खराब मौसम में उड़ान भरना पड़ा भारी, ट्रांस भारत हेली कंपनी के दो पायलटों के लाइसेंस छह माह के लिए रद्द
देहरादून : 15 जून की सुबह खराब मौसम के बावजूद उड़ान भरना ट्रांस भारत हेली The post खराब मौसम में उड़ान भरना पड़ा भारी, ट्रांस भारत हेली कंपनी के दो पायलटों के लाइसेंस छह माह के लिए रद्द first appeared on radhaswaminews.

खराब मौसम में उड़ान भरना पड़ा भारी, ट्रांस भारत हेली कंपनी के दो पायलटों के लाइसेंस छह माह के लिए रद्द
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देहरादून: 15 जून की सुबह खराब मौसम के बावजूद उड़ान भरना ट्रांस भारत हेली कंपनी के दो पायलटों को भारी पड़ गया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने नियमों की अनदेखी पर सख्त रुख अपनाते हुए पायलट योगेश ग्रेवाल और जितेंद्र हरजई के उड़ान लाइसेंस छह-छह महीने के लिए निलंबित कर दिए हैं। यह निर्णय उस गंभीर घटना के दृष्टिगत लिया गया, जिसमें एक अन्य कंपनी का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
घटना का विवरण
यह मामला चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ मार्ग का है, जहां 15 जून को सुबह 5 से 6 बजे के शेड्यूल में आर्यन हेली कंपनी और ट्रांस भारत हेली कंपनी के कुल तीन हेलिकॉप्टरों ने गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। आर्यन का हेलिकॉप्टर सबसे आगे था, जबकि इसके पीछे ट्रांस भारत के दो हेलिकॉप्टर उड़ान पर थे।
केदारनाथ से यात्रियों को लेकर तीनों हेलिकॉप्टरों ने पुनः टेकऑफ किया, लेकिन गुप्तकाशी लौटते समय घने कोहरे और बेहद कम दृश्यता के चलते आर्यन हेली कंपनी का हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में आर्यन हेली कंपनी का पायलट जान गंवा बैठा, जबकि ट्रांस भारत के दोनों हेलिकॉप्टर सुरक्षित गुप्तकाशी पहुंच गए थे। हादसे के बाद ट्रांस भारत के पायलटों द्वारा ही आर्यन के लापता हेलिकॉप्टर की सूचना दी गई थी, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।
डीजीसीए की कार्रवाई
डीजीसीए ने उड़ान नियमों के उल्लंघन को एक गंभीर चूक माना है। हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि इस नियम उल्लंघन के कारण कार्रवाई की गई है। उनका कहना है कि यात्रा के दौरान पायलटों को मौसम की स्थिति पर खास सतर्कता बरतनी होती है।
दृश्यता की अनिवार्य न्यूनतम सीमा के बिना उड़ान लेना जान जोखिम में डालने जैसा है। चारधाम यात्रा के दौरान पहले भी मौसम को नजरअंदाज कर उड़ानों के संबंध में सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब डीजीसीए द्वारा की गई यह सख्त कार्रवाई अन्य कंपनियों और पायलटों के लिए भी एक चेतावनी मानी जा रही है।
विश्लेषण और निष्कर्ष
यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सबक भी है कि जब मौसम खराब हो, तो उड़ान के फैसले को सावधानीपूर्वक लेना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि पायलटों की सुरक्षा के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा भी सर्वोपरि है। डीजीसीए का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
ड्राईवर्स और पायलटों के लिए यह समय है कि वे मौसम की बदलती स्थिति पर ध्यान दें और सुरक्षित उड़नों के लिए सभी नियमों का पालन करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो सुरक्षा से संबंधित सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, इस घटना ने ट्रांस भारत हेली कंपनी को भी अपनी संचालन प्रक्रिया का आंकलन करने पर मजबूर किया है।
इस स्थिति को देखते हुए, यह कहना उचित होगा कि सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए। ट्रांस भारत हेली कंपनी के लिए यह एक चुनौती है, लेकिन हमें उम्मीद है कि वे इसे अवसर में बदल सकते हैं।
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