अपने निजी विमान में दोस्त मोदी को उड़ाकर कहां ले गए मैक्रों? मिल गया पुतिन सा एक और यार
भारत के सबसे पुरानी और जांचे परखे दोस्त रूस का जिक्र जब भी आता है तो हम हिंदुस्तानी की बांछे खिल उठती है। भारत का सबसे खास दोस्त रूस और उसका समय समय पर हिंदुस्तान के लिए खड़ा रहना। इससे पूरी दुनिया वाकिफ भी है। पीएम मोदी ने पुतिन संग मिलकर उस दोस्ती के रंग को और गाढ़ा किया है। पुतिन की तरह ही मोदी के एक और दोस्त हैं जो उन्हें प्यार से प्रिय नरेंद्र कहकर संबोधित करते हैं। ये नाम फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का है। दोनों के बीच की कैमेस्ट्री को देखकर ऐसा कहा जा सरका है कि रूस और भारत की दोस्ती के जैसे चर्चे देश दुनिया में होते हैं। वो दिन भी दूर नहीं जब भारत और फ्रांस की दोस्ती के तराने छेड़े जाएंगे। इसकी बानगी प्रधानमंत्री मोदी के चल रहे पेरिस दौरे के दौरान देखने को मिल रही है। यहां मैक्रों ने जिस तरह से मोदी के लैंड करते ही उन्हें लपक कर गले लगाना हो या जहां जहां भी मोदी जा रहे वो वहां साए की तरह उनके साथ कदम बढ़ाना हो। कुलमिलाकर कहे तो मैक्रों ने मोदी की आवभगत में कोई कमी नहीं छोड़ी है। इसे भी पढ़ें: UNSC में फ्रांस की तरफ से भारत को वीटो! सदस्यता के लिए अब चीन से भी भिड़ने की तैयारी में मोदी के दोस्त मैक्रों!आलम ये है कि फ्रांसिसी राष्ट्रपति अपने विमान में पीएम मोदी को बिठाकर ले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार देर शाम फ्रांसीसी राष्ट्रपति विमान में पेरिस से मार्सिले के लिए एक साथ उड़ान भरी। एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे एक प्रतीकात्मक इशारा बताया जो मजबूत भारत-फ्रांस संबंधों का प्रतीक है। विदेश मंत्रालय ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत तालमेल को दर्शाते हुए एक विशेष संकेत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कल फ्रांसीसी राष्ट्रपति विमान में पेरिस से मार्सिले तक एक साथ उड़ान भरी। इसे भी पढ़ें: 21 फरवरी को 98वें मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी, देशभर के लेखकों होंगे एक मंच परसंयुक्त बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी और मैक्रॉन ने द्विपक्षीय संबंधों और प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों के पूर्ण स्पेक्ट्रम पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो पिछले 25 वर्षों में तेजी से एक बहुआयामी रिश्ते में विकसित हुई है। इससे पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने संयुक्त रूप से फ्रांस के मार्सिले शहर में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया। भीड़ के जयकारे के बीच बटन दबाकर उद्घाटन किया गया। इनमें से कई लोग भारत और फ्रांस दोनों के राष्ट्रीय झंडे लेकर आए थे, जबकि कुछ ने तिरंगे रंग की टोपी पहन रखी थी, जिससे इस मौके पर रंगत और बढ़ गई। उद्घाटन से पहले, मोदी और मैक्रॉन ने ऐतिहासिक मजारगुएस कब्रिस्तान का दौरा किया और महान युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। मजारगुएस कब्रिस्तान में आयोजित एक समारोह में पीएम मोदी ने तिरंगे थीम वाले फूलों से बनी पुष्पांजलि अर्पित की। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपने फ्रांसीसी समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए, मोदी ने उस प्रतिष्ठित स्थल पर हाथ जोड़कर और नम्र प्रणाम करके श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां एक 'भारतीय स्मारक' भी है।

अपने निजी विमान में दोस्त मोदी को उड़ाकर कहां ले गए मैक्रों? मिल गया पुतिन सा एक और यार
Haqiqat Kya Hai
लेखिका: साक्षी वर्मा, टीम नेटानागरी
परिचय
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हाल ही में एक विशेष यात्रा की, जिसमें उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने निजी विमान में अपने साथ ले जाने का निर्णय लिया। यह घटना न केवल दोनों देशों के बीच के संबंधों को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे वैश्विक नेता एक-दूसरे के साथ व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ रहे हैं। इस यात्रा के संदर्भ में कई प्रश्न उठते हैं, खासकर यह जानने के लिए कि वे आखिर गए कहां और इसके पीछे की वजह क्या है।
यात्रा की विशेषताएँ
मैक्रों और मोदी की यात्रा न केवल भारत और फ्रांस के संबंधों को मजबूत करने का एक प्रयास है, बल्कि इसे एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहेली के रूप में भी देखा जा सकता है। निजी विमान में यात्रा करने का निर्णय इस बात का संकेत है कि दोनों नेता एक-दूसरे के साथ एक उच्च स्तर पर जुड़ना चाहते हैं। यह यात्रा कहीं न कहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन की दोस्ती की तर्ज पर है और यह सवाल उठता है कि क्या यह एक नया यार बनने का अग्रसर है।
कहां ले गए मैक्रों?
इस विशेष यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा वैश्विक सुरक्षा, व्यापार और जलवायु संकट पर चर्चा करने के लिए थी। जैसा कि हम जानते हैं, मोदी और मैक्रों दोनों ही जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं और उन्होंने इस पर कई बार अपने विचार साझा किए हैं। ऐसे में, उनकी यह यात्रा नए गठबंधन और सहयोग के लिए द्वार खोल सकती है।
वैश्विक राजनीति में यह यात्रा कैसे महत्वपूर्ण है?
इस यात्रा के पीछे के कारण केवल व्यापारिक सहयोग या जलवायु परिवर्तन तक सीमित नहीं हैं। इसके अलावा, यह यात्रा अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव और रूस की स्थिति के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है। दोनों नेता एक-दूसरे के साथ अपने विचार साझा करके एक समन्वित दृष्टिकोण तैयार कर सकते हैं, जो भविष्य में वैश्विक मामलों में मददगार हो सकता है।
निष्कर्ष
इमैनुएल मैक्रों और नरेंद्र मोदी की यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत स्तर पर उनकी मित्रता को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक कूटनीति में भी इसका अपना महत्व है। यह दिखाती है कि कैसे एक सकारात्मक रिश्ते का निर्माण किया जा सकता है और यह शायद दुनिया के अन्य नेताओं को भी एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है। इसलिए, हमें यह देखना होगा कि इस यात्रा से कौन-कौन से बड़े बदलाव सामने आते हैं।
For more updates, visit haqiqatkyahai.com.
Keywords
private jet, Modi, Macron, friendship, Putin, international relations, diplomacy, climate change, global politics, India France relationsWhat's Your Reaction?






