Donald Trump के सहयोगी ने Volodymyr Zelenskyy को दी थी ये सलाह, मान लेते तो नहीं होती बहस
हाल ही में अमेरिका दौरे पर आए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को ओवल ऑफ़िस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बहस करते देखा गया था। कैमरों के सामने दोनों राष्ट्रपतियों के बीच हुई बहस ने दुनिया को चौंका दिया था। अब ट्रंप के जाने-माने सहयोगी लिंडसे ग्राहम ने खुलासा किया है कि उन्होंने ज़ेलेंस्की को इस बहस में न पड़ने की चेतावनी दी थी।ग्राहम, जो रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक सीनेटरों के एक समूह में शामिल थे, जिन्होंने 28 फरवरी को ट्रम्प के साथ ओवल ऑफिस की बैठक से पहले ज़ेलेंस्की से मुलाकात की, ने संवाददाताओं से कहा, 'मैंने आज सुबह उनसे कहा, 'फंसे नहीं। मीडिया या किसी और को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ बहस में न पड़ने दें। आज वह जो कर रहे हैं, वह संबंधों को फिर से स्थापित करना है।' इसे भी पढ़ें: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री Imran Khan ने लोकतंत्र और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए वैश्विक मदद मांगीदक्षिण कैरोलिना रिपब्लिकन ने कहा, 'मैंने ओवल ऑफिस में जो देखा वह अपमानजनक था, और मुझे नहीं पता कि हम कभी ज़ेलेंस्की के साथ फिर से व्यापार कर पाएंगे या नहीं। मुझे लगता है कि अधिकांश अमेरिकियों ने एक ऐसे व्यक्ति को देखा, जिसके साथ वे व्यापार में नहीं जाना चाहेंगे, जिस तरह से उन्होंने बैठक को संभाला।'ट्रम्प-जेलेंस्की की बैठक सौहार्दपूर्ण ढंग से शुरू हुई, क्योंकि उन्होंने विनम्रता से बात की, कभी-कभी एक-दूसरे की प्रशंसा भी की। लेकिन जब यूक्रेनी नेता ने लड़ाई को समाप्त करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के किसी भी वादे पर भरोसा करने के बारे में चिंता जताई, तो उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से ट्रंप के साथ असहमति व्यक्त करने के लिए फटकार लगाई, जिससे बातचीत का स्वर तुरंत बदल गया। इसे भी पढ़ें: इजराइल ने संघर्षविराम के पहले चरण को बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन कियाअसाधारण अनुपात के अदृश्य सार्वजनिक विस्फोट के परिणामस्वरूप, ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की के साथ एक निर्धारित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी और उन्हें व्हाइट हाउस से बाहर जाने का आदेश दिया। अमेरिका और यूक्रेन के बीच लंबे समय से मांगे जा रहे खनिज सौदे पर भी हस्ताक्षर नहीं किए गए।

Donald Trump के सहयोगी ने Volodymyr Zelenskyy को दी थी ये सलाह, मान लेते तो नहीं होती बहस
Haqiqat Kya Hai
अमेरिकी राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में हमेशा कुछ नया सुनने को मिलता है। हाल ही में, डोनाल्ड ट्रम्प के पूर्व सहयोगी की एक सलाह ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। इस लेख में हम जानेंगे कि वास्तव में इस सलाह का क्या असर हो सकता था और ज़ेलेंस्की को इसे मान लेने पर क्या परिणाम हो सकते थे।
प्रस्तावना
हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप के एक प्रमुख सहयोगी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को एक महत्वपूर्ण सलाह दी थी। यह सलाह अमेरिकी-यूक्रेनी संबंधों और उस समय की राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दी गई थी। यदि ज़ेलेंस्की ने इस सलाह को स्वीकार कर लिया होता, तो शायद आज की बहस की स्थिति बिलकुल अलग होती।
सलाह की विस्तृत जानकारी
ट्रंप के सहयोगी ने ज़ेलेंस्की को सलाह दी थी कि यदि वे अमेरिका के साथ सहयोग के लिए एक अधिक प्रभावशाली प्रस्ताव पेश करें, तो इससे यूक्रेन को बेहतर आर्थिक और सैन्य समर्थन प्राप्त हो सकता है। यह सलाह उन परिस्थितियों में दी गई थी जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था।
यदि ज़ेलेंस्की ने इस सलाह को गंभीरता से लिया होता, तो उन्हें अमेरिका से अधिक समर्थन मिल सकता था, जिससे रूस की आक्रामकता को नियंत्रित करने में मदद मिलती। इस सलाह ने यह स्पष्ट करती है कि राजनीति में सही समय पर सही सलाह कितनी महत्वपूर्ण होती है।
क्या होता अगर सलाह मानी जाती?
यदि ज़ेलेंस्की ने इस सलाह को अपनाया होता, तो अमेरिका के साथ उनके संबंधों में और भी मजबूती आती। इसके परिणामस्वरूप, यूक्रेन को अधिक सैन्य सामग्री और आर्थिक सहायता मिलने की संभावना बढ़ जाती। यह बात स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कभी-कभी छोटी-छोटी बातें भी बड़े बदलाव ला सकती हैं।
निष्कर्ष
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कूटनीति और राजनीतिक सलाह के महत्व को कभी कम नहीं आंकना चाहिए। ट्रंप के सहयोगी की सलाह ने यूक्रेन के लिए एक नई दिशा सुझाई, और यदि इसे स्वीकार किया जाता, तो शायद कुछ परिस्थितियों में सुधार होता। ऐसे में हमें यह समझने की जरूरत है कि सही समय पर सही निर्णय कितना आवश्यक होता है।
इसलिए, भविष्य में जब भी कोई मुलाकात या सलाह दी जाए, उसे ध्यान से सुनना चाहिए। हालात हमेशा बदलते रहते हैं, और यही राजनीति की खूबसूरती है।
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