है कि सभी पक्षों को बातचीत के लिए एक मंच पर आना चाहिए जिससे दीर्घकालिक शांति की दिशा में प्रगति हो सके।

इजराइल की प्रतिक्रिया

इजराइली अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है और इसे संभावित शांति की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना है। इजराइल के विदेश मंत्री ने कहा, "हम अमेरिका के साथ मिलकर ऐसे उपायों पर काम करेंगे जो स्थायी शांति की दिशा में उठाए जाएं।" यह रुख दर्शाता है कि इजराइल ने क्षेत्रीय स्थिरता के महत्व को समझा है।

भविष्य की संभावना

इस सकारात्मक कदम के बावजूद, क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना अभी बाकी है। फिलिस्तीनी नेताओं ने अमेरिका के प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ दी हैं और इस पर और चर्चा की आवश्यकता को बताया है।

इजराइल और अमेरिका के बीच की यह साझेदारी शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। अगर सभी पक्ष एकजुट होकर काम करें, तो भविष्य में स्थायी शांति की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है।

निष्कर्ष

संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने का अमेरिकी प्रस्ताव, जिसे इजराइल ने समर्थन किया है, इससे निश्चित रूप से क्षेत्र में शांति व्यवस्था के लिए नई उम्मीदें बंधी हैं। देखते हैं कि यह प्रस्ताव कैसे कार्यान्वित होता है और क्या यह स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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Keywords

Israel, ceasefire, American proposal, peace efforts, Middle East conflict, stability, Palestinian leaders, United States, negotiation, regional cooperation

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