अमेरिकी राष्ट्रपति को सुनाई थी खरी-खोटी, अब दुनियाभर में हो रही है चर्चा, ट्रंप ने भी हो गए नाराज

वाशिंगटन की बिशप, मैरिएन एडगर बुडे की इन दिनों अमेरिका में काफी चर्चा हो रही है। महिला बिशप मरियन एडगर बडी ने उनसे गे और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की थी। डोनाल्ड ट्रंप की 'इनॉगरल प्रेयर सर्विस' के दौरान राष्ट्रपति से उन लोगों पर दया करने अपील की थी। हमारे भगवान के नाम पर, मैं आपसे (ट्रंप) हमारे देश के उन लोगों पर दया करने के लिए कहती हूं जो अब डरे हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नेअपने राष्ट्रपति पद के इनोग्रेशन डे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए वाशिंगटन बिशप मैरिएन एडगर बुडे से खासे नाराज नजर आए और उन्होंने उन्हें जनता से माफी मांगनी की बात तक कह डाली।  इसे भी पढ़ें: 20 फरवरी से पहले डिलीवरी कराने के लिए अस्पतालों में लगी भीड़, क्या है ट्रंप का वो आदेश जिसने गर्भवती महिलाओं में मचाया हड़कंपट्रम्प ने टूथ सोशल पर बुड़े को 'कट्टरपंथी वामपंथी' बताते हुए माफी मांगने की मांग की। जॉर्जिया के कांग्रेसी माइक कोलिन्स ने इस अपील के बाद बुडे को 'निर्वासन सूची में जोड़ने' का आह्वान किया। बता दें बुडे एक अमेरिकी नागरिक हैं, इसलिए उन्हें निर्वासित नहीं किया जा सकता। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिशप मैरिएन एडगर बुडे, न्यू जर्सी और कोलोराडो में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने न्यूयॉर्क में रोचेस्टर विश्वविद्यालय से इतिहास में बीए की डिग्री ली. उनके पास वर्जीनिया थियोलॉजिकल सेमिनरी से मास्टर ऑफ डिविनिटी डिग्री (1989) और डॉक्टर ऑफ मिनिस्ट्री डिग्री (2008) भी है। इसे भी पढ़ें: टैक्स, टैरिफ और बैन, धमकी और दोस्ती वाला ट्रंप का रवैया क्या रूस-चीन-ईरान को अमेरिका के करीब ला पाएगा?अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह को टेलीविजन पर अनुमानित 2.46 करोड़ दर्शकों ने देखा। अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल चार वर्ष का होता है और ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में दूसरी बार कार्यभार संभाला है। नीलसन कंपनी ने कहा कि दर्शकों की ये संख्या पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के 2021 के शपथ ग्रहण समारोह के दर्शकों से कम थी। बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम को 3.38 करोड़ लोगों ने देखा था वहीं 2017 में ट्रंप के पिछले कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह को 3.6 करोड दर्शकों ने देखा था। पिछले 50 वर्षों में शपथ ग्रहण समारोह के दर्शकों की संख्या में काफी कमी आई है। 1981 में जब रोनाल्ड रीगन ने पदभार संभाला था तब यह संख्या 4.18 करोड़ थी और 2004 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के दूसरे कार्यकाल के दौरान शपथ ग्रहण समारोह को 1.55 करोड़ लोगों ने देखा था। 

Jan 23, 2025 - 17:15
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अमेरिकी राष्ट्रपति को सुनाई थी खरी-खोटी, अब दुनियाभर में हो रही है चर्चा, ट्रंप ने भी हो गए नाराज
अमेरिकी राष्ट्रपति को सुनाई थी खरी-खोटी, अब दुनियाभर में हो रही है चर्चा, ट्रंप ने भी हो गए नाराज

अमेरिकी राष्ट्रपति को सुनाई थी खरी-खोटी, अब दुनियाभर में हो रही है चर्चा, ट्रंप ने भी हो गए नाराज

Haqiqat Kya Hai

लेखिका: आनंदी शर्मा, टीम नेटानागरी

परिचय

हाल ही में एक अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी नीति और दृष्टिकोण को लेकर तीव्र आलोचना का सामना किया। यह घटना इतनी महत्वपूर्ण बन गई है कि अब यह न केवल अमेरिका में, बल्कि विश्वभर में चर्चा का विषय बन चुकी है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की है। आइए जानते हैं कि यह घटना क्या थी और क्यों यह चर्चा का केंद्र बनी है।

घटना का ब्यौरा

यह घटना उस समय हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने देशों के बीच के रिश्तों और उनकी नीति पर चर्चा करते हुए खुलकर अपनी बात रखी। कई देशों के नेता उपस्थित थे और उन्होंने राष्ट्रपति की बातों पर प्रतिक्रिया दी। इनमें विशेष रूप से यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व के बड़े नेताओं ने अपने विचार साझा किए। राष्ट्रपति की खरी-खोटी ने कुछ नेताओं को असहज कर दिया जबकि कुछ ने इसे सही भी माना।

ट्रंप का नाराजगी भरा बयान

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि वर्तमान राष्ट्रपति का यह रवैया अमेरिका की छवि को नुकसान पहुँचा सकता है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनकी प्रशासन के दौरान ऐसे आलोचनात्मक शब्दों का इस्तेमाल नहीं होता था। ट्रंप के बयान ने इस घटना को और भी प्रभावित किया है।

दुनिया का दृष्टिकोण

इस घटना को लेकर विभिन्न मीडिया चैनल्स और सोशल माध्यमों पर अभिव्यक्तियाँ सामने आई हैं। कुछ लोग इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं, क्योंकि ऐसा मानना है कि यह गहन संवाद का प्रारंभ है। वहीं, दूसरों का मानना है कि यह अमेरिका की विदेश नीति के प्रति एक नकारात्मक संकेत है।

निष्कर्ष

संक्षेप में, राष्ट्रपति की खरी-खोटी ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित किया है और यह देखा जा रहा है कि विभिन्न देश इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। ट्रंप का बयान भी इस मुद्दे को और गरमा देता है। भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका अपने विदेश नीति में क्या बदलाव करता है। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि वैश्विक राजनीति में संवाद महत्वपूर्ण हैं और विवाद भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा हैं।

तो, आप क्या सोचते हैं इस घटनाक्रम के बारे में? प्रतिक्रिया के लिए कमेंट करें। अधिक अपडेट के लिए, देखें haqiqatkyahai.com।

Keywords

American President, Trump, International Relations, Global Politics, Criticism, Donald Trump, Foreign Policy, News Analysis, World Leaders, USA Politics

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